महादेव सट्टा ऐप केस, मुसीबत में छत्तीसगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, चुनाव से पहले पूर्व सीएम समेत 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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Chhattisgarh Crime: छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ईडी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। लगभग एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े धन शोधन मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के विभिन्न उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है। महादेव ऐप के दो मुख्य प्रवर्तक छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर केस

ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध से अर्जित अनुमानित आय करीब 6,000 करोड़ रुपये है। ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ईडी मामले की जांच कर रही है और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर चार मार्च को यहां ईओडब्ल्यू पुलिस थाने में बघेल और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बघेल, ऐप प्रवर्तकों - रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामित किया गया है।

लोकसभा चुनाव से पहले भूपेश बघेल की बढ़ीं मुश्किलें

अधिकारी ने कहा कि मामले में कुछ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, विशेष कार्य अधिकारियों (ओएसडी) और अन्य अज्ञात निजी व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है, जिसमें धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 471 (जाली दस्तावेज उपयोग करना) तथा भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के प्रावधान शामिल हैं। ईडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्राथमिकी में कहा गया है कि महादेव ऐप के प्रवर्तकों उप्पल, चंद्राकर, सोनी और अग्रवाल ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए मंच बनाया और व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम के अलावा अन्य सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से सट्टेबाजी में संलिप्त हुए।

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पूर्व सीएम और 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

प्राथमिकी में दावा किया गया है कि कोविड-19 के कारण 2020 में लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रवर्तकों और ऐप से जुड़े ‘पैनल संचालकों’ ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के माध्यम से प्रति माह लगभग 450 करोड़ रुपये कमाए। प्राथमिकी के मुताबिक, महादेव ऐप के प्रवर्तकों एवं पैनल संचालकों ने अवैध रूप से प्राप्त धन के लेन-देन के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले थे। इसके मुताबिक, पैनल संचालकों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात में प्रवर्तकों को अवैध धन हस्तांतरित किया। प्राथमिकी में दावा किया गया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध कृत्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए महादेव ऐप के प्रवर्तकों ने विभिन्न पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को मोटी रकम दी थी। 

आईपीसी की धारा 120बी, 34, 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान महादेव ऐप मामले को लेकर बघेल पर निशाना साधा था। बघेल ने महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी की कार्रवाई को ‘‘राजनीतिक साजिश’’ करार दिया था और संघीय एजेंसी पर अपने ‘‘राजनीतिक आकाओं’’ के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था। इस मामले में ईडी अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने इस मामले में अब तक रायपुर की अदालत में दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिनमें चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ भी आरोपपत्र शामिल हैं। ईडी ने पूर्व में इस मामले के सिलसिले में कई बार छापेमारी की थी।

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(PTI)

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