सैटेलाइट की तस्वीरों ने खोल दी चीन की साज़िश, लद्दाख के इलाक़े में बना रहा पुल और प्लेटफ़ॉर्म

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सैटेलाइट की तस्वीरों ने खोल दी चीन की साज़िश, लद्दाख के इलाक़े में बना रहा पुल और प्लेटफ़ॉर्म
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नई दिल्ली से अंकित कुमार की रिपोर्ट

Latest China Plan : आसमानी नज़रों ने ज़मीन पर चीन की हरकतों का जो खुलासा किया है वो न सिर्फ चौंकानें वाला है बल्कि आने वाले दिनों में भारतीय सेना का सिरदर्द बढ़ाने वाला भी हो सकता है। सैटेलाइट से मिली तस्वीरों की गवाही है कि चीन ने अब एक बार फिर पूर्वी लद्दाख की पैंगॉन्ग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर कुछ निर्माणकार्य पूरे कर लिए हैं।

पैंगॉन्ग झील पर चीन ने पिछले ही महीने पुल का निर्माण पूरा किया था। लेकिन ताज़ा तस्वीरों से पता चलता है कि झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर कुछ प्लैटफॉर्म भी बनाकर तैयार कर लिए हैं।

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चीन की तरफ से जो नया निर्माण किया जा रहा है वो उसके पुराने निर्माणकार्य के अलावा है। यानी अब चीन ने अपनी सेना और अपने पैरों को लद्दाख के फिंगर इलाक़े में एक बार फिर से मजबूती से कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।

China Laddakh Strategy: सेना के सूत्रों के हवाले से ये दावा भी सामने आया था कि पेंगॉन्ग त्सो झील के दोनों छोरों पर चीन ने इसी साल मार्च के अंत में निर्माण का काम शुरू किया था। सैटेलाइट की तस्वीरें बता रही है कि चीन ने झील के इर्द गिर्द जो निर्माण किया है वो बेहद ही महत्वपूर्ण है। खासतौर पर उस सूरत में जब चीन की सेना इस इलाक़े में किसी ऑपरेशन को अंजाम देने वाली हो।

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इसके अलावा चीन ने उत्तरी और दक्षिणी लद्दाख में कुछ नई सड़कों को भी तैयार किया है। ये सड़कें काफी हैवीड्यूटी बनाई गई हैं, जो इस बात का संकेत है कि चीन की सेना यहां तक अपने भारी भरकम हथियार और बख़्तरबंद गाड़ियों को लेकर आ सकती है। बताया तो ये भी जा रहा है कि चीन ने इस पूरे इलाक़े में सड़कों का अच्छा खासा जाल बिछा लिया है।

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इसी बीच भारत सरकार ने चीन की इस हरकत को बेहद गंभीरता से लिया है। पेंगॉन्ग त्सो झील के आस पास चीन ने जो सड़कें और प्लैटफॉर्म बनाए हैं वो किसी भी लिहाज से दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत की शर्तों को तोड़ती है। चीन का ये निर्माण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

Laddakh Plan of China: भारत का दावा है कि चीन ने जिस इलाक़े में निर्माण कार्य किया है वो पहले से ही चीन ने ग़लत तरीक़े से अपने कब्ज़े में ले रखा है। 1962 की जंग के बाद चीन ने यहां ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से पेंगॉन्ग झील के आस पास के कुछ हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया था। जिसको लेकर दोनों देशों के बीच अब विवाद है। इसी साल की शुरूआत में भारत के विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन संसद को बताया था कि भारत सरकार को लद्दाख क्षेत्र में चीन की तरफ से किए जा रहे निर्माण कार्य मंज़ूर नहीं हैं।

साल 2020 की जून में हुई चीन और भारत की सेना के बीच झड़प के बाद दोनों देशों के सेना के शीर्ष अधिकारियों के बीच अब तक कई राउंड बातचीत भी हो चुकी है लेकिन सारी की सारी बातचीत बेनतीजा ही ख़त्म हुईं। हालांकि दोनों देशों के कमांडरों की बैठकों में चीन की तरफ से किए जा रहे निर्माण को लेकर भारत ने हरदम आपत्ति ज़ाहिर की और उसे हर बातचीत का हिस्सा भी बनाया गया। लेकिन चीन की तरफ से कभी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। इसी बीच ये बात सामने आ रही है कि चीन ने भारत से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर लद्दाख से लेकर सिक्किम तक कई अहम जगहों पर अपने ठिकाने तैयार कर लिए हैं।

India China conflict: कुछ जानकार मानते हैं कि चीन ने जो नया निर्माण कार्य पूरा कर लिया है अगर 2020 अगस्त वाले हालात फिर से पैदा होते हैं तो उस मौके पर ये निर्माण चीन के लिए बड़ा फायदेमंद साबित होगा। जानकारों का कहना है कि जिस जगह पर चीन ने पुल का निर्माण किया है, उससे अब चीन की सेना को उस जगह पहुँचने में सहूलियत भी हो जाएगी और वक़्त भी कम लगेगा।

पिछली दफा भारत ने चीन की इसी कमज़ोरी का फायदा उठा लिया था और तेजी से कार्रवाई करते हुए चीन की सेना को अपनी ताक़त से पीछे धकेलने में कामयाबी हासिल कर ली थी। लेकिन अब चीन के हाथ ये पुल का एक नया तुरुप का पत्ता लग गया है, जिसकी वजह से भारतीय सेना को ज़्यादा बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अब चीन की सेना पेंगॉन्ग झील के मुहाने तक अपने सैनिक साजो सामान को पहुँचाने में ज़्यादा देरी नहीं होगी।

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