दो महीने पहले जिस शव का हुआ था अंतिम संस्कार दो महीने बाद अस्पताल की मोर्चरी में रखा मिला वही शव

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दो महीने पहले जिस शव का हुआ था अंतिम संस्कार दो महीने बाद अस्पताल की मोर्चरी में रखा मिला वही शव
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सुनकर भी अजीब लगता है कि मरने के दो महीने बाद कोई कहे कि लाश अभी रखी हुई है। जबकि आपको मालूम हो कि लाश का अंतिम संस्कार तो मौत के तुरंत बाद ही हो गया था। हालांकि ये हकीकत है और इस तरह की घटना सामने आई है तामिलनाडू की राजधानी चेन्नई से, यहां एक महिला की लाश दो महीने तक अस्पताल में रखी रही और दो महीने बाद अस्पताल को होश आया कि दो महीने पहले जिस महिला की मौत हुई थी उसकी लाश अब तक उसके परिवार के पास नहीं पहुंची है।

मई के महीने में चेन्नई में कोरोना का इंफेक्शन अपने चर्म पर था। हर रोज सैकड़ों की संख्या में मरीज कोरोना से संक्रमित होकर अस्पतालों में भर्ती किए जा रहे थे। चेन्नई के ही कुंड्राथुर इलाके की रहने वाली 40 साल की महिला अलामेलू भी कोरोना की चपेट में आ गई। उसे 19 मई को चेंगलपेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 22 मई को अस्पताल ने परिवार को बताया कि अलामेलू की कोरोना की वजह से मौत हो गई है।

परिवार ने अस्पताल से मरने वाली महिला का शव सौंपने के लिए कहा लेकिन अस्पताल ने कोरोना का हवाला देकर शव देने से इंकार कर दिया। अस्पताल ने बताया कि वो महिला का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलांइस के मुताबिक करेंगे।

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जब अंतिम संस्कार हो जाएगा तब इसकी सूचना परिवार को दे दी जाएगी। परिवार का आरोप है कि महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए अस्पताल के स्टॉफ ने उनसे 3000 रुपये भी लिए थे। 23 मई को परिवार को बताया गया कि महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

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घरवालों ने भी कोरोना की वजह से सब्र कर लिया और अंतिम संस्कार के बाद होने वाली तमाम रस्मों को पूरा कर परिवार महिला की यादों को भुलाने की कोशिश कर रहा था। 11 अगस्त को परिवार को अस्पताल की तरफ से एक कॉल आई जिसे सुनने के बाद पूरा परिवार हैरान रह गया। फोन कर परिवार को बताया गया था कि अलामेलू का शव अभी तक अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है और परिवार उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जा सकता है।

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ये बात सुनने के बाद परिवार बेहद गुस्से में आ गया। परिवार के लोगों ने रिश्तेदारों के साथ मिलकर चेंगलपेट अस्पताल के बाहर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। परिवार वाले अस्पताल के स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

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हंगामा बढ़ता देख इसकी इत्तिला पुलिस को दी गई, मौके पर पुहंची पुलिस ने परिवार के लोगों को शांत कराया। बवाल बढ़ता देख अस्पताल की ओर से भी परिवार को आश्वासन दिया गया है कि वो पूरे मामले की जांच करेंगे और इस मामले मे दोषी पाए गए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

कोविड के दौरान लाशें बदलने की तो कई घटनाएं सामने आईं थीं लेकिन चेन्नई की ये घटना तो वाकई में हैरान कर देने वाली है। यहां पर अस्पताल के कर्मचारियों ने ना केवल अंतिम संस्कार के नाम पर परिवार से पैसे भी वसूले और दो महीनों तक महिला के शव को भी मोर्चरी में रखकर छोड़ दिया।.

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