Cyber Fraud: दुबई में मास्टरमाइंड, नासिक के धन्ना सेठ की तिजोरी साफ, करोड़ों की ठगी में मजदूर को जेल
Cyber Fraud: साइबर फ्रॉड का एक केस सुलझाते समय पुलिस तब चौंक गई जब ठगी का मास्टरमाइंड तो दुबई में बैठा मिला जबकि वसई के एक मजदूर को करोड़ों की ठगी में हथकड़ी लग गई।
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Cyber Fraud: हिन्दुस्तान की पुलिस ने ठगी की जब एक गुत्थी सुलझाई तो उसे समझ में आया दुनिया तो गोल है। अब आप खुद ही देखिये...कोई दुबई में बैठा है, और महाराष्ट्र के नासिक के किसी धन्ना सेठ की तिजोरी साफ हो जाती है, लेकिन पुलिस हथकड़ी लगाती है वसई मुंबई के एक मजदूर को, क्योंकि उसके खाते में पैसा आया था दुबई से। है न गोल माल। चलिए इस गोलमाल को जरा सीधा करते हैं और साइबर ठगी का एक पेंचीदा किस्से पर नज़र डालते हैं जिसे पुलिस ने जब मुश्किल से सुलझाया तो खुद उसका सिर चक्कर खा गया।
हाई टेक हुआ ठगी का धंधा
लेकिन बदलते दौर में ठगी का ये धंधा भी अब न सिर्फ हाई टेक हो गया है बल्कि ग्लोबल भी हो गया है। यानी जरूरी नहीं कि कोई आपके पास आकर आप से मिलकर आपकी तिजोरी पर हाथ साफ करे। आज के इस हाई स्पीड इंटरनेट युग में साइबर ठग दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठकर किसी की भी जेब काट सकता है और किसी की भी तिजोरी पर झाड़ू फेर सकता है। ताजा मिसाल सामने आई है महाराष्ट्र के नासिक से। यहां साइबर फ्रॉड के जरिए एक धन्ना सेठ को सीधे सीधे तीन करोड़ 70 लाख का चूना लगा।
महाराष्ट्र के कारोबारी को लगा चूना
असल में हुआ ये कि महाराष्ट्र के नासिक में एक बड़े कारोबारी हैं। वो एक रोज पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर पहुँचे। उनकी शिकायत के मुताबिक शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ही उनको अच्छी खासी चपत लग गई और खाते से ही 3 करोड़ 70 लाख रुपये किसी ने उड़ा लिए।
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करोड़ों की हेराफेरी
शहर के बड़े कारोबारी की शिकायत मिली और मामला करोड़ों रुपयों की हेराफेरी का था लिहाजा पुलिस ने फौरन छानबीन शुरू कर दी। अब ठग कितना भी शातिर क्यों न हो, पुलिस में भी तो लोग पढ़े लिखे और साइबर एक्सपर्ट होते हैं, तो पुलिस के एथिकल हैकर ने अपना काम जब शुरू किया तो एक लिंक से दूसरे और दूसरे से तीसरे लिंक से होते हुए वो उस कंप्यूटर तक जा पहुँचा जहां से ये सारा खेल हुआ था।
पहेली सुलझाते ही पुलिस के होश फाख्ता
तो पुलिस के एक्सपर्ट ने पाया कि जिस कंप्यूटर से ठगी का सारा जाल बुना गया और ठगी की गई वो तो हिन्दुस्तान से हजारों मील दूर समंदर के उस पार दुबई में कहीं है। तब पुलिस की जिज्ञासा और बढ़ी ये जानने के लिए कि आखिर ये सारा गड़बड़झाला है क्या। तो और खुदाई शुरु हुई। और फिर जो पहेली सुलझी तो पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए।
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साइबर ठगों के मोहरे गरीब और जरूरतमंद
पुलिस का खुलासा कुछ इस तरह है कि सारा नेटवर्क दुबई से चलता है। वहां बैठा मास्टरमाइंड असल में कुछ गरीब और जरूरतमंदों की तलाश करता है और उनके दस्तावेजों के जरिए कुछ बैंकों में खाते खुलवाए जाते हैं। लेकिन इस प्रॉसेस में अक्सर फर्जी दस्तावेजों का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद वो मास्टरमाइंड अलग अलग तौर तरीकों से साइबर फ्रॉड करते हुए जो पैसों की हेराफेरी करते हैं, उन्हें इन्हीं नए खुलवाए गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं और फिर वो खाते जिन जिन के नाम के होते हैं उन्हें मामूली रकम कमीशन के तौर पर देकर बाकी रकम निकाल ली जाती है।
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खेतिहर मजदूर को लगी हथकड़ी
इसी सिलसिले में नासिक से धन्ना सेठ की तिजोरी से लूटे गए 3.70 करोड़ रुपये के बारे में छानबीन करते करते पुलिस वसई के बबलू ठाकुर के पास जा पहुंची, जो एक खेतिहर मजदूर है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार तो कर लिया। लेकिन छानबीन अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि अब पुलिस उसी बबलू का मुंह खुलवा कर उन लोगों की कुंडली पढ़ने की कोशिश में है जिन्होंने बबलू से नाता कायम करके उसका बैंक का खाता जबरन खुलवाया।
खाते में आया कमीशन
पुलिस को पता चला है कि बबलू के खाते में 20 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे और बाद में ये रकम निकाल ली गई, औरबबलू को चंद हजार रुपये बतौर कमीशन देकर बात नक्की कर दी गई। खुलासा हुआ बबलू को मिली कमीशन की रकम असल में उसी पैसों का हिस्सा था जो 3 करोड़ 70 लाख रुपये सेठ की तिजोरी से उड़ाए गए थे। यानी पुलिस ये समझ चुकी है कि वो बड़ी रकम ऐसे ही कई खातों में टुकड़ों टुकड़ों में ट्रांसफर की गई और वहां से बटोरकर एक जगह इकट्ठा कर ली गई। जाहिर है इस पेंचीदा पहेली को सुलझाना पुलिस के लिए भी आसान नहीं है। मगर पुलिस को अब इसे सुलझाने में मजा आने लगा है। और सोच लीजिए जब पुलिस को किसी काम में मजा आता है तो किसी न किसी को सजा तो मिलती ही है।
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