Brij Bhushan Update: चार्जशीट या क्लीन चिट? स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने से पहले दिल्ली पुलिस कन्फ्यूज्ड!
Wrestlers Protest Update : पहलवानों के आरोपों को लेकर सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह को क्या राहत मिलेगी? इस पर सस्पेंस बरकरार है।
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अरे भई, कहना क्या चाहते हो!
Wrestlers Protest Update Delhi Police : पहलवानों के आरोपों को लेकर सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह को क्या राहत मिलेगी? इस पर सस्पेंस बरकरार है। पुलिस के मुताबिक पुलिस को अबतक ऐसे सबूत नहीं मिले हैं जो गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त हों। हालांकि दिल्ली पुलिस की जांच जारी है और कई दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
उधर, राहत के आसार के बीच बृजभूषण भरपूर गरजे और कहा कि अगर खिलाडियों के पास सबूत हैं तो पुलिस को दें। उन्होंने गंगा में मेडल बहाने को इमोशनल ड्रामा तक करार दिया।
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दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने पहले मीडिया-पुलिस के Whatsapp Group में जानकारी दी थी कि जो खबर तमाम मीडिया चैनलों पर चल रही है कि बृज भूषण के खिलाफ सबूत नहीं है, ये खबर गलत है।
लेकिन कुछ देर के बाद पहले वाला मैसेज Delete कर दिया गया।
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दिल्ली पुलिस ने अपने Twitter Handle से दोपहर 2 बजकर 9 मिनट पर ट्विट किया था कि -
कुछ मीडिया चैनल महिला पहलवानों द्वारा दर्ज मुकदमे में पुलिस द्वारा फाइनल रिपोर्ट दाखिल किए जाने की खबर प्रसारित कर रहे हैं। यह खबर पूरी तरह गलत है। यह केस अभी विवेचना में है और पूरी तफ्तीश के बाद ही उचित रिपोर्ट न्यायालय में रखी जाएगी।
महिला पहलवानों द्वारा दर्ज मुकद्दमे अभी विवेचना के अधीन है। उक्त मुकद्दमों में इन्वेस्टिगेशन के बारे में माननीय न्यायालय के समक्ष स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की जा रही है।
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लेकिन दिल्ली पुलिस ने ये ट्विट Delete कर दिया था।
इसके बाद दिल्ली पुलिस की पीआरओ ने पुलिस-मीडिया के ग्रुप में ये मैसेज किया -
'महिला पहलवानों द्वारा दर्ज मुकद्दमे अभी विवेचना के अधीन है। उक्त मुकद्दमों में इन्वेस्टिगेशन के बारे में माननीय न्यायालय के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट्स दाखिल की जा रही है।
उपरोक्त केसों के इन्वेस्टिगेशन में होने के चलते, न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल होने से पूर्व कुछ भी कहना प्रक्रिया विरुद्ध होगा।'
तो फिर पहले पीआरओ सुमन नलवा ने ये क्यूं लिखा कि सबूत नहीं है वाली खबर गलत है और अब ये क्यों कहा कि जानकारी नहीं दे सकते? वैसे ये बात भी सच है कि वो जो भी लिखती है, वो उस विभाग से बात करने के बाद ही लिखती है। ऐसे में संभव है कि शुरुआत में उनको कुछ जानकारी दी हो और बाद में कुछ। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि पुलिस जानबूझकर मीडियो को कुछ बताना नहीं चाह रही, क्योंकि इससे पहलवान भड़क सकते है। यही वजह है कि वो सीधे न्यायालय को जानकारी देगी। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली पुलिस अनावश्यक रूप से विवाद में नहीं पड़ना चाहती। हालांकि पुलिस द्वारा अदालत को बता कर भी पहलवानों को जानकारी मिल ही जाएगी।
देखते हैं कि इन सब के बीच कौन सी बात सच निकलती है।
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