ये कोड नेम पुलिस पहले पता कर लेती तो उमेश पाल का मर्डर न होता! तो क्या फिर अतीक भी जिंदा होता?

ADVERTISEMENT

ये कोड नेम पुलिस पहले पता कर लेती तो उमेश पाल का मर्डर न होता! तो क्या फिर अतीक भी जिंदा होता?
कोड नेम में छुपकर अतीक और अशरफ ने उमेश पाल की हत्या करवाई
social share
google news

Code Name Reveale: अतीक अहमद अभी तो दूसरी दुनिया में है लेकिन जब वो इसी दुनिया में था और अपने गैंग के साथ मिलकर तमाम काले कारनामों और जुर्म को अंजाम देता फिर रहा था उसका तौर तरीका और मॉडस ऑपरेंडी अब पुलिस के सामने पूरी तरह से उजागर हो चुकी है। पुलिस जान गई है कि अतीक अहमद अपने गैंग को कैसे ऑपरेट करता था और गैंग के लोगों के बीच में किस किस कोडवर्ड से जुर्म की सल्तनत चलाई जा रही थी। उमेश हत्याकांड के बाद अतीक अहमद की कुंडली खंगालने बैठी यूपी पुलिस और एसटीएफ को उसके गैंग और हत्याकांड के ताल्लुक रखने वाली कुछ ऐसी बातें पता चली हैं जिसकी आड़ में उमेश पाल हत्याकांड का पूरा ऑपरेशन अंजाम दिया गया था। 

यूपी पुलिस ने अतीक के गैंग के तमाम कोडवर्ड डीकोड करने का दावा किया है। पुलिस के दावे के मुताबिक अतीक को लोग BADE006 के नाम से जानते थे। BADE006 यानी अतीक अहमद बेशक गुजरात की साबरमती जेल में था लेकिन वो वहां भी धड़ल्ले से I Phone इस्तेमाल कर रहा था।  

खुलासा यही है कि 24 फरवरी को अतीक अहमद ने साबरमती जेल से BADE006 कोड नेम से प्रयागराज में मौजूद नियाज़ को फोन किया था। लेकिन नियाज़ ने उसका फोन नहीं उठाया था। Bade006 यानी अतीक ने नियाज़ को शाम 5 बजे फिर 6:31 मिनट फिर 6:32 और फिर 6 बजकर 59 मिनट पर नियाज़ को लगातार कॉल किया। आखिरकार अतीक ((BADE006)) की नियाज़ से बातचीत होती है। 

ADVERTISEMENT

अतीक और अशरफ ने कोड नेम से उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया


अतीक (BADE006) - हेलो, क्या उमेश पाल हमले में मारा गया या उसकी जान बच गई 
नियाज़ (XYZZ1122)) - जी भाई जान उमेश पाल हमले में मारा जा चुका है
अतीक- बहुत बढ़िया काम हुआ। 
अतीक की तरह ही बरेली जेल में मौजूद अशरफ I-phone का इस्तेमाल कर रहा था। अशरफ का कोड नेम था- CHOTE007 
24 फरवरी को अशरफ (Chote007 ) ने भी प्रयाग राज में मौजूद नियाज़ को कई कॉल किया। 
अशरफ ने नियाज़ को 4:58 फिर 4:59 पर कॉल किया और आखिरकार अशरफ की नियाज़ से 6 बजकर 59 मिनट पर बातचीत होती है।  अशरफ ((Chote007))- उमेश पाल की मौत हुई या नहीं? 
नियाज़- जी भाई जान मर गया 

अतीक ने कोडनेम की आड़ में प्रयागराज हत्याकांड को अंजाम दिलाया


आज तक के पास BADE006 (अतीक) और Chote007 (अशरफ) की नियाज़ को की गई कॉल की न सिर्फ पूरी डिटेल्स है। खुलासा यही है कि सभी आरोपी I-phone के face time पर इसी कोड नेम ID का इस्तेमाल कर एक दूसरे से लगातार हत्याकांड के पहले और हत्याकांड के बाद एक दूसरे से बातचीत कर रहे थे... अतीक ने हत्याकांड के तुरंत बाद अपने  फोन से घर फोन कर मुबारक बाद दी थी।  नियाज़ के मोबाइल में Ansh_yadav00 नाम का ये कोड जो दिखाई दे रहा है ये असद का कोड नेम था हत्याकांड के दौरान असद अंश यादव कोड नेम का इस्तेमाल कर रहा था।
ये कोड नेम अतीक के जेल में बंद बेटे अली का था यानी ये साफ है की उमेश पाल हत्याकांड के दौरान अली भी बाकी आरोपियों के साथ संपर्क में था। सभी आरोपी I-phone के face time पर इसी कोड नेम ID का इस्तेमाल कर एक दूसरे से लगातार हत्याकांड के पहले और हत्याकांड के बाद एक दूसरे से बातचीत कर रहे थे.. अतीक ने हत्याकांड के तुरंत बाद अपने  फोन से घर फोन कर मुबारक बाद दी थी। 
 

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜