कैसे हो मोबाइल डाटा की फोरेंसिक जांच, सॉफ्टवेयर का लाइसेंस हो गया खत्म, दिल्ली सीएफएसएल में हड़कंप
Delhi Crime News: यह प्रयोगशाला कभी सीबीआई की देखरेख में काम करती थी, लेकिन अब फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय के अधीन है।
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Delhi Crime News: विभिन्न जांच एजेंसी द्वारा जब्त किए गए मोबाइल फोन का फोरेंसिक विश्लेषण करने के लिए सीएफएसएल, दिल्ली द्वारा उपयोग किए जाने वाले सॉफ्टवेयर का लाइसेंस मार्च में समाप्त हो गया, जिससे इन फोन की जांच बाधित हुई और अदालत में सबूत जमा करने में देरी हुई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह प्रयोगशाला कभी सीबीआई की देखरेख में काम करती थी, लेकिन अब फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय के अधीन है।
लैब फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय के अधीन
अधिकारियों ने कहा कि मोबाइल फोन सिम का डेटा प्राप्त करने के लिए उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर का लाइसेंस समाप्त होने से बढ़ते लंबित मामलों के कारण प्रयोगशाला कठिन समय का सामना कर रही है। केन्द्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के निदेशक राजीव गिरोती और फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय को भेजे गए प्रश्नों के जवाब नहीं मिल सके हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, प्रयोगशाला के कंप्यूटर फोरेंसिक डिवीजन में 256 मामले लंबित हैं, जिनमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मामला जैसे कुछ महत्वपूर्ण मामले भी शामिल हैं, जिनमें उसे विभिन्न अदालतों में रिपोर्ट जमा करनी है।
सॉफ्टवेयर का लाइसेंस हो गया खत्म
अधिकारियों ने बताया कि प्रयोगशाला, जिसे देश भर की एजेंसियों से सालाना लगभग 2,000 मामले मिलते हैं, ने जब्त किए गए फोन की फोरेंसिक जांच के संबंध में अदालतों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि सीएफएसएल ने अदालतों को सिम डेटा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी निकालने के लिए उसके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सॉफ्टवेयर के लाइसेंस की वैधता 20 मार्च को समाप्त होने के बारे में जानकारी दी गई है। प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने सॉफ्टवेयर लाइसेंस के नवीनीकरण में लगने वाले समय को लेकर अदालतों को कोई आश्वासन देने में असमर्थता व्यक्त की है।
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(PTI)
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