ऑपरेशन के नाम पर मौत बांटने वाले डॉक्टर का वो सच, जिसे सुनकर पुलिस भी कांप गई

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ऑपरेशन के नाम पर मौत बांटने वाले डॉक्टर का वो सच, जिसे सुनकर पुलिस भी कांप गई
सैफई का डॉक्टर डेथ समीर सर्राफ अब आया है पुलिस के शिकंजे में
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Doctoe Death of Etawah: खराब पेसमेकर से दर्जनों मरीजों की मौत के सिलसिले में पुलिस ने सैफई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर समीर सर्राफ को गिरफ्तार किया गया है। समीर सर्राफ पर इल्जाम यही हैकि उन्होंने मरीजों के खराब पेसमेकर इंप्लांट किए थे। डॉक्टर समीर सर्राफ के खिलाफ पुलिस के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग की जांच हो रही है। फिलहाल तो समीर सर्राफ को जेल भेज दिया गया है। 

सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी का डॉक्टर डेथ अब आया है कानून के शिकंजे में 

दर्जनों मरीजों की ले ली जान

खराब क्वालिटी के पेसमेकरों की वजह से दर्जनों मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इस मामले में अब हर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। इस सिलसिले में पीड़ित परिवार के लोग भी सामने आ कर नई नई बातों को उजागर कर रहे हैं। और पीड़ितों ने डॉक्टर को फांसी दिए जाने की मांग तक कर दी। इटावा के एसएसपी संजय कुमार के मुताबिक इस सिलसिले में डॉक्टर समीर के साथ साथ उनके चार साथियों की भी मिली भगत हो सकतीहै। पुलिस डॉक्टरके खिलाफ नए नए साक्ष्य सबूत जुटाने में लगी है। माना जा रहा है कि आयुष्मान योजना के कार्ड धारकों से भी बड़ी साजिश के तहत कई गुना अधिक दाम वसूलने के चक्कर में इस तरह के पेसमेकर इस्तेमाल करने की बात भी सामने आ रही है।  

250 लोगों को घटिया पेसमेकर लगाया

इटावा के एसएसपी के मुताबिक आरोपी डॉक्टर समीर सर्राफ ने करीब 250 लोगों को घटिया पेसमेकर लगाकर उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया था। जिसकी वजह से करीब एक दर्जन लोगों की मौत का किस्सा सामने आया है। लेकिन इस मामले में पीड़ित अलग अलग जिलों से हो सकते हैं जिनकी तादाद सैकड़ों में होगी।

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मरीज को घटिया पेसमेकर लगाया

खुलासा हुआ है कि इटावा में ही कई ऐसे मरीजों के घरवाले सामने आए हैं जिनका कहना है कि उनके मरीज को घटिया पेसमेकर लगाने के करीब दो महीने के भीतर ही मौत हो गई। घरवालों का इल्जाम है कि उनके मरीजों के हार्ट का ऑपरेशन डॉक्टर समीर सर्राफ से ही करवाया था। 

ढाई महीने में ही मरीज की मौत

इटावा की रहने वाली नजमा का कहना है कि उनकी मां नूरबानों को हार्ट अटैक आया था वो इलाज के लिए सैफई पहुँची थी। वहां डॉक्टर समीर सर्राफ को दिखाया था। डॉक्टर ने उनको हार्ट का ऑपरेशन करने और पेस मेकर लगाने की सलाह दी। इसके बाद डॉक्टर ने नूरबानों का ऑपरेशन करके पेसमेकर लगा दिया लेकिन वो पेसमेकर आधा अधूरा था जिसमें मशीन बाहर निकली रहती थी जिसको टेप से चिपकाना पड़ता था। ऑपरेशन के ढाई महाने के अंदर ही नूरबानों की मौत हो गई थी। इस बात को लेकर नजमा ने कहा कि हम लोग बहुत गरीब हैं। इस ऑपरेशन के लिए हमने बड़ी मुश्किल से पैसे जुटाए थे। नजमा ने कहा कि हमारी मां जिंदा नहीं है। अब हमको इंसाफ चाहिए। सरकार से गुजारिश है कि दोषी को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए। 

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मरने वाले मरीजों के परिवार के लोगों ने डॉक्टर समीर के बारे में कई खुलासे पुलिस के सामने किए

जबरन पेसमेकर लगाने पर जोर

नजमा ने बताया कि डॉक्टर को जब नूरबानों को दिखाया था तो उन्होंने मां के ऑपरेशन की सलाह दी। डॉक्टर ने कहा था कि उनका हार्ट ब्लॉक है लिहाजा पेसमेकर डालना पड़ेगा। जब हमने डॉक्टर से अपनी माली हालत का जिक्र किया तो उन्होंने पेसमेकर की कीमत 75 हजार रुपये बताई थी। जैसे तैसे पैसों का इंतजाम करने के बाद हमने पेमेंट कर दिया। मां का ऑपरेशन होने के तीन दिनों के बाद ही मां को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। शुरु के 15 दिनों तक सब कुछ ठीक ठाक रहा लेकिन 15 दिनों के बाद मां की हालत खराब होने लगी। डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि पेसमेकर के रास्ते में पस पड़ने लगा है। डॉक्टर ने कहा कि उनका पेसमेकर इंफेक्टेड हो गया है। लिहाजा उसको ट्रांसफर करना होगा जिसका खर्च पांच हजार रुपये था। हमने डॉक्टर की बात मान ली और मां को फिर भर्ती करवाकर तीन दिन तक इलाज करवाया लेकिन उनकी हालत वैसी ही रही। इस बारे में जब डॉक्टर से शिकायत की तो उन्होंने कहा कि पेसमेकर की कोई गारंटी नहीं होती। इसके बाद उन्होंने कानपुर कार्डियोलॉजी के लिए रेफर कर दिया। नजमा ने कहा कि ऑपरेशन के बाद सिर्फ ढाई महीने तक ही मां जिंदा रही। 

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घटिया पेसमेकर से बढ़ी तकलीफ

डॉक्टर की लापरवाही का दूसरा शिकार बनी नजीमा की बेटी सहबीन नसीम। सहबीन नसीम ने बताया कि उनके पिता दर्जी का काम करते हैं। उनकी मां को भी हार्ट अटैक आया था। और इलाज के लिए सैफई मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया था। वहां भी डॉक्टर समीर ने इलाज के साथ आईसीडी मशीन लगाने की बात कही और इस मशीन के लगने से इनका जीवन बच सकता है। उन्होंने ये भी कहा है कि ये मशीन लाइफटाइम चलेगी। सहबीन के मुताबिक बड़ी मुश्किल से हम लोगों ने लाइफटाइम आईसीडी मशीन के चार लाख रुपये जुटाए थे। लेकिन डॉक्टर ने घटिया पेसमेकर लगाकर हमारी मां को परेशानी में डाल दिया। कुछ समय बाद ही उसकी मौत हो गई।  डॉक्टर समीर से ऑपरेशन करवाने के बाद भी दूसरी जगह कानपुर कार्डियोलॉजी में जाकर चेक करवाया तो पता चला कि ऑपरेशन खराब हुआ है और पेसमेकर घटिया क्वालिटी का लगाया गया है। जिसकी वजह से पेशेंट की तकलीफ बढ़ी है। 

इंजेक्शन 27 हजार का 

सहबीन ने बताया कि डॉक्टर समीर हम लोगों पर दबाव बनाते थे और कहते थे कि अगर हमने पैसों का इंतजाम नहीं किया तो वो मशीन हटा देंगे। हम लोग डर गए फिर मजबूरी में वहीं ऑपरेशन भी करवाया। डॉक्टर समीर यही कहते थे कि दिल का ऑपरेशन बहुत बड़ा होता है। इसलिए टांके सही करने के लिए आप लोगों को अलग से इंजेक्शन लगवाने पड़ेंगे। और एक इंजेक्शन की कीमत 27 हजार रुपये थी। सहबीन ने बताया कि ऑपरेशन के दो दिन के बाद ही मां को शॉक लगना शुरू हो गए थे। मगर डॉक्टर ये कहकर टालते रहे कि मशीन कंट्रोल कर लेगी। हम लोगों को बाद में पता चला कि डॉक्टर ने एक्सपायर पेसमेकर लगा दिया। सहबीन कहती हैं कि हमने बड़ी ही मुश्किल से इलाज के लिए कर्ज लेकर चार लाख रुपये जोड़े थे लेकिन डॉक्टर ने उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया। सहबीन ने सरकार से गुहार लगाई कि इस मामले में हमारे नुकसान की भरवाई के साथ साथ डॉक्टर को भी कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। 

डॉक्टर के खिलाफ मिले कई सबूत 

इटावा के एसएसपी संजय कुमार के मुताबिक जांच आगे बढ़ रही है और सबूत भी मिलने लगे हैं। लिहाजा अब कार्रवाई भी उसी के मुताबिक होगी। अब तक पुलिस के सामने डॉक्टर के विदेश जाने के, स्टीकर बदलकर दूसरे खराब पेसमेकर लगाने, एमआरआई और नॉन एमआरआई के फर्जीवाड़े की बातें सामने आई हैं। और डॉक्टर की इन्हीं करतूतों से कई मरीजों की जिंदगी को खतरा पहुँचा है। कुछ तो ऐसे सबूत भी मिले हैं कि कुछ मरीजों के पेसमेकर निकालकर दूसरे मरीजों में इंप्लांट करने के मामले भी सामने आए हैं। 

 डॉक्टर की विदेश यात्राएं

दावा किया जा रहा है कि डॉक्टर समीर ने कई देशों की यात्रा की। हांगकांग, जापान, थाईलैंड और यूके टूर के सबूत भी मिले हैं। मजे की बात ये हैकि ये सभी दौरे सरकारी खर्चे पर किए गए और वो भी बिना विभाग के अनुमति के। उन्होंने करीब आठ देशों की यात्राएं की हैं। पुलिस को सोशल मीडिया पर विदेश यात्राओं की फ़ोटोज़ भी मिले हैं। 

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