Start up के लिए कर्ज लिया था, EMI चुकाने लिए कर डाली लूट, डिजिटल पेमेंट से पकड़े गए
start up की emi भरने के लिए दिया लूट की वारदात को अंजाम, पुलिस ने 800 कैमरे खंगाल कर पकड़ा, पेट्रोल का डिजिटल पेमेंट पड़ गया बदमाशों पर भारी read crime tak for hindi crime news
ADVERTISEMENT
RAJASTHAN CRIME NEWS
अलवर के भिवाड़ी में 25 अक्टूबर को एक लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था। बाइक सवार बदमाशों ने एक कैश एजेंट से 8.70 लाख रुपए लूट लिए थे। 25 अक्टूबर को मटीला के पास हितेश पंजाबी नाम के एक शख्स के साथ लूट की ये वारदात हुई। लूट की इस वारदात को सुलझाने के लिए पुलिस ने कई टीमें बनाई।
सभी टीमों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं। एक टीम को मौका-ए-वारदात और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने को कहा गया। पुलिस की इस टीम ने 9 दिन तक करीब 800 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। लूट की ये वारदात मटीला में हुई थी। इसको सुलझाने के लिए पुलिस ने अलवर के मटीला इलाके से कैमरों को खंगालना शुरु किया
ADVERTISEMENT
यहां से कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए भिवाड़ी, धारुहेड़ा, बिलासपुर, पचगांवा, मानेसर, खेडकीदौला टोल, गुरुग्राम के राजीव नगर, इफ्को चौक, एटलस चौक, रजोकरी होते हुए द्वारिका दिल्ली तक पुलिस बदमाशों को खोजते-खोजते पहुंच गई।
ये रास्ता करीब 80 किलोमीटर का था जिस पर ये सीसीटीवी कैमरे लगे थे। हालांकि इतने कैमरे देखने के बाद भी पुलिस को ना तो बदमाशों की बाइक का नंबर पता चल पाया और ना ही उनकी शक्ल ही नजर आई।
ADVERTISEMENT
पेट्रोल पंप पर लगे कैमरे से मिला सुराग
ADVERTISEMENT
दरअसल पुलिस जब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही थी तो उन्हें दो पेट्रोल पंप से बेहद अहम सुराग मिले। पहला सुराग था बदमाशों की बाइक का नंबर दूसरा सुराग था उनका चेहरा क्योंकि यहां पर पेट्रोल भरवाते समय दोनों ने अपना हैलमेट उतारा था। सबसे अहम सुराग था बदमाशों का मोबाइल नंबर क्योंकि उन्होंने पेट्रोल डलाने के बाद उसका डिजीटल पेमेंट किया था।
बस इसके बाद पुलिस ने पेटीएम से बदमाशों का पता-ठिकाना मालूम चल गया और पुलिस की टीम ने दिल्ली के द्वारिका इलाके में रेड कर दी। पुलिस ने यहां से मामले के आरोपी सुनील और दीपक को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने लूट की वारदात कबूल कर ली।
चढ़ावे के नाम पर भगवान को भी देते थे लूट का हिस्सा, इंदौर पुलिस ने पकड़े अजीबोगरीब चोर!स्टार्ट अप का लोन चुकाने के लिए लूट
सुनील और दीपक ने बताया कोरोना से पहले स्टार्ट-अप शुरू किया था। उन्होंने एक के बाद एक तीन स्टार्टअप में पैसा लगाया। इसके लिए दोनों ने करीब 10 लाख रुपए तक का लोन अलग-अलग लोगों से लिया था।
कोरोना में हुए नुकसान के बाद दोनों कर्जा नहीं उतार पा रहे थे। उन्हें भिवाड़ी में रहने वाले एक दोस्त ने लूट करने की सलाह दी। साथ में ये भी बताया कि भिवाड़ी में आसानी से वारदात को अंजाम दिया जा सकता है जिसके बाद टार्गेट और जगह चुनी गई।
वारदात वाले दिन दोनों ने कलेक्शन एजेंट को अपना निशाना बनाया और फिर वारदात करने के बाद दिल्ली निकल गए। वारदात को नौ दिन का वक्त बीत जाने पर दोनों को लग रहा था कि अब वो पुलिस के हाथ नहीं आएंगे लेकिन उनके डिजिटल पेमेंट ने पुलिस को उन तक पहुंचा दिया।
अमेरिका: लूट के लिए किया 80 किमी तक पीछा, सड़क पर नहीं घर में घुसकर उतारा मौत के घाट"अंतर्राष्ट्रीय पीड़ित पति असोसिएशन" में जुड़ा एक और शख्स! पुलिस से की जेल जाने की फरियादADVERTISEMENT