दिल्ली के बीजेपी नेता की मौत बनी पहेली, किस पुलिसवाले को किया था बीजेपी नेता ने फोन?

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दिल्ली के बीजेपी नेता की मौत बनी पहेली, किस पुलिसवाले को किया था बीजेपी नेता ने फोन?
करण बांका
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Delhi BJP Leader Karan Banka Death Mystery : ग्रेटर कैलाश-एक में भाजपा नेता व सामाजिक कार्यकर्ता की गोली लगने से मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसमें दिल्ली पुलिस के एक सीनियर पुलिस अधिकारी भी शक के दायरे में है। करण बीजेपी युवा मार्चा में महामंत्री था।

साक्षी महाराज के साथ करण 

बुधवार रात बीजेपी नेता करण बांका (28 साल उम्र)घर के बाथरूम में लहुलूहान अवस्था में पड़ा मिला था। वो जीके में अपने परिवार के साथ रहता था। उसे तुरंत प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान करण बांका की शुक्रवार शाम को मौत हो गई। करण बांका की मौत गोली लगने से हुई है। उसके सिर में गोली लगने के निशान पाए गए हैं। गोली दाएं ओर से सिर में लगी है और बायीं ओर से निकल गई है। उसे गोली मारी गई या उसने खुदकुशी की, इसकी जांच जारी है।

सूत्रों का कहना है कि बांका ने करोड़ों रुपए ले रखे थे। ये भी कहा जा रहा है कि ये रुपए उधार लेकर फाइनेंस पर देता था। बांका के बीजेपी के लोकल नेताओं से अच्छे संपर्क थे। इस लिहाज से ये छोटे-मोटे काम भी करवा देता था। 

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पीएसओ दिनेश की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी 

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करण बांका ग्रेटर कैलाश-एक स्थित एस-409 में परिवार के साथ रहता था। उनके पिता अनिल बांका का व्यवसाय है और वह पिता के व्यवसाय को संभालते थे। करण ने कई लोगों से लाखों रुपए ले रखे थे और उन रुपयों को वो निवेश करता था। उसके पास प्राइवेट सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) भी थे।

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जी के पुलिस को 20 सितंबर की रात करण बांका के बाथरूम में गिरने और उससे सिर में गहरी चोट आने की सूचना मिली थी। ग्रेटर कैलाश-एक के एसएचओ अजीत सिंह अपने टीम के साथ मैक्स अस्पताल पहुंचे और जांच शुरू की। शुरुआती तौर पर कहा जा रहा है कि करण ने अपने पीएसओ दिनेश की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी थी। बुधवार को पीएसओ घर पर नहीं था। वह पिस्टल घर पर ही छोड़ गया था।

किससे मिला था करण ?

करण के मोबाइल फोन की जांच की जा रही है। करण ने जब खुद को गोली मारी, उससे करीब 10 मिनट पहले दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी करण बांका के पास गए थे और उन दोनों का पैसों के लेन-देन को लेकर झगड़ा भी हुआ था। ऐसा कहा जा रहा कि उसने कई पुलिसवालों से भी पैसे ले रखे थे। ये भी कहा जा रहा है कि साक्षी महाराज उसके नाना है। उसका साक्षी महाराज के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर मौजूद है।

सवाल ये है कि

वो पीएसओ क्यों रखता था?

क्या उसे कोई धमकी दे रहा था?

किन-किन लोगों से उसने रुपए ले रखे थे?

लोग किस आधार पर बांका को रुपए दे देते थे?

इन रुपयों को वो कहां इंवेस्ट करता था?

क्या बांका ने कुछ पुलिसवालों से भी रुपए ले रखे थे?'

पुलिस बांका के एकाउंट डिटेल्स और मोबाइल डिटेल्स खंगाल रही है। उसके घर की तलाशी भी ली जाएगी ताकि पता चल सके कि बांका के पास क्या-क्या था?

उसने किन-किन लोगों से कितना-कितना पैसा लिया था?

उसने पैसों को कहां-कहां इन्वेस्ट किया था?

क्या आरोपी वित्तीय संकट से गुजर रहा था?

कहां नुकसान हुआ था आरोपी का ?

उसकी कहां-कहां से इनकम हो रही थी?

कहां- कहां उसके खर्चें हुए?

कहां - कहां उसने सेविंग कर रखी थी? 

ये तमाम जानकारियां पुलिस जुटा रही है। साथ-साथ उसके पास कितना कैश घर में और कितना सोना, प्रापर्टी, शेयर, फंड और दूसरी चीजें थी, इसकी भी जांच की जा रही है।

किसने किया करण के फोन को फोरमेट, क्या था फोन के अंदर?

ऐसा शक है कि करण के फोन के साथ छेड़छाड़ की गई है, लेकिन ऐसा कौन करेगा और क्यों ?  इससे उनके फोन में मौजूद सारे एप्लीकेशन, मैसेज, चैट, पैसों का हिसाब किताब सब कुछ मिटा दिया गया है। पुलिस को उसका मोबाइल फोन अलमारी में रखा हुआ मिला है।

संबंधों का करता था इस्तेमाल

बांका के कई भाजपा नेताओं से अच्छे संबंध बताए जा रहे हैं और उनकी मौत के बाद सांसद मनोज तिवारी, सांसद साक्षी महाराज आदि भाजपा नेताओं के साथ उनकी फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गई। वहीं, दक्षिणी दिल्ली, नई दिल्ली जिले के तमाम स्थानीय नेताओं के भी काफी करीबी बताए जा रहे हैं।'

Note - सारी तस्वीरें  करण बांका की है। 

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