100 करोड़ से 1100 करोड़ कैसे हुए? केजरीवाल गोवा चुनाव के दौरान 7 स्टार होटल में किसके पैसों से रुके? फैसला सुरक्षित

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

CM Arvind Kejriwal Updates: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस दौरान ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की। इस दौरान कोर्ट ने कई सवाल पूछे। 

घोटाले की रकम कैसे बढ़ गई - कोर्ट

कोर्ट ने कहा - 100 करोड़ का मामला था, ये 1100 करोड़ का कैसे हो गया? जांच दो साल तक क्यों चली? इस दौरान ईडी के वकील एसवी राजू ने कहा कि जब हमने जांच शुरू की थी तो हमारी जांच सीधे तौर पर केजरीवाल के खिलाफ नहीं थी। लेकिन जैसे-जैसे सबूत आए, वैसे-वैसे कार्रवाई हुई। एएसजी एसवी राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद 1100 करोड़ रुपये अटैच किए जा चुके हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि दो सालों में 100 करोड़ की ये रकम 1100 करोड़ कैसे हो गई? आपने पहले कहा था कि 100 करोड़ रुपये का मामला है। इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ऐसा शराब पॉलिसी के फायदे की वजह से हुआ। इस पर कोर्ट ने पूछा- पूरी आय अपराध की आय कैसे हुई? 

ADVERTISEMENT

केजरीवाल गोवा चुनाव के दौरान 7 स्टार होटल में किसके पैसों से रुके?

राजू ने कहा- केजरीवाल गोवा चुनाव के दौरान 7 स्टार होटल में किसके पैसों से रुके थे ये भी पता चल चुका है। ASG राजू ने कहा कि हमें पता चला है कि अरविंद केजरीवाल ने गोवा चुनाव के समय 7 सितारा होटल में रुकने के खर्च का कुछ हिस्सा उस शख्स ने चुकाया था जिसे शराब कंपनियों से नकद पैसे मिले थे। यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है।

क्या केजरीवाल समाज के लिए खतरा हैं?

बहस के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा- क्या अरविंद से समाज को खतरा है? नहीं। अगर मैंने समन पर न आकर अपने लिए सुरक्षा ढाल बनाई तो आपने मुझे गिरफ्तार क्यों किया? सिंघवी ने कहा केजरीवाल को सिर्फ़ 2 लोगों के बयान के आधार पर गिरफ़्तार किया गया। उनके पास कोई मटीरियल नहीं था। केजरीवाल सीबीआई के सामने बाकायदा पेश हुए और जवाब भी दिया। सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल ने ईडी के समन का जवाब भी दिया था।

ADVERTISEMENT

अगर अंतरिम जमानत देते हैं तो..

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा- अगर हम आपको अंतरिम जमानत देते हैं और आप CM के तौर पर ऑफिशियल ड्यूटी करते हैं तो ये विरोधाभासी हो सकता है। पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते अगर आपको अंतरिम जमानत दी जाती है तो आपका सीएम के तौर पर दफ्तर जाना कितना ठीक होगा? इसके कई पहलू हैं। क्या आप ऑफिस जाकर बैठकों में हिस्सा लेंगे? क्या आप फाइलों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं? जस्टिस दत्ता ने ये भी कहा - कि हम सिर्फ चुनाव के लिए अंतरिम बेल पर विचार कर रहे हैं। अगर चुनाव न होते तो हम फैसला रिजर्व करते।

ADVERTISEMENT

    यह भी पढ़ें...

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT