आर्थिक तंगी से तंग आकर स्वतंत्रता सेनानी के परिवार ने की खुदकुशी,जहर खाकर दी पत्नी, बेटा और बेटी ने जान

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आर्थिक तंगी से तंग आकर स्वतंत्रता सेनानी के परिवार ने की खुदकुशी,जहर खाकर दी पत्नी, बेटा और बेटी ने...
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30 अक्टूबर की सुबह 7.30 बजे पुलिस कंट्रोल रुम को एक शख्स ने फोन कर के बताया था कि उसने अपनी मां और बहन के साथ जहर खा लिया है। उसने बताया कि वो वाशी इलाके के एक मकान से बोल रहा है। कंट्रोल रुम ने इसकी सूचना वाशी पुलिस स्टेशन को दी। सूचना मिलते ही वाशी स्टेशन की पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई।

मकान में तीन लोग बेसुध पड़े हुए थे जिनकी पहचान 87 साल की बुजुर्ग मोहिनी कामवानी, 55 साल की दिव्यांग महिला कांता कामवानी और 67 साल के दिलीप कामवानी के तौर पर हुई। तीनों आपस में मां, बेटे और बेटी थे। तीनों को इलाज के लिए पास के ही अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने के एक घंटे बाद घर की बेटी कांता कामवानी की मौत हो गई।

शाम को दिलीप कामवानी और उनकी मां मोहिनी कामवानी की भी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक मरने से पहले दिलीप कामवानी ने अपना बयान रिकॉर्ड कराया था जिसमें उन्होंने बताया था कि उन तीनों ने कई तरह के जहर मिलाकर खाए हैं। दिलीप ने ये भी बताया कि खुदकुशी की वजह उनकी आर्थिक स्थिति है।

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पुलिस के मुताबिक कामवानी परिवार का काफी वक्त से अपने रिश्तेदारों के साथ पैसों को लेकर विवाद चल रहा था। परिवार ने कई बार रिश्तेदारों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।

साल 2012 में उन्होंने भारत के राष्ट्रपति को खुदकुशी की इजाजत देने के लिए चिट्ठी भी लिखी थी। दिलीप और मोहिनी कामवानी ने आजाद मैदान में अपनी मांगों को लेकर धरना भी दिया था लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

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उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी कई पेज बनाए थे जिनमें उन्होंने लोगों से उनकी अपील करने को कहा था। हालांकि उनकी आर्थिक स्थिति दिन ब दिन कमजोर होती जा रही थी जिसकी वजह से परिवार दबाव में था।

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उन्हें इस स्थिति से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था तो उन्होंने मौत को गले लगाना ही बेहतर समझा। परिवार के मुताबिक परिवार के मुखिया और स्वतंत्रता सेनानी नारायणदास कामवानी महात्मा गांधी के साथ जेल गए थे।

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