बृजभूषण मामले में इसी हफ्ते कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर सकती है दिल्ली पुलिस
Brij Bhusan Sharan Singh: बृजभूषण शरण सिंह को लेकर इसी हफ्ते में कोर्ट में दिल्ली पुलिस या तो चार्जशीट दाखिल कर सकती है या फिर क्लोजर रिपोर्ट।
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Brij Bhusan Sharan Singh: बृजभूषण शरण सिंह को लेकर इसी हफ्ते में कोर्ट में दिल्ली पुलिस या तो चार्जशीट दाखिल कर सकती है या फिर क्लोजर रिपोर्ट। सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग द्वारा आरोप वापस लेने के बाद ये मामला काफी कमजोर हो गया है। हालांकि पुलिस ने इस सिलसिले में कई गवाहों के बयां दर्ज किए हैं। साथ-साथ ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वाकई बृज भूषण ने छेड़छाड़ की है या फिर ये महज आरोप है।
उधर, बृजभूषण पर आरोप लगाने वाली सात पहलवानों में शामिल एक नाबालिग ने पटियाला हाउस कोर्ट और कनॉट प्लेस थाने से अपनी शिकायत वापस ले ली है। सूत्रों की माने तो नाबालिग महिला पहलवान ने में कहा कि उनके साथ बृजभूषण शरण सिंह ने कभी sexual harassment नहीं किया। सूत्रों की जानकारी की तस्दीक कोर्ट में मामले की सुनवाई और आदेश के बाद ही होगी।
दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर दर्ज हुई थी।
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क्या-क्या आरोप है?
शिकायत के मुताबिक, गलत तरीके से छूना, किसी बहाने से छाती के ऊपर हाथ रखने की कोशिश या हाथ रखना, छाती से पीठ तक हाथ को लेकर जाना, पीछा करना आदि आरोप शामिल है।
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यह शिकायत कनॉट प्लेस थाने में 21 अप्रैल को दी गई थी और दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो एफ आई आर दर्ज की थी।
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28 अप्रैल को जो FIR दर्ज हुई उसमें जो प्रमुख आरोप है, वो हैं -
दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है, जिसमें एक से तीन साल की जेल की सजा है। पहली प्राथमिकी में छह वयस्क पहलवानों के आरोप शामिल हैं और इसमें डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम है।
दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर आधारित है और POCSO अधिनियम की धारा 10 को भी लागू करती है, जिसमें पाँच से सात साल की कैद होती है। जिन घटनाओं का उल्लेख किया गया है वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक भारत और विदेशों में हुईं।
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