Cyclone 'बिपरजॉय' से समंदर में उठेंगी 20 फुट ऊंची लहरें, ये सुनकर गुजरात में हवा खराब

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Cyclone 'बिपरजॉय' से समंदर में उठेंगी 20 फुट ऊंची लहरें, ये सुनकर गुजरात में हवा खराब
तबाही के तूफान की आहट से गुजरात में हवा खराब
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cyclone biparjoy: अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गुजरात की हवा खराब कर दी है। इस तूफान से आने वाली तबाही के बारे में सोच सोचकर ही इस राज्य के लोगों और बंदोबस्त के काम में जुटे लोगों के चेहरे का रंग उड़ चुका है। चारो तरफ या तो हवा शोर मचा रही है, या फिर, तूफानी हवा के जोर से उजड़ती और वीरान बस्ती में पांव पसारता सन्नाटा चीख रहा है। इन तेज और तूफानी हवाओं के बीच पूरे देश में अफवाहों का बाजार अपने पैर जमाता दिखाई पड़ने लगा है। लेकिन कुछ ऐसे सच भी हैं जो कंप्यूटर की स्क्रीन से निकलकर हकीकत की जमीन पर लैंड करते दिखाई पड़ रहे हैं। 

तूफान की तीव्रता को देखते हुए गुजरात के तटों को खाली कराया गया

150 किलोमीटर की स्पीड से टकराएगा तूफान

बिपरजॉय नाम का ये तबाही वाला तूफान आज देर शाम गुजरात के सबसे किनारे पर मौजूद जखाऊ बंदरगाह पर पहुँचेगा और तूफानी हवाएं बंदरगाह पर मौजूद ज़मीन और दीवारों से टकराएंगी। जिस वक़्त ये तूफान गुजरात के किनारे पर होगा उस वक़्त इसकी स्पीड तकरीबन 125 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा की हो सकती है। ऐसे में हवा का ये रुख किसी तबाही का वायस भी बन सकता है। और इसी के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, दमन और दीव के साथ साथ दादर और नगर हवेली में एनडीआरएफ की टीमों तैनात कर दी गईं हैं। समंदर की उफनती लहरों को चीरती कोस्ट गार्ड और नौ सेना की गश्ती नौकाएं पूरी मुस्तैदी से हरेक तूफानी कदम उठाने को तैयार हो चुकी हैं। 

150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं

442 गांवों को अलर्ट कर दिया

गुजरात के 442 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है और समंदर के किनारे अपना रोजगार करने और तलाशने वाले कम से कम 74 हजार से ज़्यादा लोगों को तूफान के गुज़र जाने तक सुरक्षित ठिकानों तक पहुँचा दिया गया है। इसके अलावा चक्रवाती तूफान के लैंडफॉल करने और उससे होने वाली तबाही और बर्बादी को समेटने के लिए दिल्ली से लेकर गांधीनगर तक की सरकार ने पूरी तरह से कमर कस ली है। लोगों को ये तूफान ज़्यादा नुकसान न पहुँचा सके इसलिए सरकारी बंदोबस्त ने अकेले कच्छ से 34000 से ज़्यादा लोगों को किनारों से दूर पहुँचा दिया जबकि जामनगर में 10 हजार और मोरबी से साढ़े नौ हजार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसके अलावा देवभूमि द्वारका से 5056, राजकोट से 6089, जूनागढ़ से 4604, पोरबंदर से 3469, गिर सोमनाथ से 1605 लोगों को शिफ्ट कर दिया गया है। 

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बाढ़ और बारिश भी मचा सकते हैं तबाही

ऐसा अंदाजा लगाया गया है कि ये तूफान गुजरात के आठ जिलों में आने वाले 442 गांवों को सबसे ज़्यादा प्रभावित कर सकता है। इन इलाकों में बाढ़ के अलावा बारिश भी तबाही मचा सकती है लिहाजा इस पूरे इलाके को खाली कराने के साथ साथ यहां सरकारी मशीनरी का जबरदस्त पहरा बैठा दिया गया है। 

NDRF की 18 टीमें एक्टिव 

इस तूफान से निपटने के लिए NDRF की करीब 18 टीमों को गुजरात में एक्टिव मोड में अलर्ट कर दिया गया है। जबकि एक एक टीम दादर और नगर हवेली के अलावा दमन और दीव में मौजूद रहेगी। इसके आलावा एनडीआरएफ की चार टीमों क गुजरात के कच्छ जिले में तैनात कर दिया गया है जबकि तीन टीमें राजकोट में मुस्तैद हैं और तीन ही टीमों ने द्वारका में मोर्चा संभाल रखा है। समंदर से लोगों को पूरी तरह से दूर कर दिया गया है। क्योंकि पिछले दो दिनों से अरब सागर बुरी तरह से मचल रहा है। ऊंची ऊंची लहरें उठ रही हैं जो लगातार समंदर के तटों से टकराकर अपने गुस्से का इजहार करती महसूस होती हैं। 

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20 फीट ऊंची लहरें उठेंगी

मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि आज अरब सागर पूरी तरह से बेकाबू रहने वाला है यहां लहरों में हलचल बहुत तेज होगी और समंदर में 9 से 20 फीट तक ऊंची तूफानी लहरें दिखाई पड़ सकती हैं। समंदर में आने वाले हाई टाइड से तटीय इलाकों में भारी नुकसान हो सकता है। खतरा सिर्फ समंदर की ऊंची लहरे ही नहीं हैं बल्कि मूसलाधार बारिश भी इलाके में अपना कहर बरसा सकती है। कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में रिकॉर्ड बारिश होने की आशंका है। मौसम विभाग ने कुछ जगहों पर बादल फटने जैसी घटनाओं के होने की भी आशंका जाहिर की है। 

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ढोल बजाकर की जा रही मुनादी

गुजरात में गांवों में ढोल बजाकर लोगों को सावधान किया जा रहा है। मुनादी की जा रही है कि लोग अगले 48 घंटों तक अपने अपने घरों से बाहर न निकलें। 

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