'एसएचओ साहब साइको है, उन्हें इलाज की जरूरत है' ...जब सूसू करने गए एक अफसर से भिड़ गया थानेदार

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'एसएचओ साहब साइको है, उन्हें इलाज की जरूरत है' ...जब सूसू करने गए एक अफसर से भिड़ गया थानेदार
Delhi Police
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Delhi Lajpat Nagar SHO Controversy : दिल्ली के लाजपत नगर थाने के दो इंस्पेक्टर आपस में ही भिड़ गए हैं। एक इंस्पेक्टर ने दूसरे को साइको करार दे दिया। इतना ही नहीं, इंस्पेक्टर ने बाकायदा इस बारे में पुलिस की जनरल डायरी में एंट्री तक करवा ली।


ये घटना लाजपत नगर थाने की है। ये थाना साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक के अंतर्गत आता है। यहां थाने के एसएचओ सत्य प्रकाश हैं। थाने के ATO रणबीर सिंह है। ये वाक्या 23 सितंबर का है। लाजपत नगर थाने के SHO सत्य प्रकाश के खिलाफ़ ATO रणबीर सिंह ने मोर्चा खोल दिया।  उन्होंने थाने में मौजूद GD जनरल डायरी में एंट्री में लिखा  कि SHO साइको है। वो पावर का मिस यूज करते हैं। अभद्रता करते हैं।

पुलिस वाले की शिकायत


ATO रणबीर सिंह ने मुताबिक - 
  
आज 23 सितंबर 23 को सुबह लगभग 09:30 बजे मैं अदालत के लिए तैयार होने के लिए शौचालय गया क्योंकि मैं रात में लाजपत नगर थाने में ही रुका था।  मैं वॉशरूम से वापस आया और अपना मोबाइल फोन चेक किया। मुझे लगभग 09:34 से 9:42 बजे तक SHO सर की 2 मिस्ड कॉल और ड्यूटी ऑफिसर की भी मिस्ड कॉल मिलीं। मैंने तुरंत SHO साहब को कॉल बैक किया। वह फोन कॉल पर मुझसे ऊंची आवाज में बात करने लगे और बदतमीजी करने लगे और कहने लगे कि तुम जानबूझ कर मेरा फोन नहीं उठा रहे हो। मैंने SHO को वास्तविक कारण बताया। 

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इसके बाद मैंने साकेत कोर्ट के लिए रवानगी के लिए एएसआई दुष्यंत को फोन किया तो उन्होंने मुझे बताया कि SHO साहब ने गैर हाजिरी लगाने करने का आदेश दिया है और उन्होंने मेरी एब्सेंट लगा दी है। मैंने उससे कहा कि मैं पुलिस स्टेशन में मौजूद हूं। मैं सिर्फ शौचालय के लिए गया था, वे मेरी अनुपस्थिति कैसे दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद मैं डीओ कक्ष में भी गया, डीओ ने मुझे बताया कि थानेदार ने गुस्से में आकर गैर हाजिरी लगाने का आदेश दिया। 


इसके बाद मैंने थानेदार को अनुपस्थित रहने का कारण पूछने के लिए कई बार फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। मैं कोर्ट रूम में SHO से मिला और अनुपस्थित रहने का कारण पूछा। उन्होंने मुझे बताया कि वह बॉस हैं। वह पुलिस स्टेशन के मालिक हैं। वह कुछ भी कर सकते हैं।  SHO/इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश हर मुद्दे पर आक्रामक और हताश हो गए हैं। वह मनोरोगी हो गया है, उसे इलाज की जरूरत है। यह SHO लाजपत नगर द्वारा दुर्व्यवहार और शक्तियों का दुरुपयोग भी है। यह अपने सहयोगियों के प्रति गैर-पेशेवर रवैया है।
अब इस मुद्दे को लेकर थाने से लेकर पूरे साउथ ईस्ट जिले में इसी चर्चा है। ऐसे में देखना होगा कि इलाके के डीसीपी राजेश देव इस पर क्या एक्शन लेते है? लेकिन इस घटना के बाद कई सवाल जरूर खडे़ हो गए हैं। 

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dcp Rajesh Deo

मसलन

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आखिर इतनी सी बात पर क्यों SHO भड़क गए?

क्या दोनों अधिकारियों के बीच पहले से ही तनातनी चल रही है?

खैर, जो भी हो, सच सामने आना चाहिए और उम्मीद की जानी चाहिए कि इस तरह का बर्ताव थाने के अधिकारी न करें, क्योंकि इससे न सिर्फ पुलिस स्टेशन बल्कि डिस्ट्रिक पर भी इसका असर पड़ता है। 

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