विदेशी कंपनी से बीमा पाने के लिए हमशक्ल दिखने वाले भिखारी को कोबरा से डसवा दिया, फिर इतने करोड़ किए क्लेम, ऐसे खुला राज़

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CRIME NEWS : 22 अप्रैल को अहमदनगर के राजुर पुलिस स्टेशन को सरकारी अस्पताल से सूचना मिली थी कि एक शख्स जिसका नाम प्रभाकर भीमाजी वागचोरे है उसकी सांप काटने की वजह से मौत हो गई है। इस सूचना पर थाने से एक कांस्टेबल कानूनी कार्रवाई करने के लिए अस्पताल पहुंचा।

कांस्टेबल की अस्पताल में मुलाकात प्रवीण नाम के शख्स से हुई जिसने खुद को मरने वाले शख्स प्रभाकर का भतीजा प्रवीण बताया। उसके साथ वहां पर एक और आदमी मौजूद था जिसने खुद की पहचान हर्षद के तौर पर बताई। प्रवीण और हर्षद ने कांस्टेबल के सामने इस बात की तस्दीक की ये लाश प्रभाकर भीमाजी वागचोरे की है।

दोनों को मामले में गवाह बनाने के बाद कांस्टेबल ने कानूनी कार्रवाई के लाश भतीजे प्रवीण को सौंप दी जिसने उस लाश का अंतिम संस्कार भी कर डाला। मामला आया गया हो गया। दरअसल मरने वाला प्रभाकर लंबे वक्त तक अमेरिका में रहा था और हाल में ही वो भारत वापस आया था।

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यहां पर लौटने के बाद उसने अहमदनगर के राजुर गांव में रहना शुरु कर दिया। प्रभाकर की मौत के कुछ महीने बाद अमेरिकी की एक बीमा कंपनी ने अहमदनगर पुलिस से संपर्क किया। उसे मृतक प्रभाकर के बारे में जानकारी चाहिए थी, प्रभाकर के नाम पर 37.5 करोड़ रुपये का बीमा था।

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अमेरिकी कंपनी ने बीमे की जांच शुरू की

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परिवार ने जब बीमे की रकम पर दावा ठोका तो अमेरिकी कंपनी ने प्रभाकर की मौत के हालात में पता करना शुरु किया। उन्हें मालूम चला कि प्रभाकर की मौत सांप काटने की वजह से हुई है लेकिन बीमा कंपनी को इतनी बड़ी रकम चुकाने के लिए कुछ और जानकारियां चाहिए थीं।

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पुलिस ने और जानकारी के लिए प्रभाकर के भतीजे प्रवीण से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया। पुलिस ने प्रभाकर के पोस्टमार्टम के वक्त अस्पताल में प्रवीण के साथ मौजूद हर्षद से पूछताछ की तो हर्षद ने पुलिस को बताया कि प्रवीण की कोविड की वजह से मौत हो गई है।

प्रभाकर के किसी भी रिश्तेदार से संपर्क ना होते देख पुलिस प्रभाकर के राजुर वाले घर पहुंच गई। वहां पर पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि सांप काटने जैसी कोई बात तो उनके सुनने में नहीं आई लेकिन उन्होंने ये जरुर बताया कि जिस दिन की घटना बताई जा रही है उस प्रभाकर के घर पर एक एंबुलेंस जरुर आई थी।

प्रभाकर का कोई रिश्तेदार मिल नहीं रहा था लिहाजा पुलिस ने प्रभाकर की कॉल डिटेल रिकार्ड निकालकर रिश्तेदार की तलाश करना तय किया। हालांकि जब पुलिस ने प्रभाकर की कॉल डिटेल निकलवाई तो वो भी हैरान रह गई।

जो प्रभाकर महीनों पहले मर चुका था वो अब भी फोन पर बातें कर रहा था। पुलिस ने अब प्रभाकर को ढूंढा और उसे अपनी हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान जो कहानी सामने आई उसे सुनकर पुलिस भी हैरान थी। सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि जो प्रवीण पुलिस को अस्पताल पर मिला था दरअसल वही प्रभाकर है।

ऐसे रची गई साजिश

पुलिस के मुताबिक अमेरिका में 20 साल रहने के बाद प्रभाकर जनवरी 2021 में ही भारत वापस लौटा था। उसका मकसद था बीमे की रकम को हड़पना, जिसकी प्लानिंग उसने आने के साथ ही शुरु कर दी थी। सबसे पहले दो लोगों को पैसा का लालच देकर अपने प्लान में शामिल किया।

ये दोनों थे संदीप और प्रशांत, सबसे पहले इन्होंने एक सांप पकड़ने वाले शख्स से संपर्क किया। उससे इन्होंने एक कोबरा सांप खरीदा, सांप खरीदने के बाद अब इन्होंने ऐसे आदमी की तलाश शुरु की जो प्रभाकर जैसा दिखता और उसकी उम्र भी लगभग प्रभाकर के बराबर हो। ये तलाश खत्म हुई नवनाथ यशवंत अनाप पर जाकर खत्म हुई। यशवंत अनाप बेहद ही गरीब और भिखारी थी. लेकिन इसके बाद भी उसकी शक्ल मिलती-जुलती थी, इसलिए उसे झांसे में ले लिया.

22 अप्रैल को संदीप और प्रशांत अनाप को जबरदस्ती एक सुनसान जगह पर लेकर गए वहां पर हरीश कुलाल नाम का सपेरा पहले से ही मौजूद था। संदीप और प्रशांत ने अनाप को पकड़ा जब हरीश ने कोबरा से अनाप के पांव में कटवा दिया। थोड़ी देर तड़पने के बाद अनाप की जान निकल गई।

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इसके बाद ये उसकी लाश को लेकर प्रभाकर के घर पहुंचे और फिर एंबुलेंस बुलाई ताकि पड़ोसी भी देखें और पूछने पर गवाही भी दे सकें। बाद में अनाप की लाश का भी इन्होंने चोरी छिपे अंतिम संस्कार कर दिया। डेथ सर्टीफिकेट मिलने के बाद प्रभाकर ने बीमा की रकम के लिए दावा ठोक दिया, जिसके बाद मामले की जांच शुरु हुई।

इस मामले में पुलिस ने प्रभाकर वाघचोरे और उसके साथ चार साथियों को गिरफ्तार किया है। प्रभाकर ने इन चारों को बीमे की रकम में से 35 लाख रुपये देने का वायदा किया था। अब पुलिस उस सांप पकड़ने वाले पर कार्रवाई का मन बना रही है जिससे खरीदे सांप ने अनाप को काटा था।

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