यूपी में बनी नई फोर्स, श्रीरामजन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा के लिए तैनात कमांडो को मिली खास ट्रेनिंग
New Security Arrangements of Ram Janmabhoomi: श्री राम जन्म भूमि मंदिर की सुरक्षा को लेकर कुछ बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अब राम लला के साथ साथ मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब खासतौर पर ट्रेंड किए गए जवानों की नई फोर्स SSF को सौंपी जा रही है।
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New Security Arrangements: श्री राम जन्म भूमि मंदिर की सुरक्षा को लेकर कुछ बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अब राम लला के साथ साथ मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब खासतौर पर ट्रेंड किए गए जवानों की नई फोर्स SSF को सौंपी जा रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कुछ अरसा पहले ही PAC और उत्तर प्रदेश पुलिस के कुछ चुने हुए जवानों को मिलाकर एक नई फोर्स का गठन किया है। इस फोर्स का टास्क है प्रदेश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का खौसतौर पर ख्याल रखा। और इस काम को सही ढंग से और सुरक्षित ढंग से करने के लिए इन जवानों को विशेष सुरक्षा करने की अलग तरह से ट्रेनिंग दी गई है।
SSF की बटालियन अयोध्या पहुँची
ताजा मिली जानकारी के मुताबिक अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा की कमान संभालने के लिए SSF की बटालियन अयोध्या पहुँच चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से तैयार की गई इस फोर्स में पीएसी के साथ साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों को शामिल किया गया है। ये जवान हर लिहाज से बेहतर हैं और पूरी तरह से मुस्तैद रहने में माहिर। नई फोर्स की दो बटालियन सोमवार की रात अयोध्या पहुँच भी गईं। फोर्स की बटालियन के अयोध्या पहुँचने पर अयोध्या के CO ने तमाम पुलिस अफसरों और जवानों को गुलदस्ता भेंट किया और उन्हें अपना काम मुस्तैदी से करने के लिए शाबाशी भी दी।
एक हफ्ते की स्पेशल ट्रेनिंग
हालांकि ड्यूटी पर तैनात होने से पहले सभी विशेष सुरक्षा कर्मियों की एक हफ्ते की स्पेशल ट्रेनिंग होगी। इस ट्रेनिंग के पूरा होने के बाद ही उन्हें श्रीरामजन्म भूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अयोध्या के सीओ एक के गौतम के मुताबिक श्री राम जन्मभूमि की सुरक्षा के लिए फिलहाल 280 एसएसएफ के जवान तैनात किए जाएंगे।
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काशी और मथुरा के मंदिरों की सुरक्षा भी
सीओ गौतम के मुताबिक सिर्फ अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर परिसर के अलावा ये जवान काशी और मथुरा के मंदिरों की सुरक्षा का भी जिम्मा संभालेंगे। इसके साथ साथ इस एसएसएफ के जवान प्रदेश के कई हवाई अड्डों की भी सुरक्षा की जिम्मेदारी को भी संभालेंगे। सबसे खास बात तो ये है कि इस फोर्स का गठन करते समय ही इस फोर्स के लिए जिम्मेदारियों को तय कर दिया गया था। और तमाम जवानों को उनका उद्देश्य भी समझा दिया गया था। लिहाजा प्रदेश के तमाम संवेदनशील जगहों की हिफाजत का बंदोबस्त अब इन्हीं जवानों के हवाले किया जाएगा और इसका काम भी शुरू हो चुका है।
सीआरपीएफ के हाथों में सुरक्षा का जिम्मा
अभी तक श्रीरामलला मंदिर की सुरक्षा के भीतरी और अंतिम हिस्सों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सीआरपीएफ के हाथों में है। इसमें एक महिला बटालियन को भी तैनात किया गया है इसके अलावा छह बटालियन सीआरपीएफ की मौजूदा समय में तैनात की गई हैं। जबकि मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए पीएसी की 12 कंपनियों को सुरक्षा में तैनात किया गया है।
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परिसर की सुरक्षा को कई जोन में बांटा गया
खुलासा हुआ है कि श्रीरामलला की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के कमांडो तैनात रहते हैं। जबकि मंदिर के बाहिरी हिस्से के अलावा चेकिंग प्वाइंट पर सिविल पुलिस के महिला और पुरुष कर्मियों को तैनात किया जाता है। मंदिर परिसर की सुरक्षा को कई जोन में बांटा गया है ताकि उसकी कमांड को सही ढंग से संचालित किया जा सके। श्रीराम जन्म भूमि परिसर को रेड जोन में रखा गया है। जबकि बाहरी हिस्से को यलो जोन कहा जाता है। और यलो जोन की सुरक्षा का जिम्मा सिविल पुलिस और पीएसी के हाथों में रहती हबै। जबकि पीएसी की एक्स्ट्रा कंपनियां भी तैनात की गई हैं।
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विशेष तौर पर एसएसएफ की तैनाती
असल में जनवरी 2024 में अयोध्या में भव्य मंदिर में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए विशेष तौर पर एसएसएफ की तैनाती की जा रही है। अंदाजा है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा होगी। ऐसे में क्राउड मैनेजमेंट के साथ साथ गहन सुरक्षा बंदोबस्त की जरूरत पड़ती है। लिहाजा अलग अलग फोर्स से बेहतरीन जवानों को चुनकर इस स्पेशल फोर्स का हिस्सा बनाया गया है।
सुरक्षा ढांचे में भी बदलाव
अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार के मुताबिक मौजूदा समय में जितनी भी भीड़ आ रही है उसमें आने वाले वक़्त में इजाफा ही होगा। ऐसे में श्रीरामजन्मभूमि परिसर के साथ अयोध्या शहर के सुरक्षा ढांचे में भी बदलाव किए जा रहे हैं। जो चरणबद्ध तरीके से ही होंगे।
बिना वारंट कर सकते हैं गिरफ्तार
अयोध्या में तैनात की जाने वाली नई फोर्स SSF के बारे में पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि इस फोर्स के जवानों को खासतौर पर इस तरह की ट्रेनिंग दी गई है कि वो भीड़ में छुपे संदिग्धों की पहचान कर सकें। इतना ही नहीं इन जवानों को संदिग्धों को पकड़ने के लिए किसी भी तरह के वारंट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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