कांग्रेस नेता शशि थरूर का PA निकला सोना तस्कर, कस्टम अधिकारियों ने पकड़ा, शशि थरूर ने दिया बयान
Congress Leader Shashi Tharoor PA Custom Department: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के असिस्टेंट को सोने की तस्करी के मामले में कस्टम अधिकारियों ने पकड़ा है।
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Delhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के PA को सोने की तस्करी के मामले में दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने पकड़ा है। दरअसल एक यात्री बुधवार को बैंकॉक की फ्लाइट से दिल्ली एयरपोर्ट आया। जांच के दौरान पता चला कि उस यात्री को लेने थरूर का PA, शिवकुमार प्रसाद आया है, जो खुद सोने की तस्करी में शामिल था।
बैंकॉक से आया सोना
बैंकॉक से आए यात्री ने शिव कुमार को सोने की 500 ग्राम की मोटी चेन एयरपोर्ट के अंदर दी। जांच में पता चला कि शिवकुमार के पास एयरपोर्ट में एंट्री का वैलिड एरोड्रोम एंट्री पास था। ये पास केवल प्रोटोकाल के तहत सांसदों को दिया जाता है। शिवकुमार इस पास का दुरुपयोग कर एयरपोर्ट के अंदर सोना लेने आया था। इस सोने की कुल कीमत 35.22 लाख बताई जा रही है। पकड़े गये सोने को कस्टम एक्ट के तहत जब्त कर लिया गया है।
क्या कहा कस्टम विभाग ने?
आईजीआई एयरपोर्ट पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने संदेह के आधार पर 29 मई को बैंकॉक से फ्लाइट टीजी-323 से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे एक यात्री के खिलाफ सोने की तस्करी का मामला दर्ज किया है। आगे की जांच में इस तस्करी में एक अन्य व्यक्ति के शामिल होने का पता चला जो इस यात्री को लेने हवाई अड्डे के अंदर तक आया था और तस्करी में उसकी सहायता कर रहा था। जब उस व्यक्ति को रोका गया तो उसके पास से 500 ग्राम वजन की एक भारी सोने की चेन बरामद हुई। इस चेन को आगमन हॉल के अंदर यात्री ने प्लानिंग के तहत थरूर के PA शिवकुमार को सौंप दिया था। पूछताछ से पता चला कि व्यक्ति के पास वैध हवाई अड्डा प्रवेश परमिट था।
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क्या कहा कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने?
इस घटना के बाद शशि थरूर ने अपनी सफाई में कहा - जब मैं चुनाव प्रचार के सिलसिले में धर्मशाला में था तो मुझे अपने स्टाफ के एक पूर्व सदस्य से जुड़ी एक घटना के बारे में सुनकर झटका लगा, जो हवाई अड्डे की सुविधा सहायता के मामले में मुझे अंशकालिक सेवा प्रदान कर रहा था। वह 72 वर्षीय सेवानिवृत्त व्यक्ति हैं जिनका बार-बार डायलिसिस होता है और उन्हें अनुकंपा के आधार पर अंशकालिक काम पर रखा गया था। इस मामले की जांच के लिए कोई भी आवश्यक कार्रवाई में अधिकारियों के प्रयासों का मैं पूरा समर्थन करता हूं। कानून को अपना काम करना चाहिए।
कस्टम विभाग पूरे मामले की गहनता से जांच कर रहा है, लेकिन यहां कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मसलन-
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ये शख्स कौन है, जो बैंकॉक से आया था?
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उसने शिवकुमार को ये सोना क्यों दिया?
दोनों कब से इस धंधे में लिप्त है?
फिलहाल सभी पहलुओं को लेकर मामले की जांच जारी है।
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