Delhi Ghazipur Police: दिल्ली पुलिस का एक और बड़ा कारनामा! होली पर हुडदंग किया तो पीसीआर ने कुचल दिया... देखें वीडियो

ADVERTISEMENT

Delhi Ghazipur Police: दिल्ली पुलिस का एक और बड़ा कारनामा! होली पर हुडदंग किया तो पीसीआर ने कुचल दि...
जिस पीसीआर ने कुचल, उसकी तस्वीर
social share
google news

गाजीपुर एसएचओ का हुआ स्टिंग आपरेशन, कुबूल की गलती

Delhi Gazipur Police Viral Video: दिल्ली पुलिस का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। यहां होली पर हुडदंग कर रहे एक शख्स को पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) ने कुचल दिया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें गाजीपुर एसएचओ धीरज कुमार अपनी गलती मान रहे हैं।

 

ADVERTISEMENT

इसको लेकर Delhi Police पर फिर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। दरअसल, दिल्ली के गाजीपुर इलाके में कथित तौर पर हुड़दंग कर रहे एक शख्स पर पीसीआर ने अपनी गाड़ी ही चढ़ा दी। इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि पीसीआई सोनू नाम के शख्स  पर गाड़ी चढ़ा रही है। सवाल ये उठता है कि 

 

ADVERTISEMENT

क्या इस स्थिति को जिस तरीके से पीसीआर स्टाफ ने डील किया, क्या वो सही था?

ADVERTISEMENT

क्या हुड़दंग करने वालों को दिल्ली के सीपी साहब ने कुचल देने का ऐलान किया है?

पीसीआर कर्मी को ये किसने अधिकार दिया कि वो किसी को कुचल दे?

इसी पीसीआर ने कुचला

 

ये मामला है होली के दिन का। कुछ लोग गाजीपुर इलाके में अपने घर के आगे डांस कर रहे थे। तभी एक पीसीआर गाड़ी मौके पर पहुंची और उसने एक शख्स को कुचल दिया। गनीमत रही वो बच गया, वरना कुछ भी हो सकता था। पीड़ित का नाम सोनू है। सोनू का कहना है कि बिना बात के उस पर गाड़ी चढ़ाई गई और उसके बाद उसके परिजनों के साथ बदसलूकी भी की।

आरोप है कि पीसीआर कर्मियों ने लोकल पुलिस यानी गाजीपुर थाने से और पुलिस बुला ली? लेकिन यहां सवाल है कि और पुलिस क्यों बुलाई गई?

क्या हुडदंगियों ने पुलिस को घेर लिया था? लिहाजा पुलिस कर्मी डर गए थे?

क्या हुड़दंगी पुलिस को गंदे इशारे कर रहे थे? और तभी किसी ने पीसीआर पर कुछ फेंक दिया, लिहाजा डर (भीड़ द्वारा घेरे जाने का डर)की वजह से गलतीवश सोनू पर वाहन चढ़ा दिया?

या गंदे इशारे करने वालों को सबक सिखाने के लिए पीसीआर कर्मी ने ऐसा किया?

आरोप है कि इन पुलिसवालों ने सोनू के परिवार से बदसलूकी भी की।

पीड़ित पर समझौते का दबाव बनाया गया। ऐसा आरोप पीड़ित लगा रहा है। जब सोनू को कोई गलती नहीं है तो उसने कार्रवाई क्यों नहीं की?

सवाल उठता है कि पीसीआर स्टाफ की जब कोई गलती ही नहीं है तो उन पर क्यों कार्रवाई हो रही है?

क्या पुलिस भी ये मान रही है कि इस परिस्थिति को अलग तरीके से निपटाया जा सकता था?

पीड़ित सोनू

 

पुलिस का क्या कहना है?

08/03/2023 की दोपहर में, पीएस गाजीपुर में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई, जिसमें कॉल करने वाले ने बताया कि "बी 260, जीडी कॉलोनी, एमवी पीएच III यहां पर कुछ लड़कों ने हंगामा कर रखा है (कुछ लड़के हैं) मकान नंबर बी 260, जीडी कॉलोनी एमवी III दिल्ली में हंगामा कर रहे हैं।) पीसीआर कॉल प्राप्त होने पर, निकटतम पीसीआर वैन, यानी, आर / 12 अल्फा प्रभारी एचसी शाहनवाज द्वारा संचालित) और सीटी। राहुल (ड्राइवर), स्थान की ओर बढ़ गया।

मौके पर कुछ लड़के/पुरुष शराब के नशे में थे और सड़क पर नाच रहे थे और पास से गुजर रहे पड़ोसियों/लोगों के साथ बदसलूकी और बदसलूकी भी कर रहे थे। फोन करने वाले रोहित पुत्र दिनेश कुमार निवासी जीडी कॉलोनी, मयूर विहार-III, दिल्ली ने कर्मचारियों से मुलाकात की और बताया कि 'ये व्यक्ति बी 274 जीडी कॉलोनी एमवी III दिल्ली के पास डांस कर रहे थे, सभी नशे में थे और काफी देर से हंगामा कर रहे थे।' वे जबरन वहां से गुजर रहे लोगों पर रंग डाल रहे थे और उन्होंने उसके साथ भी ऐसा ही किया।

जब पीसीआर स्टाफ मौके पर पहुंचा तो हंगामा कर रहे लोगों ने पीसीआर स्टाफ को भद्दे इशारे से धमकाना शुरू कर दिया। चूंकि पुलिस कर्मचारियों की संख्या कम थी, इसलिए पीसीआर कर्मचारियों ने वाहन को वहां से हटाने की कोशिश की। अचानक उनमें से एक ने गली से कुछ उठाकर पीसीआर वैन के शीशे पर फेंक दिया, जिससे चालक सी.टी. राहुल को तुरंत ब्रेक लगाना पड़ा लेकिन वाहन ने अनजाने में एक सोनू पुत्र बहादुर निवासी जीडी कॉलोनी एमवी III दिल्ली आयु 25 वर्ष को छू लिया।

पीसीआर स्टाफ ने तुरंत घटना की सूचना थानेदार को दी। हंगामा कर रहे लोगों ने स्टाफ समेत पीसीआर को घेर लिया और उनके साथ भी बदसलूकी की। इसी बीच थाना प्रभारी समेत थाने का अमला मौके पर पहुंच गया। मौके पर और बल आता देख हंगामा कर रहे लोग मौके से भाग खड़े हुए। एसएचओ ने स्थिति को संभाला। सोनू और सीटी राहुल की चिकित्सकीय जांच की गई और एमएलसी के अनुसार उन्हें साधारण चोटें आईं। यह आगे प्रस्तुत किया गया है कि एमएलसी के अनुसार, गुंडे नशे की हालत में थे। हालांकि, पीसीआर स्टाफ पर लगे आरोपों को खारिज करने के लिए उनकी एमएलसी भी कराई गई, जिसमें पता चला कि वे नशे में नहीं थे।

ऊपर बताए गए सोनू ने इस बात का जिक्र करते हुए अपना बयान दिया कि वह इस घटना पर कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। हालांकि इस घटना के लिए पीसीआर स्टाफ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

DCP EAST 

पुलिस के इस तर्क से कई चीजें साफ हो रही है। मसलन, पीसीआर स्टाफ नशे में नहीं था। पीसीआर स्टाफ को गुंडे गंदे इशारे कर रहे थे। किसी ने अचानक पीसीआर पर कुछ फेंक दिया था, इसलिए पीसीआर को तुरंत रोका गया, जिससे ये वाक्या हुआ। इस मुद्दे पर डीसीपी ईस्ट अमृता गुगलोथ का कहना है कि हमने प्रेस को सारी बातें बता दी है।


क्या कहा एसएचओ ने स्टिंग में ?

इस बीच गाजीपुर के एसएचओ धीरज कुमार का एक स्टिंग आपरेशन सामने आया है, जिसमें वो गलती मान रहे हैं। सवाल ये है कि SHO ने गलती मानी है, ऐसे में अब क्या कहना है सीनियर अधिकारियों का?

SHO धीरज कुमार ने स्टिंग में कहा कि भाई गलती जो भी हुई है, जानबूझकर नहीं की है। जब उनसे पूछा कि उसे मारा क्यों गया और उसकी बीवी बोली दबाव डालकर 8 पुलिसवालों ने जबरदस्ती कहा साइन कर? इस पर एसएचओ ने कहा कि चलो अब तुम्हारी सारी बात मान ली, लेकिन अब जो भी है यह तुम्हें देखना है। जब उनसे पत्रकारों ने कहा कि हम देख ही तो रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि इस तरह देखोगे तो मैं झोला बांध लेता हूं अपना। बाद में कई सवाल पूछने पर उन्होंने कहा देखो अब मैं तुम से कुछ नहीं कह सकता बस रिक्वेस्ट कर सकता हूं, तुम लोगों को देखना है यह कैसे मैनेज करो। जब उनसे कहा कि पीड़ित को मैनेज करो तो वह बोले कि पीड़ित को भी आप लोग मैनेज करो। इसके बाद वह वहां से चले गए।

DELHI POLICE LOGO

सवाल कई है, लेकिन एक बात तो साफ है कि इस स्थिति को दूसरे तरीके से हैंडल की जा सकती थी। जैसे ही पीसीआर कर्मी मौके पर पहुंचे थे, तभी उन्हें स्थिति का आकलन कर लेना चाहिए था, लिहाजा और पुलिस कर्मियों को मौके पर बुला लेनी चाहिए थी। उस वक्त ऐसी नौबत नहीं आती, लेकिन ये काम बाद में हुआ, जब स्थिति और बिगड़ गई।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜