18 महीने से जेल में बंद महिला ने बच्चे को दिया जन्म! कोर्ट ने दी ज़मानत

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अपनी चचेरी बहन को वेश्यावृत्ति में धकेलने के आरोप में जेल में बंद एक आदिवासी महिला को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। अदालत ने इस बात पर संज्ञान लिया कि वो पिछले 18 महीने से जेल में है और वहां उसने बच्चे को जन्म दिया है। चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ये जमानत देने का उपयुक्त केस है। पीठ ने दिल्ली पुलिस की वो दलील खारिज कर दी कि आरोपी को जेल से नहीं छोड़ा जाए, क्योंकि उसने अपनी चचेरी बहन को वेश्यावृत्ति में धकेला है। 

अदालत ने वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद और वकील टीके नायक की दलीलों पर गौर फरमाया कि महिला स्वयं पीड़िता है। वो 18 महीने से जेल में है और उसने 1 नवंबर 2020 को जेल में एक बच्चे को जन्म दिया है। वरिष्ठ वकील ने ये भी कहा कि 21 साल की पीड़िता को खुद को भी देह व्यापार में धकेला गया था। वो केस के मुख्य आरोपी की बंदिशों में थी, जहां उसकी जान को लगातार खतरा था। वकीलों की दलीलें सुनने और इस बात पर विचार करने की याचिकाकर्ता 18 महीने से जेल में है और हिरासत में ही उसने बच्चे को जन्म दिया है, कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया।

पिछले साल 4 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी महिला की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने महिला के खिलाफ मानव तस्करी के ऐसे ही दो मामले दर्ज होने को लेकर पेश स्टेटस रिपोर्ट पर संज्ञान लेकर अर्जी खारिज की थी।

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