संसद सुरक्षा में सेंध लगाने वाले इसलिए सरकार को मजबूर कराना चाहते थे, कोर्ट में पुलिस का बड़ा खुलासा
Delhi News : संसद की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले क्या चाहते थे आरोपी. मुख्य आरोपी ललित झा की क्या थी असली साजिश. खुद दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में बता दिया.
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Delhi Parliament Security Breach : 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर लोकसभा की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी संसद में घुसने के बाद पूरे देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं. जिससे वे सरकार से अपनी मांगों को मानने के लिए मजबूर कर सकें. इसके अलावा ये भी पता चला है कि इस गहरी साजिश में सिर्फ 6 लोग नहीं बल्कि काफी संख्या में लोग शामिल रहे हैं. जिन्होंने मुख्य आरोपी ललित झा के भागने से लेकर उसके राजस्थान में छुपने के लिए पनाह दी थी. ये भी पता चला है कि साजिश रचने के दौरान सभी आरोपी कई बार आपस में मिले थे. पूरी फूल प्रूफ साजिश के बाद ही इसे 13 दिसंबर को अंजाम दिया था. अब दिल्ली पुलिस पूरी घटना का सीन री-क्रिएट भी कर सकती है. जिसके लिए संसद से परमिशन मांगने की तैयारी हो सकती है.
दिल्ली पुलिस में अदालत में क्या कहा
Lok Sabha Update News : PTI की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत में कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार ललित झा पूरे षड्यंत्र का सरगना है और वह अन्य आरोपियों के साथ देश में अराजकता फैलाना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर कर सकें। सूत्रों ने कहा कि पुलिस 13 दिसंबर को हुई इस घटना का नाट्य रूपांतरण करने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है। यह घटना 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी पर हुई थी। पश्चिम बंगाल के रहने वाले झा को कल रात गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में दावा किया कि झा ने स्वीकार किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए आरोपी कई बार एक-दूसरे से मिले थे।
ललित झा ने राजस्थान में जलाए फोन, छुपाया भी
Lalit Jha News : पुलिस ने कहा कि इसके अलावा आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की आवश्यकता है कि क्या उसका किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई संबंध है। जांच की दिशा के बारे में बात करते हुए पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे ललित झा को राजस्थान ले जाएंगे ताकि उस स्थान का पता चल सके जहां उसने अपना फोन फेंका था और दूसरों के फोन जला दिए थे। अधिकारी ने कहा, ''घटना के बाद वह राजस्थान भाग गया था, जहां वह दो दिन तक रहा और कल रात दिल्ली लौट आया।'' अधिकारी ने कहा कि मामले में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पुलिस के पास आरोपियों के मोबाइल फोन नहीं हैं, जिससे साजिश का पता लगाने और अधिक लोगों की संलिप्तता के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिल सके।
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मुख्य आरोपी की कई लोगों ने की मदद
Lalit Jha : उन्होंने कहा कि पुलिस सुबह से दो और लोगों - कैलाश और महेश - से पूछताछ कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद ललित झा राजस्थान के नागौर भाग गया। सूत्रों ने बताया कि कुमावत और कैलाश ने वहां उसके रहने की व्यवस्था की। कुमावत और कैलाश चचेरे भाई हैं। अधिकारी ने कहा, “हम सदन के अंदर और संसद भवन के बाहर घटना के नाट्य रूपांतरण की अनुमति लेने के लिए संसद से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं। बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किए गए ललित झा ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने अपना फोन दिल्ली-जयपुर सीमा के पास फेंक दिया था और अन्य आरोपियों के फोन भी नष्ट कर दिए थे।”
आरोपियों ने जिस तरह से साजिश रची थी और घटना से पहले रेकी करने के लिए कई बार दिल्ली का दौरा किया था, उससे पुलिस को इसमें विदेशी ताकत का हाथ होने का संदेह है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने केन को जूते में छिपाने में आरोपियों की मदद की थी। अधिकारी से पूछा गया कि उन्होंने इस कृत्य को अंजाम क्यों दिया। इसपर उन्होंने कहा कि झा ने बताया है कि वे 'बेरोजगारी' से परेशान थे। पुलिस ने कहा पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान ''झा ने खुलासा किया कि वे देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए मजबूर कर सकें।
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