क्या हेलीकॉप्टर क्रैश के पीछे है चीन-पाकिस्तान का हाथ?
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जनरल बिपिन रावत की मौत किन परिस्थितियों में हुई, उसको लेकर अभी कुछ भी साफ नहीं है। ऐसे में सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाओं और आशंकाओं की बाढ़ आ गई। इस हादसे की तुलना पुराने हादसों से की जाने लगी। चीन, पाकिस्तान और अमेरिका जैसे देशों और हथियार लॉबी को इसके पीछे जिम्मेदार बताया जाने लगा। उनकी मौत और उसके पीछे का पूरा सच जांच के बाद ही सामने आएगा, लेकिन जिन जियो-पॉलिटिकल परिस्थितियों और सुरक्षा हालात में उनकी मौत हुई है, लोगों के जेहन में सवाल उठने लाजिमी हैं।
जनरल रावत एक सुरक्षित और भरोसेमंद हेलिकॉप्टर में उड़ान भर रहे थे। वे भारत के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी थे और एक तय प्रोटोकॉल और कंटिंजेंसी प्लान (आपात स्थिति के लिए योजना) के तहत ही यात्रा करते थे। ऐसे में हेलिकॉप्टर हादसे में उनकी मौत के बाद पहला सवाल लोगों के जेहन में आया,
क्या ये हादसा है,
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क्या इसके पीछे कोई बाहरी ताकत है?
उंगलियां पाकिस्तान की तरफ उठीं। जनरल रावत ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान की सिक्योरिटी एजेंसीज को चोट पहुंचाईं थीं। सवाल तैरने लगा कि कहीं इसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI तो नहीं। यही नहीं, श्रीलंका के लगभग खत्म हो चुके आतंकवादी संगठन LTTE के स्लीपर सेल का नाम भी एक्सपर्ट्स ने लिया।
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जनरल रावत की मौत की तुलना जनवरी 2020 में ताइवान के सेना प्रमुख जनरल शेन यी मिंग की मौत से भी की गई। जनरल मिंग अपने 13 साथियों के साथ हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए थे। उनकी मौत के वक्त भी हादसे के पीछे चीन के होने का सवाल उठा था। अब जनरल रावत की मौत के बाद लोग सोशल मीडिया पर जनरल शिंग की मौत का हवाला देते हुए आशंका जाहिर कर रहे हैं कि 'चीन अपने दुश्मन देशों के शीर्ष मिलिट्री कमांडर का सफाया कर रहा है।'
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यही नहीं जनरल रावत की मौत ऐसे वक्त हुई है जब कुछ दिन पहले ही दुनिया के शक्तिशाली नेता और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत का दौरा किया है। इस यात्रा से भारत रूस रक्षा सहयोग को बल मिला है। भारत ने अमेरिका के विरोध को दरकिनार कर रूस से एडवांस मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 भी खरीदा है। कुछ लोगों ने आशंका जाहिर की है कि जनरल रावत की मौत के पीछे हथियार लॉबी या ऐसी ताकतें हो सकती हैं जो भारत-रूस को दूर करना चाहती हैं।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत के रक्षा विश्लेषक ब्रह्मा चेल्लानी का एक ट्वीट शेयर करते हुए लिखा है,
'ये विचार ऐसा है जैसे क्रैश के पीछे अमेरिका की भूमिका पर संदेह करना क्योंकि भारत और रूस एस-400 की डिलीवरी पर आगे बढ़ रहे हैं और अमेरिका इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। जनरल रावत की मौत और 2020 में हेलिकॉप्टर हादसे में कई समानताएं हैं। इस क्रैश में ताइवान के सेना प्रमुख जनरल शेन यी मिंग और सात अन्य जनरलों की मौत हो गई थी। इन दोनों ही हेलिकॉप्टर हादसों में चीन के आक्रामक रवैये का विरोध कर रहे अहम लोगों की मौत हो गई।'
कुछ लोग जनरल रावत की मौत को साइबर वॉरफेयर से भी जोड़ कर देख रहे हैं। आशंका जाहिर की जा रही है कि जनरल रावत के हेलिकॉप्टर को साइबर हमले का निशाना बनाया गया होगा।
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