विधायक अमनमणि त्रिपाठी को अपहरण मामले में कोर्ट ने किया बरी, अदालत ने कहां - पुलिस न तो शिकायकर्ता और न ही मेडिकल रिपोर्ट पेश कर पाई

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विधायक अमनमणि त्रिपाठी को अपहरण मामले में कोर्ट ने किया बरी,अदालत ने कहां - पुलिस न तो शिकायकर्ता...
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लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उसके साथियों के खिलाफ चल रहे एक मामले में आरोपियों को बरी कर दिया है। विशेष जज पवन राय ने अमनमणि त्रिपाठी और उनके दो साथियों संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला को बरी किया है। कोर्ट ने सभी को बरी करते हुए कहा कि यह अस्वाभाविक है कि कोई फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ी से आकर एक लाख रुपये की रंगदारी मांगे। किसी तरह की रंगदारी दिए जाने और देने के प्रयास का कोई सुबूत पेश नहीं किया गया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से किसी घायल की मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट में नहीं पेश की गई। अदालत ने यहां तक कहा कि यही नहीं, घायल चालक प्रताप को पुलिस कोर्ट में पेश ही नहीं कर पाई। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन की रिपोर्ट संदेहास्पद है और जितने भी गवाह पेश किए गए सभी के बयान एक दूसरे से अलग है।

कौन है अमनमणि त्रिपाठी ?

अमनमणि त्रिपाठी महराजगंज के नौतनवां से निर्दलीय विधायक है। वो बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं, जो अभी गोरखपुर की जेल में अपनी पत्नी के साथ मौत के इलजाम में उम्रकैद की सजा काट रहें हैं।

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क्या था पूरा मामला ?

दरअसल, 6 अगस्त 2014 को गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पांडे ने अमनमणि त्रिपाठी और उसके दो साथियों संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला पर अपहरण कर फिरौती मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले की जांच के बाद पुलिस ने अमनमणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की तमाम धाराओं 364 , 386, 504, 506 के तहत चार्जशीट भी दाखिल की थी। 28 जुलाई 2017 को कोर्ट ने अमनमणि समेत तीनों आरोपियों पर आरोप भी तय कर दिए थे।

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नोट : यह ख़बर क्राइम तक के साथ इंटर्नशिप कर रहे नवीन कौशिक ने लिखी है।

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