महुआ मोइत्रा का दावा, दो नवंबर को सारे झूठ का पर्दाफाश कर दूंगी, आचार समिति के दायरे में आपराधिक मामले नहीं आते

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जांच जारी
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Delhi News Mahua Moitra : तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को कहा कि वह ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के आरोप से संबंधित मामले में दो नवंबर को लोकसभा आचार समिति के सामने पेश होंगी और वह उन सारे झूठ का पर्दाफाश कर देंगी जो उन्हें संसद में चुप कराने के मकसद से फैलाए गए हैं। साथ ही, उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से जिरह करने की इच्छा भी व्यक्त की। मोइत्रा ने अपने पहले से तय कार्यक्रमों को हवाला देते हुए समिति के प्रमुख विनोद कुमार सोनकर से 5 नवंबर के बाद समिति की बैठक बुलाने का आग्रह किया था, लेकिन समिति ने दो नवंबर से आगे की तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया था।

लोकसभा आचार समिति के सामने पेश होंगी 

मोइत्रा ने मंगलवार को सवाल किया कि क्या आचार समिति कथित आपराधिकता के आरोपों की जांच करने के लिए उचित मंच है? उन्होंने बताया कि संसदीय समितियों में आपराधिक मामलों में क्षेत्राधिकार का अभाव है और उन्होंने ऐसे मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को शामिल करने के महत्व पर जोर दिया। तृणमूल सांसद ने कहा, 'अपना विरोध दर्ज कराते हुए मैं आपको सूचित करना चाहती हूं कि मैं समन का सम्मान करूंगी और 2 नवंबर, 2023 को पूर्वाह्न 11 बजे समिति के सामने उपस्थित हो जाऊंगी।’’ मोइत्रा ने कहा कि लोकसभा आचार समिति ने अभी तक आदर्श आचार संहिता तय नहीं की है। 

दो नवंबर को सारे झूठ का पर्दाफाश कर दूंगी

उनका कहना था, '2021 के बाद से समिति की कोई बैठक नहीं हुई थी। इसे अभी आदर्श आचार संहिता तैयार करनी है। किसी भी संसदीय स्थायी समिति के पास अपराधिकारिक मामलों का अधिकार क्षेत्र नहीं है। यदि आपराधिकता का कोई आरोप है, तो कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इसकी जांच करने की आवश्यकता है।' इस मामले के संदर्भ में वकील जय अनंत देहाद्राई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज करवाए थे। भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 अडाणी समूह पर केंद्रित थे।

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संसदीय स्थायी समिति के पास अपराधिकारिक मामलों का अधिकार क्षेत्र नहीं

उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडाणी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ने आरोपों को ‘ठुकराए हुए पूर्व प्रेमी’ का झूठ करार देते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अडाणी समूह उन्हें निशाना बनाने के लिए उनके पीछे पड़ा है क्योंकि वह समूह से जुड़े लेन-देन पर लगातार सवाल उठा रही हैं। हीरानंदानी ने एक हस्ताक्षरित हलफनामे में स्वीकार किया है कि मोइत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘‘छवि खराब करने और उन्हें असहज करने’’ के लिए गौतम अडाणी पर निशाना साधा।

(PTI)

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