एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर धोखाधड़ी, फ्राड करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

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एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर धोखाधड़ी, फ्राड करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार
जांच में जुटी पुलिस
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Delhi Crime News: प्रतिष्ठित चिकित्सा महाविद्यालय का डीन या प्रधानाचार्य बनकर एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश कराने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान पश्चिम बंगाल निवासी सुमंत्रा गुप्ता, असम निवासी असिकुर रहमान (31) और धर्मेश कलिता (33) के तौर पर की गई है। उसने बताया कि 25 जुलाई को ऑनलाइन ठगी की शिकायत मिली थी जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि कि उसे बिहार स्थित एक चिकित्सा महाविद्यालय के कथित डीन, प्रधानाचार्य ‘डॉ.आर.बी.गुप्ता’ का फोन नंबर मिला था। पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता ने उक्त नंबर पर कॉलेज में अपने बेटे का एमबीबीएस में दाखिला कराने के लिए संपर्क किया जहां से जवाब मिला कि एक छात्र ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी है जिससे एक सीट खाली हुई है और उसने औपचारिकताएं पूरी करने के लिए पांच लाख रुपये की मांग की।

धोखाधड़ी के बड़े गैंग का खुलासा

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 24 जुलाई को शिकायतकर्ता ने 2,50,000 रुपये गुप्ता द्वारा बताए गए बैंक खाते में जमा किए और फिर 25 जुलाई को पांच लाख रुपये जमा किए। उन्होंने बताया कि इसके बाद से आरोपी ने फोन कॉल या मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। पुलिस उपायुक्त (रोहिणी)गुरिकबाल सिंह सिद्धू ने बताया कि जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि जिस खाते में रुपये जमा किए गए वह रहमान नामक व्यक्ति का है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने पाया कि आरोपी गुवाहाटी के पास सक्रिय हैं और असम से रहमान एवं कलिता को गिरफ्तार कर लिया। बाद में सुमंत्रा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि रहमान को अपना बैंक खाता मुहैया कराने के एवज मे 35 हजार रुपये का कमीशन मिला जबकि कलिता ने खुलासा किया कि वह सुमंत्रा के लिए बैंक खातों की व्यवस्था करता था।

इस गिरोह से बचके रहना

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि सुमंत्रा ने जानकारी दी कि वह पेशे से डॉक्टर है और नगमा खान के संपर्क में आने के बाद उसके साथ काम करने लगा। उसने बताया कि वे उन छात्रों को तलाशते थे जो मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाना चाहते थे और ‘डोनेशन’ के नाम पर उन्हें कमीशन मिलता था। सिद्धू ने बताया कि आरोपी ने बताया कि ‘नीट’ के जरिये प्रवेश की शुरुआत होने पर कोटा/डोनेशन के नाम पर प्रवेश मुश्किल हो गया, इसलिए वे प्रतिष्ठित चिकित्सा महाविद्यालयों के डीन/प्रधानाचार्य बनकर एमबीबीएस की बची हुई सीट पर प्रवेश दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने लगे। सुमंत्रा खुद डॉक्टर है और इसलिए चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश की पूरी प्रक्रिया को जानता है। वह विशेष तौर पर डॉक्टरों को निशाना बनाता था जो अपने बच्चों को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश दिलाना चाहते हैं। पुलिस ने बताया कि सुमंत्रा पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में नर्सिंग होम चलाता है और पूर्व में भी धोखाधाड़ी के तीन मामलों में संलिप्त रहा है।

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(PTI)

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