दिल्ली NCR में दोपहर के समय कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर इतनी थी तीव्रता
Delhi NCR Earthquake: गुरुवार की दोपहर अचानक दिल्ली और एनसीआर की धरती कांप उठी। दोपहर बाद भूकंप के झटके महसूस हुए।
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Earthquake Intensity : गुरुवार की दोपहर अचानक दिल्ली और एनसीआर की धरती कांप उठी। यहां दोपहर बाद भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने अपने दफ्तरों और घरों से बाहर निकल आए। पता चला है कि भूकंप के झटके जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के पीर पंचाल इलाके में महसूस किए गए थे। ये झटके काफी तेज थे। भूकंप के झटके भारत के सुदूर दक्षिण अंडमान निकोबार में भी महसूस किए गए।
भूकंप के इन झटकों की तीव्रता 4.1
बताया जा रहा है कि रिक्टर स्केल पर भूकंप के इन झटकों की तीव्रता 4.1 नापी गई। इन भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर हिन्दकुश पहाड़ी पर बताया जा रहा है।
जापान में आया था तेज भूकंप
कुछ ही दिनों पहले जापान में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पिछले हफ्ते मंगलवार को मध्य जापान में आए उस भूकंप की तीव्रता 7.4 नापी गई थी। जापान के मौसम विज्ञानी एजेंसी के मुताबिक जापान सागर के नजदीक आए उस भूकंप से सारा देश दहल गया था। नए साल के पहले ही दिन जापान में आए भूकंप ने कई हिस्सों में तबाही ला दी थी। जापान में आए पहले ही दिन भूकंप की वजह से मरने वालों की संख्या 200 से ज्यादा थी जबकि करीब 100 लोगों के लापता होने की खबर है।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता से वहां होने वाली जमीनी हलचल का पता मिल जाता है-
0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप को सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही नापा जा सकता है
2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर जमीन में बहुत हल्का कंपन होता है
3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर जमीन की थरथराहट कुछ ऐसी होती है जैसे आस पास से ट्रक या भारी वाहन गुजर रहा है
4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर मकानों की खिड़कियां तक टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगी फोटो या सीनरी गिर भी सकती हैं
5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हलचल तेज होती है और घरों के फर्नीचर तक हिल सकते हैं।
6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव में दरार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है और जिससे ऊपरी मंजिल को ज़्यादा नुकसान हो सकता है
7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों के गिरने का खतरा बढ़ जाता है...जबकि जमीन के भीतर पाइप तक फट जाते हैं।
8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर बड़ी और ऊंची इमारतों के साथ साथ पुल भी गिर सकते हैं
9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर तबाही ज्यादा बड़ी हो जाती है, जमीन में बड़े बड़े गड्ढे हो जाते हैं या फिर सड़क तक फट जाती है...
इतनी तीव्रता के भूकंप में जमीन को हिलते हुए देखा तक जा सकता है। इस तरह के भूकंप में सुनामी का खतरा बढ़ जाता है...भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
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