8 साल पहले हुए मर्डर का राज़ ऐसे आया सामने

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा इलाका यहांपर पुलिस ने हत्या का एक ऐसे मामले का खुलासा किया है जिससे पूरे छिंदवाड़ा में हड़कंप मचा हुआ है। यहां पर पुलिस ने करीब 8 साल पहले गायब हुए बच्चे का शव बरामद किया है।

2013 में ये बच्चा आम के पेड़ से आम तोड़ने गया था लेकिन उसके आसपास करंट लगा हुआ था जिसकी चपेट में आकर बालक की मौत हो गई थी।जिसके बाद उस पेड़ के मालिक ने लाश को जमीन में गाड़ दिया लेकिन साल 2021 में पुलिस ने आखिरकार गायब हुए इस बच्चे की गुत्थी को सुलझा लिया।और इस केस को लेकर कुछ हैरान करने वाली बातें भी बताई।

छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विवेक अग्रवाल ने बताया कि उमरेठ थाना क्षेत्र के दबक गांव का रहने वाला 16 साल का बालक 4 दिसंबर 2013 को लापता हो गया था। तब से उसके बारे में कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था।

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पुलिस की तरफ से गुम हुए बालक बालिकाओं के लिए ऑपरेशन मुस्कान के तहत अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत जब थाना उमरेठ में एक बालक के गुम होने के आठ साल से लंबित मामले की फिर से जांच शुरु की गई तो जांच के टीम के सामने जो सच्चाई सामने आई उससे पूरा पुलिस महकमा हिल गया।

छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विवेक अग्रवाल ने बताया कि उमरेठ थाना क्षेत्र के दबक गांव का रहने वाला 16 साल का बालक 4 दिसंबर 2013 को लापता हो गया था। तब से उसके बारे में कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था।

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पुलिस की तरफ से गुम हुए बालक बालिकाओं के लिए ऑपरेशन मुस्कान के तहत अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत जब थाना उमरेठ में एक बालक के गुम होने के आठ साल से लंबित मामले की फिर से जांच शुरु की गई तो जांच के टीम के सामने जो सच्चाई सामने आई उससे पूरा पुलिस महकमा हिल गया।

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पुलिस ने बताया कि गुम हुआ बालक आखिरी बार अपने एक दोस्त के साथ आम तोड़ने की बात कहकर निकला था लेकिन शाम को सिर्फ उसका दोस्त ही वापस लौटा। दोस्त भी तब नाबालिग था लेकिन अब बालिग हो चुका है।

लिहाज़ा पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पीरी वारदात का सच बताया कि दोनों जिस बाग में आम खाने गए थे उसके मालिक ने आम के पेड़ के चारो ओर करंट बिछा रखा था जिससे कोई जानवर या कोई अन्य शख्स उसके आम ना तोड़ सके। जब दोनों ने पेड़ से आम तोड़ने की कोशिश की तो उन्हे करंट लगा और दोनों झटका खाकर जमीन पर गिर पड़े।

दोस्त के मुताबिक गुम हुए बालक को जोर का झटका लगा था जिससे वो उठ नहीं पाया जबकि उसे हल्का झटका लगा था। वो चुपचाप अपने घर आ गया। उसकी उम्र छोटी थी और वो अचानक हुए घटनाक्रम से बेहद सदमे में था और चीजें समझ नहीं पाया तो घर पर आकर भी किसी को कुछ नहीं बताया।

अब 8 साल बाद जब उसने इस खतरनाक सच को सामने लेकर आया तो उस समय बाग के मालिक रामदास को गिरफ्तार कर लिया गया और उससे पूछताछ की गई। तो उसने बताया कि उसने जब बालक के शव को आम के पेड़ के पास देखा तो शव को कुछ दूरी पर गड्डा खोद कर दफना दिया और किसी को भी इस वारदात की जानकारी नही दी।

पुलिस के मुताबिक पेड़ के मालिक के बयान के आधार पर मृत बालक के कंकाल को न्यायायिक दंडाधिकारी की उपस्थिति में जमीन से खोदकर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।इसके साथ ही बाग के मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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