केजरीवाल को दूसरा झटका, हफ्ते में पांच बार नहीं मिल सकेंगे!

ADVERTISEMENT

केजरीवाल को दूसरा झटका, हफ्ते में पांच बार नहीं मिल सकेंगे!
Arvind kejriwal
social share
google news

Arvind kejriwal Latest Updates: अरविंद केजरीवाल ने वकीलों से हफ्ते में पांच बार मुलाकात करने की मांग की थी, इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। केजरीवाल अपने वकीलों से हफ्ते में केवल दो बार ही मुलाकात कर सकते हैं।

क्या कहा था केजरीवाल के वकील ने ?

सीएम केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने तर्क दिया था कि सीएम के खिलाफ 35 से 40 मामले चल रहे हैं। किसी व्यक्ति को समझने और निर्देश देने के लिए सप्ताह में एक घंटा पर्याप्त नहीं है। ये सबसे बुनियादी कानूनी अधिकार है, जिसे तहत केजरीवाल अपने वकील से मिलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अदालत ने उनकी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया।

ADVERTISEMENT

ईडी के वकील ने कहा कि केजरीवाल 5 कानूनी बैठकों की मांग रहे हैं, जो कि जेल मैन्युअल के खिलाफ है।

इससे पहले केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख अख्तियार किया है। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने संबंधी अर्जी को खारिज कर दिया था।

ADVERTISEMENT

क्या कहा था हाईकोर्ट ने ?

ADVERTISEMENT

हाईकोर्ट ने कहा था - केजरीवाल की गिरफ्तारी कानून सही है। ED ने पर्याप्त सबूत दिए हैं। गोवा के उम्मीदवार का बयान हैं, जिसमें उसने पैसे की बात स्वीकार की है। हाई कोर्ट ने एन डी गुप्ता और आप उम्मीदवार के बयान का जिक्र किया था। 
हाईकोर्ट ने कहा था - केजरीवाल द्वारा जांच में शामिल न होना, उनके द्वारा की गई देरी का असर न्यायिक हिरासत में बंद लोगों पर भी पड़ रहा है, जो दस्तावेज ED ने अदालत में दिए हैं, उसके हिसाब से सभी नियम का पालन किया गया है। ये कहना गलत होगा कि चुनाव के वक्त ईडी ने जानबूझकर गिरफ्तारी की है। हाई कोर्ट ने कहा था की अदालत कानून के हिसाब से काम करती है और बिना राजनीति से प्रभावित हुए काम करती है। हाई कोर्ट के कहा था कि कोर्ट का केवल एक काम है कानून को लागू करना।  
याचिकर्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में गिरफ्तार हुए है। कोर्ट का कहना था कि मुख्यमंत्री समेत किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो, उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की उस दलील को नकार दिया था कि उनसे पूछताछ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि ED गिरफ्तारी का समय तय करती है। केजरीवाल के पास ये अधिकार है कि वो गवाहो को क्रॉस कर सके लेकिन निचली अदालत में न की हाई कोर्ट में। हाई कोर्ट ने यहां तक कहा था कि जांच किसी व्यक्ति के सुविधा के अनुसार नहीं चल सकती है। जांच के दौरान किसी के घर जा सकती है। हाई कोर्ट ने अप्रूवर का बयान ED नहीं, बल्कि कोर्ट लिखता है। अगर आप उस पर सवाल उठाते हैं तो आप जज पर सवाल उठा रहे हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜