हैश टैग 'दिल्ली पुलिस शर्म करो' , सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल

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हैश टैग 'दिल्ली पुलिस शर्म करो' , सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल
आधी रात के वक़्त दिल्ली पुलिस नशे में धुत होकर पहलवानों का नशा उतारने जंतर मंतर पर पहुँच गई
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दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस के पास बुधवार की आधी रात को जो हंगामा हुआ उसने सनसनी फैला दी। कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे खिलाड़ियों की कल रात पुलिस से झड़प हो गई ..। बारिश में फोल्डिंग बेड को लेकर मामला ऐसा गरमाया कि नौबत हाथापाई तक आ गई ...। और इस मामले में करेला नीम पर तब चढ़ गया जब एक पुलिस अफसर ने नशे की हालत में महिला पहलवानों के साथ गाली गलौच में बात की और उनके साथ बदतमीजी कर दी। बात इसलिए भी बिगड़ने लगी क्योंकि दिल्ली के पुलिस के जवानों ने महिला पहलवानों को जब पकड़ने की कोशिश की तो बवाल हो गया। महिला पहलवान तो पहले से ही भड़की हुईं थी। वहां धरने पर मौजूद तमाम पहलवान और समर्थक पुलिस के खिलाफ ताल ठोंकने को उतारू हो गए।
दिल्ली पुलिस और धरना दे रहे पहलवानों के बीच हुई ये कलह सोशल मीडिया पर बुरी तरह से ट्रेंड करने लगी। ट्वीटर पर दिल्ली पुलिस शर्म करो के हैशटैग से बेहिसाब वीडियो हवा में तैर गए।


दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे खिलाड़ियों ने पुलिस पर गालीगलौज और मारपीट तक का आरोप लगाया है। साक्षी मलिक और विनेश ने आरोप लगाया है कि नशे में धुत एक पुलिसकर्मी ने उनसे बदतमीजी की...इसके बाद वहां मौजूद बाकी पहलवानों ने हंगामा कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि अपनी बहन विनेश फोगाट के समर्थन में आए दुष्यंत को सिर में चोट लगी...। हंगामे के बाद खिलाड़ियों के समर्थन में जंतर मंतर पहुंचे आप नेताओं, किसान नेताओं और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और धरनास्थल सील कर दिया गया।
सच कहा जाए तो जंतर मंतर पर मिड नाइट ड्रामा देखने को मिला। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनेश ने पुलिस पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया तो बजरंग पूनिया ने उसी वक़्त देश के गृह मंत्री अमित शाह को एक चिट्ठी लिखकर दिल्ली पुलिस की शिकायत कर डाली। 


3 मई को आधी रात के वक़्त जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच जमकर कुश्ती हुई। बात पहले घेराबंदी से शुरू हुई और फिर देखते ही देखते नोंक झोंक होने लगी। धरना दे रहे पहलवानों का आरोप है कि पुलिस ने जबरन वहां सभी को पहले खदेड़ने की कोशिश की और बाद में उनके साथ मारपीट भी की। 
सबसे हैरानी की बात ये है कि इस मिड नाइड ड्रामे के बाद मौके पर पहुँचे दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालिवाल, दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज और विधायक कुलदीप समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 
असल में इस हंगामें की शुरूआत उस वक़्त हुई जब आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती धरना दे रहे पहलवानों के लिए फोल्डिंग पलंग लेकर धरनास्थल पर जा पहुँचे। सोमनाथ भारती ने इसकी अनुमति नहीं ली थी। दिल्ली पुलिस ने जब इन्हें रोका तो सोमनाथ भारती और उनके समर्थक उत्तेजित होकर नारेबाजी करने लगे, और ट्रक पर लदे बेड निकालने की कोशिश करने लगे। पहले तो पुलिस और सोमनाथ भारती के बीच बातचीत होती रही और देखते ही देखते ये बातचीत तीखी नोंक झोंक में तब्दील हो गई। और इसके बाद पुलिस ने सोमनाथ भारती और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया। 

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इसी बीच धरना देने वाले पहलवानों ने कहा कि बारिश की वजह से सब जगह पानी भरा है और कहीं भी बैठने और सोने की जगह नहीं है, तो एक पुलिस कर्मी धर्मेंद्र पहलवानों को धक्के मारने लगा। लेकिन बात उस वक़्त बिगड़ गई जब दूसरा पुलिसवाला शराब के नशे में पहलवानों को गाली देने लगा। इस पर विनेश ने कहा कि क्या यही दिन देखने के लिए मैडल लेकर आए थे। और इसके बाद विनेश ने पुलिस कमिश्नर से उस पुलिसवाले की शिकायत की। महिला पहलवान विनेश फोगाट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को शिकायती पत्र लिखा तो एसीपी धर्मेंद्र ने धरना दे रहे पहलवानों को फौरन जंतर मंतर खाली करने के लिए धमकाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं पहलवानों ने धर्मेंद्र के खिलाफ भी अलग से शिकायत की कि उन्होंने न सिर्फ लोगों को धमकाया बल्कि गालियां भी दीं। 
इसी बीच पहलवान बजरंग पूनिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी एक चिट्ठी लिखी जिसमें 3 मई की रात के हंगामे का हवाला देते हुए सारा किस्सा बयां कर दिया। इसके अलावा बजरंग पूनिया ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए वाटरप्रूफ टेंट लगाने की भी अनुमति मांगी है। 
 

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