यूपी की ठोको पुलिस को महंगा पड़ा चित्रकूट के इस डाकू का एनकाउंटर!
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चित्रकूट में ठोको नीति के तहत यूपी पुलिस के इनामी डकैत भालचंद्र के एनकाउंटर में सवालो के घेरे में, परिजनों ने फ़र्जी एनकाउंटर बोलकर क़रार देते हुए कोर्ट से माँगा न्याय।
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उत्तर प्रदेश की ठोको पुलिस को एक डाकू का एनकाउंटर करना भारी पड़ गया है. यूपी पुलिस की ठोको नीति इस बार उन्हीं के ऊपर भारी पड़ती हुई दिख रही है. UP पुलिस किस तरह निर्दोष लोगों का फर्जी तरीके से एनकाउंटर कर वाहवाही लूटने का प्रयास करती है इसकी एक और मिसाल देखने को मिली चित्रकूट में जहां यूपी की ठोको पुलिस ने डकैत बताकर एक शख्स को मार डाला.
पुलिस ने उसे आमने-सामने की मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था. अब स्पेशल कोर्ट ने इस केस में तत्कालीन SP और STF जवानों समेत दो दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है.
दरअसल जिले में 31 मार्च को पुलिस और एसटीएफ ने मुठभेड़ में 25000 के इनामी डकैत भालचंद्र को मार गिराया था. डकैत भालचंद्र यादव सीमा से सटे एमपी के नयागांव क्षेत्र के पडमनिया का रहने वाला था
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भालचंद्र के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसके परिवार वालों ने पुलिस पर साजिष के तहत मार डालने का आरोप लगाया. जिसके बाद भालचंद्र के परिवार वालों ने ही इस मामले को कोर्ट में बताया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल कोर्ट ने अब इस मामले पर गुरुवार यानी कि 7 सितंबर को आदेश दिया कि तत्कालीन SP अंकित मित्तल और STF के अधिकारियों सहित 15 पुलिसकर्मियों पर लूट और हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए.
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बता दें कि अंकित मित्तल ने ही पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव से मुठभेड़ के दौरान भालचंद्र को भी एनकाउंटर में मार गिराया था. इस घटना के बाद भालचंद के परिजनों ने एनकाउंटर को फेक बताया था. परिजनों के अनुसार भालचंद्र यादव अपनी पेशी करने के लिए सतना गया था, जहां पर उसके हस्ताक्षर भी थे, रास्ते से STF ने उसे उठा लिया और उसके साथ बेरहमी से मारपीट की. उसकी हत्या करते हुए एनकाउंटर का नाम दे दिया.
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बाद में परिवार वालों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने शव देने से भी मना कर दिया था. लेकिन मध्य प्रदेश के विधायक के हस्तक्षेप के बाद उनकी जवाबदेही पर पुलिस ने उसके शव को उसके परिवार वालों को सौंप दिया था. भालचंद्र की पत्नी ने पुलिस पर फेक एनकाउंटर का आरोप लगाया और कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी.
जिसके बाद न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय ने सुनवाई करते हुए गुरुवार को आदेश दिया कि तत्कालीन एसपी चित्रकूट अंकित मित्तल, थाना प्रभारी मारकुंडी रमेशचंद्र, बहिल पुरवा दीनदयाल सिंह, स्वाट टीम प्रभारी श्रवण कुमार सिंह, STF के सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी, संतोष कुमार सिंह समेत 14 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाए.
आपको बता दें कि यूपी पुलिस की ठोको नीति के कारण न जाने कितने लोगों को अभी तक एनकाउंटर में मार गिराया गया है. पर इन में कितने एनकाउंटर असली है और कितने फेक इस बात का पता तो शायद ही कभी चल पाए. लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद UP पुलिस मुश्किल में आ सकती है.
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