कांग्रेस विधायक आफताबुद्दीन मोला पर शिकंजा, असम में सांप्रदायिक बयान देने के आरोप में कांग्रेस विधायक गिरफ्तार

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जांच जारी
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Assam Crime News: असम में कांग्रेस विधायक आफताबुद्दीन मोला को एक जनसभा में एक समुदाय को निशाना बनाने वाले कथित 'घृणास्पद भाषण' के लिए बुधवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बराह ने कहा कि विपक्षी दल के विधायक को यहां एमएलए क्वाटर्स में अन्य कांग्रेस विधायक के आवास से मंगलवार रात को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। मोला ने पिछले हफ्ते एक जनसभा में कथित तौर पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि एक विशेष प्रकार का अपराध एक खास समुदाय के लोगों का एक समूह करता है। सभा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद हंगामा मच गया। इसे लेकर विभिन्न स्थानों पर पुलिस में कई शिकायतें दी गईं।

घृणास्पद भाषण में गिरफ्तारी

बराह ने यहां पत्रकारों से कहा, “ हमें एक शिकायत मिली जिसमें आरोप लगाया गया कि संबंधित व्यक्ति ने छह नवंबर को एक जनसभा में कुछ भड़काऊ बयान दिए। इसमें दावा किया गया कि उन्होंने दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने की कोशिश की और तनाव उत्पन्न किया।” बराह ने कहा कि शुरुआती जांच के बाद, दिसपुर थाने में मामला दर्ज किया गया और मोला को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। उन्होंने पुलिस कार्रवाई पर कहा, “ मैं यह भी बताना चाहता हूं कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत नफरत भरे भाषण की शिकायत मिलने पर पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी होती है। अगर पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिलती तो उसे स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी होती है।”

दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने की कोशिश 

दिसपुर थाने के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जलेश्वर सीट से विधायक को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना या उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने) और 505 (2) ( वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप

अधिकारी ने बताया, “ हमने उन्हें अदालत में पेश किया है और पुलिस हिरासत की मांग की है। सुनवाई जारी है।' गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन सिकदर ने आरोप लगाया कि मोला को ऐसे समय में प्रताड़ित किया जा रहा है जबकि कई राजनीतिक नेताओं, खासकर सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने 'और भी गंभीर सांप्रदायिक बयान' दिए हैं और पुलिस ने उनका संज्ञान तक नहीं लिया है। सिकदर ने कहा, 'मोला ने तुरंत असम के लोगों से माफी मांगी थी। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें यह बयान क्यों देना पड़ा। मुझे लगता है कि मामला वहीं खत्म हो जाना चाहिए था।'

नेता को प्रताड़ित करने का आरोप

उन्होंने कहा, “ हम नहीं चाहते कि कोई किसी व्यक्ति या समुदाय पर इस तरह का बयान दे। लेकिन हमें यह भी उम्मीद है कि पुलिस इस तरह कानून का उल्लंघन करने वाले अन्य लोगों पर भी कार्रवाई करेगी।” रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कांग्रेस विधायक को गिरफ्तार करने में 'पक्षपातपूर्ण तरीके' से काम किया है जबकि एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल 'दैनिक आधार पर अधिक गंभीर अपमानजनक और सांप्रदायिक टिप्पणियां करते हैं।' उन्होंने कहा, “ यह अच्छा है कि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है। लेकिन उसे अन्य मामलों में भी कार्रवाई करनी चाहिए जब भाजपा और एआईयूडीएफ नेता ऐसे सांप्रदायिक बयान देते हैं।”

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(PTI)

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