दिल्ली में तेज रफ्तार कार ने तीन लोगों को मारी टक्कर
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Latest Crime News: रात के अंधेरों में मुंह छुपाए तस्वीरों ने सामने आकर उस बेदिल अमीरज़ादे के ख़िलाफ़ बेशक गवाही दे दी है लेकिन अंधे क़ानून के सिपाही रात के अंधेरे में हुए बेरहम गुनाह से मुंह छुपाते घूम रहे हैं, जबकि रईसी के रुआब के सुरूर में बहकते तेज़ रफ़्तार पहिये कम से कम चार ज़िंदा इंसानों को मौत के नज़दीक पहुँचा चुके हैं।
इन दिनों दिल्ली पुलिस के पास एक CCTV की तस्वीरें हैं। इल्ज़ाम तो यही है कि इन तस्वीरों को दिल्ली पुलिस का एक धड़ा छुपाने की फ़िराक़ में लगा हुआ है। क्योंकि उस CCTV की तस्वीरों में जो हादसे की शक्ल में वारदात क़ैद हुई है, उसने पुलिसवालों की जुबान पर ताला जड़ दिया है। क्योंकि एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली एक रईसज़ादे की अमीर कार के पहियों तले दबकर सुबक रही है।
Crime News In HIndi: ये क़िस्सा 17 अप्रैल का है। सुबह तड़के जिस वक़्त क़रीब क़रीब पूरी दिल्ली नींद के आगोश में जाकर सपनों की दुनिया में खोई हुई थी कि अचानक दक्षिण दिल्ली का एक इलाक़ा मातम और दर्द की चीखों से दहल गया। उस दर्द को नंगी आंखों से जिसने भी देखा वो अब तक दहल रहा है। लेकिन वो मंज़र इंसानों के अलावा उस ऊपर वाले ने भी देखा जो खामोश चश्मदीद है। वो देखता सब कुछ है, मगर वक़्त आने पर ही कुछ दिखाता है।
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उसका नाम CCTV है। तो उस रात दक्षिण दिल्ली के उस इलाक़े के एक CCTV ने जो कुछ देखा उसके मुताबिक़ काले रंग की एक किया कार तेज़ रफ़्तार से सड़कों को रौंदती हुई भागती है और एक बाइक को सवार समेत कुचलते हुए, उसे कुछ दूर तक अपने साथ घसीटती है और फिर आगे बढ़ जाती है। CCTV तस्वीरों के एक दूसरे हिस्से में वही कार एक ऑटोवाले को रौंदती हुई आगे निकल जाती है।
Delhi Hit & Run: वो कार किसकी है और उसे कौन चला रहा था? सवाल का के हिस्सा तो इतना भर ही है लेकिन इसका अगला सवाल थोड़ा कठिन हो जाता है, क्योंकि इसी के साथ ये भी सवाल उठता है कि आखिर वो कौन सी वजह थी जिसकी वजह से कार चलाने वाला कार को बेतहाशा भगा रहा था और वो भी आधी रात के बाद सुबह के क़रीब साढ़े तीन बजे।, ऐसी कौन सी जल्दबाज़ी या ऐसी कौन सी मजबूरी थी उसकी जिसकी वजह से उसने सड़क पर सामने आने वाली इंसानी ज़िंदगियों तक की कोई परवाह नहीं की।
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जिन लोगों ने देखा है कार को उनके मुताबिक उस किया कार का नंबर है DL 6CT 4600।
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दक्षिण दिल्ली में साकेत कोर्ट के पास उस बेलग़ाम कार की चपेट में जो आया उनमें से दो लोगों की हालत बेहद नाज़ुक है। दोनों कोमा में हैं और ज़िंदगी मौत के बीच झूल रहे हैं। उन दोनों के बारे में यही पता चला है कि दोनों ही सोशल वर्कर पति पत्नी हैं। जबकि उस तेज़ रफ़्तार कार की चपेट में एक सिविल डिफेंस का जवान भी इस कदर आया कि डॉक्टरों को उसकी जान बचाने के लिए उसका पैर काटना पड़ा। जबकि कार ने एक ऑटो ड्राइवर को भी रौंद दिया जो अस्पताल के बिस्तर पर ज़िंदगी की सांसों के लिए जद्दोजहद कर रहा है।
Hit & Run News: जिस वाइक सवार को कुचलने के बाद उस किया कार ने दूर तक घसीटा था उसकी पहचान हेमंत के तौर पर हुई है जो अभी 23 साल का ही है। और हेमंत के बताए गए बयान के मुताबिक अपने घर का इकलौता कमाने वाला हेमंत सिविल डिफेंस का काम भी करता था। उस रात वो अपनी बहन और बहनोई के साथ मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे।
तभी किया कार ने उनकी बाइक को टक्कर मारी जिसमें हेमंत की बहन मीना और उसके पति किशन दोनों इस कदर घायल हुए कि कोमा में चले गए। लेकिन हेमंत ने जो कार वाले की बात बताई वो दहला देती है। उसने बताया कि जब कार ने बाइक को टक्कर मारी तो हेमंत उसी बाइक और कार के बीच फंस गया। जबकि उसकी बहन मीना और किशन छिटककर दूर जा गिरे। कार में बाइक के फंसे होने की वजह से वो ठीक से चल नहीं पा रही थी। तब किया के ड्राइवर ने कार को रिवर्स किया।
जिससे मोटरसाइकल कार से अलग हो गई। लेकिन अगले ही पल कार ने हेमंत को दोबारा कुचला और वहां से भाग गई। आगे जाकर वही कार एक ऑटो से भिड़ गई जिससे ऑटो के ड्राइवर को गहरी चोट लगी है।
Latest Hit and Run: सड़कों पर हादसे होते रहते हैं लेकिन इस हादसे का रंग रूप और किरदार सभी अलग अलग हैं। मगर हादसे के बाद जो पुलिस का रवैया और चेहरा दिखा वो तो और भी ज़्यादा भयानक दिखा। क्योंकि पुलिस के SHO से लेकर एडिश्नल DCP तक इस मामले में कन्नी काटते दिखाई दिए। SHO साहब तो ये कहकर बात को टाल गए कि उन्हें मीडिया से बात करने की इजाज़त नहीं है और वैसे भी सड़कों पर ऐसे हादसे तो होते ही रहते हैं। उधर एडिश्नल DCP ने हादसे की जानकारी मिलने के बाद से ही फोन उठाना बंद कर दिया। DCP का फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है।
ऐसे में ये शक तो पैदा हो ही जाता है कि हो न हो वो कार सवार कोई ऐसा रईसज़ादा है जिसकी पहुँच बहुत ऊपर तक है। इतनी ऊपर तक जहां तक क़ानून के लंबे हाथ भी छोटे पड़ जाते हैं। लिहाजा टाल जाओ वाली नीति पर पुलिस ने अपना डंडा चलाना शुरू कर दिया है। लेकिन अब पुलिस तब क्या करेगी जब उस रसूखदार रईसजादे की आधी रात के अंधेरों की करतूत दिन के उजालों में तमाम मोबाइल की स्क्रीन पर चमक रही होगी और उसकी पहचान भी साफ हो जाएगी क्योंकि गाड़ी का नंबर तो सामने आ ही चुका है।
बहरहाल मौजूदा सूरतेहाल तो ये है कि एक रईसदार ने अपने रसूख के पहियों तले चार ज़िंदगियों को कुचलकर रख दिया। जो अगर मर गए तो क्या होगा लेकिन अगर जिंदा रहे तो जिंदगी मौत से भी बदतर हो जाएगी।
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