'कानून के बारे में अगर बच्चों को बताया जाए तो अपराधों में कमी आएगी' दिल्ली के एक एसीपी की अनोखी पहल
Delhi ACP's Campaign About Legal Studies: ' दिल्ली के एक एसीपी की अनोखी पहल रंग ला रही है।
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Delhi ACP's Campaign About Legal Studies: एक दिन दिल्ली पुलिस के एक एसीपी ACP वीरेंद्र पुंज की बेटी ने अपने पापा से सवाल किया, 'पापा आजकल इतना क्राइम बढ़ रहा है। कई नाबालिग भी क्राइम में शामिल होते हैं। ऐसी सोच बच्चों में क्यों विकसित हो रही है? कैसे इसे दूर किया जाए ? क्या आपको नहीं लगता कि कानून की पढ़ाई जरूर होनी चाहिए, कम से कम 11 और 12 वीं क्लास के स्टूडेंट्स को तो पढ़ानी चाहिए?' इस बात से दिल्ली पुलिस के एसीपी वीरेंद्र पुंज का माथा ठनका। ये बात है 2013 के आसपास की।
Delhi Police: तभी से एसीपी वीरेंद्र पुंज ने ये ठान लिया कि इसके लिए कुछ न कुछ तो किया जाएगा। हालांकि पुंज अधिकारी के तौर पर अक्सर कई स्कूलों और दूसरे संस्थानों में जाकर कानून यानी सीआरपीसी और आईपीसी के बारे में बच्चों को बताते थे, लेकिन उन्हें ऐसा लगता था कि अगर सीबीएसई अपने पाठ्यक्रम में कानून की पढ़ाई को शामिल कर ले और इसे अनिवार्य कर दिया जाए तो ये बहुत कारगर और अच्छा होगा। इससे बच्चे कानून के प्रति जागरुक होंगे।
ACP Virender Punj: फिर एसीपी ने रिसर्च करना शुरू किया। उन्हें पता चला कि सीबीएसई cbse ने 2013 में एक पत्र भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को अपने-अपने स्कूलों में लीगल स्टडीज (Legal Studies)को 11वीं और 12वीं के छात्रों को पढ़ाने के लिए लिखा था, लेकिन अफसोस की बात ये है कि आज तक इस दिशा में दिल्ली सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
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फिर एसीपी ने एक बीड़ा उठाया कि वो इसको लेकर वो एक कंपेन चलाएंगे। उन्होंने साल 2021, 22 और 23 में RTI लगाई और ये जानना चाहा कि आखिर इस प्रोजेक्ट में दिक्कत क्या है? और क्यों सरकारी स्कूल सीबीएसई की सिफारिशों को नहीं मान रहे हैं ? ये भी पूछा गया कि कितने सरकारी स्कूलों में कानून की पढ़ाई विषय के तौर पर पढ़ाई जा रही है? पता चला कि दिल्ली के करीब 1000 सरकारी स्कूलों में कानून की पढ़ाई नहीं कराई जा रही है।
हालांकि राजधानी के एक दर्जन से अधिक निजी स्कूलों में लीगल स्टडीज की पढ़ाई वैकल्पिक विषय के रूप में जारी है, लेकिन वो नाकाफी है।
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हालांकि इस बीच एसीपी वीरेंद्र पुंज ने साथ-साथ 'कानून का कायदा' ('kanoon ka kayada' campaign)भी मुहिम शुरू कर दी थी। इस वक्त एसीपी सतर्कता यूनिट में कार्यरत है। एसीपी वीरेंद्र पुंज के साथ इस मुहिम में कई लोग जुड़े हैं। वो जगह-जगर जाकर लोगों को कानून के बारे में बतातें हैं, लेकिन साथ में उनका ये भी मानना है कि अगर बच्चों को कानून के बारे में बताया जाए तो निर्भया और इसी तरह के दूसरे क्राइम को रोका जा सकता है।
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उन्होंने बताया कि कानून का कायदा' मुहिम के तहत दिल्ली के सोनिया विहार, करावल नगर, खजूरी खास, शकरपुर, लक्ष्मी नगर, रानी बाग, दयालपुर, घोंडा, यमुना विहार और उस्मानपुर क्षेत्र में बच्चों को लीगल स्टडीज के बारे में जानकारी देने की मुहिम जारी है।
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