World crime : समंदर के तल से पकड़ी गई उस पहली नार्को पनडुब्बी की कोख में थी 3068 किलो कोकेन
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नशे के कारोबार के नए हथकंडे
Latest Crime News in Hindi:नशे के कारोबार में जितनी दौलत है उससे भी कहीं ज़्यादा मौत का ख़तरा। मगर ड्रग्स लॉर्ड के नए नए तरीके, रास्ते और हथकंडे हरदम दुनिया का दिमाग़ चकरघिन्नी कर देते हैं। और सोचने को मजबूर कर देते हैं कि आखिर ये जंग कब ख़त्म होगी।
क्योंकि नशे के सौदागरों ने इस ज़मीन पर चलने फिरने रेंगने उड़ने डूबने वाली हरेक चीज को नशे की तस्करी के लिए आज़मा लिया है। अब शायद केवल सैटेलाइट ही बची हुई है जिसका इस्तेमाल नशे के कारोबारियों ने ड्रग्स की सप्लाई में नहीं किया। वरना कोई ऐसी चीज़ नहीं बची इंसान से लेकर जानवर और कीड़े मकौड़े तक जिसके जिस्म की ज़िल्द के नीचे नशे की खेप को छुपाकर दुनिया के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक पहुँचाया न गया हो।
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"ऑपेरासीन मारिया नेग्रा’
World Crime News: लेकिन नशे के कारोबार के ख़िलाफ़ जंग छेड़ चुके दुनिया भर के तमाम सुरक्षा अधिकारी आज भी उस बात को लेकर सिहर उठते हैं जब पहली बार नशे के सौदागरों ने पनडुब्बी का इस्तेमाल किया था और उसे दक्षिण अमेरिका से यूरोप तक पहुँचा भी दिया था।
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एक पत्रकार हैं जेवियर रोमेरो। जेवियन ने एक किताब लिखी है “ऑपेरासीन मारिया नेग्रा’’। ये किताब उस पहले ऑपरेशन के एक एक पल का हिसाब देती है, जो अमेरिका और दक्षिण अमेरिकी देश ने उस ड्रग्स लॉर्ड के ख़िलाफ़ लड़ाई छेड़ दी थी जिसने कोकेन के स्मग्लिंग के लिए सबसे अलग और जानलेवा तरीक़ा अख्तियार किया था।
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ये ऑपरेशन दक्षिण अमेरिकी देश ब्राज़ील और कोलंबिया में बैठे कॉरपोरेट की तरह नशे का कारोबार करने वाले नशे के माफ़िया के खिलाफ चलाया गया था, जिन्होंने पानी की तह में और पनडुब्बी की कोख में छुपाकर नशे की एक बड़ी खेप को अटलांटिक महासागर के उस पार यूरोप तक पहुँचाने का ज़बरदस्त प्लान बनाया था।
ड्रग्स लॉर्ड्स के ख़िलाफ़ छिड़ी जंग
Drugs Story in Hindi : ये प्लान इतना ज़बरदस्त था कि खुद नशे के खिलाफ़ लड़ाई लड़ रहे सुरक्षा अधिकारियों ने भी तारीफ में गर्दन हिलाई थी। पत्रकार जेवियर ने अपनी उसी किताब में शब्दों से उस ऑपरेशन की एक एक तस्वीर को उतारने की कोशिश की है। और इससे भी बड़ी बात ये है कि खुद जेवियर भी तस्करों की इस ख़तरनाक चाल के कायल हुए बगैर नहीं रह सके।
वैसे दुनिया में नार्को पनडुब्बियों की शुरूआत के बारे में तो कोई साफ साफ नहीं बता पाता, अलबत्ता ऐसा माना जाता है कि 1990 के दशक की शुरुआती दौर में ही इसका चलन शुरू हुआ था। और ड्रग्स लॉर्ड्स की ये ख़तरनाक मदद की थी सोवियत संघ की सेना में काम कर चुके सैनिकों और इंजीनियरों ने।
एस्कोबार की दो पनडुब्बियां
Latest World News: खुद रूसी सैनिकों ने इस बात को कई मंचों पर स्वीकार भी किया है कि उन लोगों ने कोलंबिया के नशे के सौदागरों की काफी मदद की है। दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग्स लॉर्ड माना जाने वाले कोलंबिया के पाब्लो एस्कोबार ने एक बार किसी इंटरव्यू में ये बात मानी थी कि उसके पास समुद्री बेड़े में दो पनडुब्बियां थीं।
जेवियर की किताब ‘ऑपरासीन मारिया नेग्रा’ में इस बात का ज़िक्र भी मिलता है कि किस तरह चौकन्नी यूरोप की चौकन्नी पुलिस ने लैटिन अमेरिका से यूरोप तक पहुँचने वाली पहली नार्को पनडुब्बी को जब्त करने के लिए ऑपरेशन ‘ब्लैक टाइड’ चलाया था। इस ऑपरेशन के दौरान पुलिसवालों ने बड़ी ही चतुराई से उस पहली पनडुब्बी को लेकर पहुँचे तीन लोगों के सबसे शातिर प्लैन की धज्जियां उड़ा दी थी।
152 बंडलों में 3068 kg कोकेन
World Crime News in Hindi: वो पनडुब्बी 152 बंडलों में बंटी 3068 किलो कोकेन अपनी कोख में भरकर अमेजन नदी से होती हुई अटलांटिक महासागर के पानी से होती हुई यूरोप पहुँची थी। जेवियर की किताब में इस बात को उजागर किया गया है कि वो पनडुब्बी आखिर कैसे अटलांटिक महासागर में ब्राजील से यूरोप तक क़रीब 3500 नॉटिकल माइल्स की दूरी तय करने में कामयाब हो गई।
जबकि उस पनडुब्बी में ऐसा कुछ भी नहीं था जो उन्हें ढंग से रास्ता दिखाए। और अटलांटिक महासागर का वो रास्ता भयंकर तूफ़ानों और मौत के रास्तों से भरा हुआ है। उस समंदर की लहर लहर में मौत सवार होती है, तब उन लहरों को चीरकर वो फाइबर ग्लास से बनी पनडुब्बी कैसे इतना लंबा रास्ता तय करने में कामयाब हो सकी। और उससे भी बड़ी बात कि उसे लेकर चलने वाले तीन शातिर तस्कर आखिर ये हिम्मत कहां से लेकर आए।
समंदर के भीतर 27 दिन
Crime Story:वो पनडुब्बी केवल डेढ़ मीटर चौड़ी थी और 27 दिनों तक बंद होकर समंदर के भीतर का लंबा जानलेवा सफर तीन मोटी कद काठी के तस्करों ने पूरा किया था। उस छोटी सी पनडुब्बी में कोई भी खड़े होकर भी नहीं चल सकता था।
सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि पनडुब्बी से पानी निकालने का कोई इंतजाम नहीं था। लिहाजा तस्करों ने अपने 27 दिन के सफर के दौरान बैग का इस्तेमाल किया। डिब्ब बंद खाना खाया और एनर्जी ड्रिंक के जरिए ताक़त लेते रहे।
पनडुब्बी के ख़िलाफ़ 'ऑपरेशन ब्लैक टाइड'
Drugs Smuggling News:अब इस पनडुब्बी का सबसे हैरान करने वाला पहलू भी समझ लीजिए। इस पनडुब्बी में रास्ता दिखाने वाला कोई रडार तक नहीं था। बस उनके पास था तो एक सैटेलाइट फोन और डैश बोर्ड पर लगा एक कंपास। और इसी बात ने उन तमाम पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों को बुरी तरह चौंकाया है जिन्होंने ऑपरेशन ब्लैक टाइड चलाकर उस पनडुब्बी को पकड़ा था।
अपनी तफ़्तीश के दौरान जेवियर रोमेरा को उस पहली नार्को पनडुब्बी के बारे में जो पता चला था वो किसी भी लिहाज से और किसी भी डिग्री से कम नहीं था।
अमेज़न नदी में बनाई पनडुब्बी
Crime Story in Hindi:फ़ाइबर ग्लास से तैयार उस पनडुब्बी को अमेज़न नदी के एक गुप्त शिपयार्ड में बनाया गया था। जिसको तूफानों से भरे समंदर में चलाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी स्पेन के बॉक्सिंग चैंपियन रह चुके ऑगस्टीन अल्वारोज़ को। जबकि उस पनडुब्बी में उसके साथ सवार थे इक्वाडोर के दो भाई जो पेशे से नाविक भी थे।
दोनों भाइयों को पनडुब्बी पर सवार होने से पहले 5-5 हज़ार डॉलर दिए गए थे। जबकि अगर ये पनडुब्बी अपने माल के साथ मंजिल तक पहुँच गई होती तो 50-50 हज़ार डॉलर और दिए जाते। लेकिन इस बात की जानकारी कहीं से नहीं मिल सकी कि पनडुब्बी चलाने के लिए अल्वारोज़ को कितने पैसे मिलने वाले थे। अलबत्ता ये अंदाजा ही है कि शायद उसे इस मिशन के लिए पांच लाख डॉलर की रकम मिलने को थी।
12.3 करोड़ यूरो का नशा
Latest Crime News in Hindi: स्पेन के गृहमंत्रालय ने उस पनडुब्बी से मिली नशे की खेप की क़ीमत का जो अंदाज़ा लगाया तो सभी हैरत में पड़ गए। क्योंकि उस वक़्त उस कोकेन की क़ीमत 12.3 करोड़ यूरो बताई गई थी। अब इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि नशे की खेप के लिए नशे के सौदागर किस तरह अपनी जान को दांव पर लगाकर समंदर से भी गहरे रिस्क उठाने को तैयार हो जाते थे।
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