शराब घोटाले में अब आतिशी और सौरभ का नंबर? केजरीवाल ने किया चौंकाने वाला खुलासा

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शराब घोटाले में अब आतिशी और सौरभ का नंबर? केजरीवाल ने किया चौंकाने वाला खुलासा
Delhi CM Kejriwal
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Delhi CM Kejriwal Vijay Nair Connection: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ईडी कस्टडी में साफ-साफ कहा कि वो विजय नायर को ज्यादा नहीं जानते थे, बल्कि सौरभ और आतिशी विजय नायर को मुझ से ज्यादा जानते थे। ये खुलासा ईडी की अर्जी से हुआ है। दरअसल, ईडी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सीएम केजरीवाल के लिए न्यायिक हिरासत की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर ली। केजरीवाल को कोर्ट ने 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया।

दरअसल, विजय नायर के सवाल पर जब ईडी ने केजरीवाल से पूछा तो उन्होंने इतना कहा कि उनका संपर्क सीमित था। ये बात भी रिकार्ड पर आई है कि विजय नायर सीएम कैंप आफिस से आपरेट करता था। ईडी का आरोप है कि केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या केजरीवाल ने विजय नायर से किनारा कर लिया है?

क्यों वाकई केजरीवाल ये बयां दिया कि विजय नायर का ज्यादा संपर्क सौरभ और आतिशी से था?

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क्या ये कोई ईडी की पैंतरेबाजी हैं?

ये भी सवाल उठने लगा है कि वो जेल से कैसे सरकार चलाएंगे? 

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केजरीवाल साफ-साफ बोल चुके हैं कि वो जेल से सरकार चलाएंगे। उनके पास कोई पोर्ट फोलियो नहीं था।

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दरअसल, Delhi Prison Act - 2000 के तहत एडमिनिस्ट्रेशन किसी भी बिल्डिंग या किसी भी जगह को जेल डिक्लेयर कर सकता है और ऐसा होता है तो अरविंद केजरीवाल वहां रह कर सरकार चला सकते हैं, लेकिन ये करने का अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल के पास है। तिहाड़ जेल के पूर्व सुप्रीटेंडेंट सुनील गुप्ता ने बताया की उद्योगपति सुब्रत रॉय सहारा के मामले में एक बार ऐसा हुआ है, जब एलजी के आदेश पर तिहाड़ जेल के एक कॉप्लेक्स को जेल डेक्लियर किया गया था। उसमें इंटरनेट, फोन और वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा थी, उसी में रह कर सहारा श्री ने अपनी प्रॉपर्टी बेंची थी और सभी पैसे चुकाए थे, जिसके बाद उनको बेल मिली थी।

किसी भी बिल्डिंग या जगह को Delhi prison act -2000 के तहत जेल डेक्लियर करने का अधिकार सिर्फ एलजी के पास है और जिस तरह के संबंध दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और उनके मुखिया अरविंद केजरीवाल और एलजी के बीच हैं और रहे हैं, उसको देखते हुए तो ये नामुमकिन लगता है कि केजरीवाल को ऐसी कोई सुविधा मिले। आम कैदियों के लिए, जो जेल मैनुअल है, उसमें किसी भी तरह की कोई भी फाइल साइन नहीं कराई जा सकती। 

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