दिल्ली सरकार के डिप्टी डायरेक्टर की कोर्ट में पेशी आज, पत्नी पहुंची जेल, मां बोली - हमें नहीं मिलना किसी से

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Delhi govt official Burari POCSO case
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Delhi govt official Burari POCSO case: दिल्ली सरकार के डिप्टी डायरेक्टर की पत्नी सीमा को अदालत ने जेल भेज दिया है, जब कि आज उनके पति  प्रेमोदय खाखा को कोर्ट में पेश किया जाएगा। डिप्टी डायरेक्टर पर नाबालिग से रेप का इल्जाम लगा है। साथ में ये भी आरोप लगा है कि उनसे 17 साल की लड़की का गर्भपात कराया। इसमें उसका साथ दिया उसकी पत्नी सीमा ने।

इससे पहले सोमवार को दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में दोनों को अरेस्ट किया था। उधर, पीड़िता की मां का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा - हम किसी से नहीं मिलना चाहते हैं। बच्ची ने मेजिस्ट्रेट के आगे बयां दे दिया है। इस स्थिति में हमें और परेशान न करे। 

Delhi Rape: दिल्ली में महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ नाबालिग से रेप का गंभीर आरोप का मामला सामने आया था। इसके बाद दिल्ली के सीएम ने आरोपी को सस्पेंड कर दिया था। बताया जा रहा है कि पीड़िता आरोपी के घर पर ही रहती थीं।

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आरोपी और उसकी पत्नी पुलिस हिरासत में 

 

कैसे हुआ नाबालिग के साथ हैवानियत का खुलासा?

 

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दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग पीड़िता को कई बार जब पैनिक अटैक आया तो लड़की की मां उसे अस्पताल ले कर गयी। लड़की का इलाज शुरू किया गया, उससे अलग-अलग डॉक्टरों ने पैनिक अटैक को लेकर सवाल पूछा और उसकी साइकोलॉजिकल थेरपी की गई। उस दौरान लड़की ने डॉक्टर को बताया कि उसके साथ कैसे उसके 'मुंह बोले मामा' यानी महिला एवं बाल विकास विभाग डिप्टी डायरेक्टर प्रेमोदय खाखा ने हैवानियत की है।

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डॉक्टरों से जरिये अस्पताल से मिली जानकारी के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और आरोपी डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ पोस्को के तहत मुकदमा दर्ज किया।

FIR के मुताबिक, लड़की ने अपनी शिकायत में बताया कि 2 साल पहले पिता की मौत के बाद माँ ने बच्ची को मुँह बोले मामा प्रेमोदय खाखा के बुराड़ी स्थित घर भेज दिया था जहां वो अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक साथ रही। इसी दौरान आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया और अपनी पत्नी की मदद से एक बार मासूम का एबॉर्शन भी करवाया।

जांच में पता चला था कि अक्टूबर 2020 में पीड़िता के पिता की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। उस वक्त वो 14 साल की थी। आरोपी और उसकी पत्नी की मुलाकात पीड़िता और उसकी मां से बुराड़ी के चर्च में कम्यून सर्विस के दौरान हुई थी। दोनों परिवार एक ही कॉलोनी में रहते हैं।

आरोपी पीड़िता की मां को यह समझाने में कामयाब रहा कि वह अपने घर पर उसकी बेहतर देखभाल करेगा। बताया जा रहा कि अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच पीड़िता का पांच महीने की अवधि में बार-बार यौन उत्पीड़न किया। जब वह गर्भवती हो तो आरोपी और उसकी पत्नी ने उसे गोली देकर जबरन गर्भपात करा दिया।

मार्च 2022 में पीड़िता अपने घर लौट गई। अब पीड़िता 17 साल की है। वो 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती हुई। उसे दौरे पड़ रहे थे। 12 अगस्त को लड़की ने डाक्टर को सच्चाई बताई। इसके बाद पुलिस ने 13 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया। अब पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया है।

सवाल ये है कि इतने दिनों तक क्यों लड़की ने ये बात नहीं बताई?

क्या इसकी जानकारी पीड़िता की मां को थी?

क्यों अब ये मामला उजागर हुआ?

क्या अधिकारी और उसकी पत्नी लड़की को डराते थे?

पीड़िता की मां को इसकी जानकारी कब मिली?

पीड़िता ने उस वक्त विरोध क्यो नहीं किया?

अगर विरोध किया तो क्या उसे दबा दिया गया?

अधिकारी की पत्नी क्यों अपने पति के साथ शामिल हो गई?

पुलिस इन तमाम सवालों को खंगाल रही है। 

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