दिल्ली के एक इंस्पेक्टर साहब का कारनामा आया सामने, रेप पीड़िता को थाने से भगाया, आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बजाय 'आव भगत' की, परेशान होकर पीड़िता फ्लाईओवर से कूदी, अब लिया दिल्ली पुलिस ने एक्शन
Delhi SHO Adarsh Nagar Send to Lines: दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ (आदर्श नगर थाने)का कारनामा सामने आया है। आरोप है कि उसने एक रेप पीड़िता की न सिर्फ शिकायत लिखी, बल्कि उस पर केस वापस लेने का दबाव बनाया। परेशान होकर पीड़िता फ्लाईओवर से कूद गई। इस सिलसिले में सीनियर पुलिस अधिकारियों ने एसएचओ समेत जांच अधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया है।
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Delhi News: दिल्ली पुलिस के एक SHO इंस्पेक्टर(Inspector)पर संगीन इल्जाम लगा है। दरअसल, आरोप है कि इंस्पेक्टर साहब ने रेप पीड़िता की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। पीड़िता थाने के चक्कर काटती रही। बात यही खत्म नहीं हुई। आरोप है कि इंस्पेक्टर साहब और जांच अधिकारी ने पीड़िता पर समझौता करने का दबाव बनाया। यहां तक कि आरोपी को थाने बुलाकर आमना-सामना करा दिया।
पीड़िता पुलिस के रवैये से इतनी परेशान हो गई कि उसने फ्लाईओवर से कूद कर जान देने की कोशिश की। गनीमत रही कि वो बच गई। जैसे ही इस मामले की जानकारी सीनियर पुलिस अधिकारियों को मिली तुरंत इंस्पेक्टर साहब और जांच अधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया। इस घटना को लेकर DCP North West जितेंद्र मीणा ने बताया कि लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिसकर्मियों को हटाया गया है।
क्यों आदर्श नगर थाने के पुलिसवालों ने आरोपी को थाने बुला लिया और पीड़िता पर दबाव बनाया?
इस सिलसिले में एसएचओ आदर्श नगर इंस्पेक्टर विश्राम मीणा और जांच अधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। आरोप है कि रेप पीड़िता आदर्श नगर थाने पहुंची। बताया जा रहा है कि वो जहांगीरपुरी की रहने वाली है। वो आरोपी के यहां भलस्वा इलाके में फैक्ट्री में काम करती थी। आरोपी के बच्चे हैं।
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अब पीड़िता का कहना था कि आदर्श नगर थाने इलाके में एक होटल में उसके साथ आरोपी ने रेप किया है। इसकी बाकायदा उसने शिकायत दी। SHO विश्राम मीणा और जांच अधिकारी ने उस पर दबाव बनाया। जांच अधिकारी ने रेप के आरोपी को थाने बुला लिया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और आरोपी को बंद करने के बजाय पुलिस उल्टा पीड़िता पर शिकायत न करने का दबाव डालती रही।
पीड़िता पुलिस के रवैया से इतना परेशान हो गई कि थोड़ी देर बाद उसने नजदीकी फ्लाईओवर से कूद कर जान देने की कोशिश की। जैसे ही इस घटना का पता सीनियर पुलिस अधिकारियों को लगा, उन्होंने अपने स्तर पर जांच की। इसके बाद एसएचओ और जांच अधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया।
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क्या आरोपी से थी सांठ-गांठ?
सूत्रों का कहना है कि ऐसे में पुलिस को मुकदमा दर्ज करना चाहिए था, लेकिन शुरुआती तौर पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। क्या उनकी आरोपी से कोई सांठगांठ थी, इसकी तहकीकात जारी है।
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