यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 2 लाख का जुर्माना भी

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यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 2 लाख का जुर्म...
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UP NEWS : यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) समेत 3 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इन दोषियों पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. बता दें कि चित्रकूट गैंगरेप मामले में कोर्ट ने सपा कार्यकाल में मंत्री रह चुके गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत 3 आरोपियों को दोषी पाया था. 12 नवंबर को इनके सजा का ऐलान हुआ. जिसमें सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

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मामला कैसे पहुंचा सुप्रीम कोर्ट?

पीड़ित महिला ने आरोपियों के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की, इस पर गायत्री प्रजापति और उसके साथियों ने महिला के पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। महिला ने मंत्री और उनके गुर्गों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आरोपियों के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई।

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एफआईआर दर्ज करने के बाद लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इन सभी के खिलाफ सामूहिक बलात्कार, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

कब-कब, क्या-क्या हुआ?

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- 2013 में पीड़िता चित्रकूट के राम घाट पर गंगा आरती के एक कार्यक्रम में मौजूदा कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से मिली।

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- साल 2014 में पहली बार गायत्री ने उसके साथ रेप किया, उसके बाद 2016 तक वो लगातार पीड़िता का दूसरे लोगों के साथ मिलकर शारीरिक शोषण करते रहे।

- 17 अक्टूबर 2016 को पहली बार पीड़िता ने यूपी के डीजीपी को इस मामले की शिकायत दी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

- 16 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस और सरकार को पीड़िता की एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।

- 18 जुलाई 2017 को यूपी पुलिस ने गायत्री प्रसाद प्रजापति, विकास वर्मा, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया। बाद में अमरेन्द्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल और रूपेश्वर उर्फ रूपेश के नाम भी जोड़े गए।

- 2 नवंबर 2021 को सभी आरोपियों के बयान दर्ज किए गए।

- 8 नवंबर 2021 को कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी कर ली।

- 10 नवंबर 2021 को पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष कुमार को दोषी करार दिया। वहीं अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा चंद्रपाल और रुपेशवर उर्फ रूपेश को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।

- कोर्ट ने ऐलान किया कि वो 12 नवंबर को गायत्री की सजा पर फैसला सुनाएगी।

कौन हैं गायत्री प्रसाद प्रजापति?

कहते हैं गायत्री प्रजापति बहुत ज़मीन से उठकर सियासत के फलक तक पहुंचा, राजनीति में आने से पहले वो पुताई किया करता था और फिर विधायक और मंत्री बन गया। समाजवादी पार्टी को तुड़वाने में गायत्री प्रजापति की अहम भूमिका बताई जाती है, जोड़ तोड़ के उसके इसी हुनक की वजह से तीन चुनाव हारने के बाद और बड़ी मुश्किल से एक चुनाव जीतने के बाद उसे सीधा मंत्री बना दिया गया।

कहते हैं उसने इस दौरान इतना पैसा कूटा कि लोग देखते रह गए। अखिलेश यादव की सरकार में खनन मंत्री और अमेठी से विधायक रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति फिलहाल जेल में हैं और गैंग रेप के अलावा उसके ऊपर लगे अवैध खनन मामले में भी सीबीआई जांच चल रही है।

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