पोर्नोग्राफी केस ... कुंद्रा की बढ़ी टेंशन ! पुलिस कस्टडी को अवैध बताने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

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मुंबई पुलिस द्वारा पोर्न फिल्म रैकेट में गिरफ्तार होने के बाद पिछले दो सप्ताह से जेल में बंद व्यवसायी राज कुंद्रा द्वारा दायर याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस एएस गडकरी ने लंबी-चौड़ी दलीलें सुनीं। कुंद्रा की ओर से पेश हुए वकील अबाद पोंडा ने हाई कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि आईपीसी की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना) कुंद्रा के खिलाफ बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद ही जोड़ी गई थी।

अभी जेल में बंद है कुंद्रा

कुंद्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत धारा 41 ए के तहत नोटिस देने के मानदंड का उल्लंघन किया है और इस तरह उसे अवैध रूप से गिरफ्तार किया है। कुंद्रा ने अदालत से दरख्वास्त की है कि उच्च न्यायालय द्वारा उनकी हिरासत रद्द कर दी जानी चाहिए और उन्हें मुक्त कर दिया जाना चाहिए। करीब एक हफ्ते तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद कुंद्रा अभी न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है.

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क्या कुंद्रा ने डाटा डिलीट किया ?

सुनवाई के दौरान कुंद्रा के वकील पोंडा ने बताया कि गिरफ्तारी पंचनामा दर्ज होने पर 22 पुलिसकर्मी मौजूद थे। "यह कैसे हुआ कि जब कुंद्रा डिलीट कर रहे थे, उस वक्त एक भी पुलिसकर्मी ने इसे नहीं देखा और गिरफ्तारी पंचनामा में इसका उल्लेख नहीं किया?" इससे पहले पुलिस ने आरोप लगाया था कि कुंद्रा ने कुछ डाटा डिलीट किया था..

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रिमांड पेपर में अलग अलग बातें

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कुंद्रा के वकील ने कहा, "पहले रिमांड में कहा गया है कि फरवरी 2019 से वीडियो की तैयारी चल रही थी और इसे प्रसारित करने के बाद इसे तुरंत हटा दिया जाएगा। दूसरे रिमांड में कहा गया है कि फरवरी 2021 में वीडियो को हटाया गया जबकि अभी दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि आरोपी ने तुरंत हटाना शुरू कर दिया, इसलिए ये विसंगतियां अभियोजन मामले पर कुछ संदेह पैदा करती हैं,।''

सरकारी वकील का पक्ष, अब तक लैपटॉप और हार्ड डिस्क से 68 अश्लील वीडियो मिले

दूसरी ओर इस सरकारी वकील अरुणा पई ने मुंबई पुलिस की ओर से दलील देते हुए कहा कि कुंद्रा ने जांच में सहयोग नहीं किया और वो सबूतों के साथ छेडछाड़ कर रहे थे.. उन्होंने अदालत को बताया कि कुंद्रा ने नोटिस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, लेकिन उसने खोज पंचनामा पर भी हस्ताक्षर नहीं किया.... पई ने कहा कि कुंद्रा के एक कर्मचारी का बयान मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया गया था। साथ ही अब तक लैपटॉप और हार्ड डिस्क से 68 अश्लील वीडियो मिले हैं। इसके अलावा 51 अन्य वीडियो स्टोरेज एरिया नेटवर्क (सैन) पर पाए गए। एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन मिला जहां हॉटशॉट एप की डिटेल्स भी मिलीं। यह दिखाता है कि ऐप कैसे काम करता है।

कुंद्रा के लैपटाप में गंदी फिल्म !

सरकारी वकील का कहना है कि कुंद्रा के निजी लैपटॉप पर यौन सामग्री वाली एक फिल्म की स्क्रिप्ट भी मिली थी। कुंद्रा मोबाइल से आई-क्लाउड हटा दिया गया था। उनके कुछ ईमेल उनके आई-क्लाउड से पुनर्जीवित किए गए हैं। सरकारी वकील के मुताबिक, "उसके मोबाइल से हमें व्हाट्सएप ग्रुप और चैट मिली है। उसने बख्शी, थोरपे, वियान इंडस्ट्रीज अकाउंट, बॉली फेम अकाउंट के साथ चर्चा की, और हॉटशॉट ऐप की चर्चा हुई। हमने फेस टाइम लॉग, इंटरनेट ग्रोइंग हिस्ट्री को बरामद किया है, जहां से हम विभिन्न चालान, ग्राहक लेनदेन पाया है।'' इसके लिए पुलिस रिमांड की जरूरत थी, लिहाजा पुलिस रिमांड लाजिक्ल थी.

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