हनीमून पर बीवी को कह दिया 'सेकंड हैंड' हाईकोर्ट ने लगाई तगड़ी चपत, अब देने पड़ेंगे 3 करोड़
Calling Wife Second Hand: हनीमून पर पति ने पत्नी को सेकंड हैंड कहा तो पत्नी ने उसे अदालत में घसीट लिया और हाईकोर्ट के हथौड़े से पति को लगी तगड़ी मार।
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Highcourt News: हनीमून में यूं तो मियां बीवी या पति पत्नी के बीच हर तरह की बात होती है। दोनों एक दूसरे की बातों को आसानी से बर्दाश्त भी कर लेते हैं। लेकिन इसकी भी एक हद है। कोई भी पति अपनी बीवी को बस उसी हद तक मजाक में कुछ भी कह सकता है जहां तक बीवी को अपने पति का कहा अपनी बेइज्जती न लगे। अगर शौहर ने हद पार की तो तगड़ी चपत लग सकती है। ताजा वाकया सामने आया है एक ऐसे कपल का जिसमें पति पर हाईकोर्ट ने तीन करोड़ रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया है। क्योंकि उस पति ने अपनी पत्नी को ‘सेकंड हैंड’ कह कर बेइज्जत कर दिया था। और बीवी ने इस बात पर पति को कोर्ट में घसीट लिया था।
अमेरिकी नागरिक की तलाक याचिका खारिज
असल में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अमेरिकी नागरिक की तलाक याचिका खारिज कर दी। वजह ये थी कि हाईकोर्ट मानता है कि पति का अपनी बीवी को हनीमून के दौरान ‘सेकेंड हैंड’ कहना और उसके साथ मार पीट करना किसी भी सूरत में किसी भी महिला के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाता है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखकर एक तरह से दोहरी चपत लगाई जिसमें पत्नी को मुआवजे के तौर पर 3 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया गया था।
पति और पत्नी अमेरिका के नागरिक
इस पूरे किस्से को समझने के लिए वक्त को थोड़ा पीछे लेकर चलते हैं। असल में ये पति और पत्नी अमेरिका के नागरिक हैं। लेकिन महिला भारत की रहने वाली है जबकि आदमी अमेरिकी नागरिक है। 3 जनवरी, 1994 को दोनों की शादी मुंबई में हुई थी। इसके बाद दोनों ने अमेरिका की रीति रिवाज के तहत एक और शादी की थी। साल 2005-2006 के आसपास वे दोनों मुंबई आकर रहने लगे। महिला ने मुंबई में नौकरी कर ली और बाद में अपनी मां के घर चली गई। करीब 9 से दस साल यानी 2014-15 के आसपास पति वापस अमेरिका चला गया। लेकिन साल 2017 में उसने अमेरिका की एक कोर्ट में तलाक का मुकदमा दायर कर दिया, और अपनी पत्नी को समन भेज दिया। लेकिन इत्तेफाक से उसी साल बीवी ने मुंबई के मजिस्ट्रेट कोर्ट में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत एक याचिका दायर की।
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'सेकंड हैंड' कहकर बेइज्जत किया
उधर 2018 में, अमेरिकी कोर्ट ने तलाक के मुकदमें में सुनवाई करते हुए तलाक को मंजूरी दे दी। लेकिन इधर हिन्दुस्तान में मुंबई की अदालत में मुकदमा जस का तस था। यहां पत्नी ने अपनी याचिका में कहा था कि नेपाल में हनीमून के दौरान उसके पति ने उसे 'सेकंड हैंड' कहकर बेइज्जत किया था। क्योंकि पत्नी की पिछली सगाई टूट चुकी थी।
किरदार पर लांछन
अमेरिका की कोर्ट में जाकर महिला ने आरोप लगाया कि उसके साथ शारीरिक और भावनात्मक तरीके से उसका शोषण किया गया। उसके पति ने उसके किरदार को लेकर लांछन लगाए है। इतना ही नहीं उस महिला ने अपने ही पति पर अपने भाइयों के अलावा कई पुरुषों के साथ अवैध संबंध होने का भी संगीन इल्जाम लगाया। लेकिन सबसे संगीन बात ये थी कि पत्नी ने अपने पति पर ये इल्जाम लगाया कि उसके पति ने हनीमून की रात उसे तब तक सोने नहीं दिया जब तक महिला ने अपने कुछ अवैध और व्यभिचारी संबंध होने की बात उसके सामने कबूल नहीं कर ली।
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पत्नी संग की थी मारपीट
अदालत में अपनी याचिका में उस महिला ने आरोप लगाया था कि ये बात साल 1999 की है। तब उसके पति ने उसकी कथित तौर पर बहुत बुरी तरह से पिटाई की थी। इस कदर मारा पीटा था कि चीख पुकार सुनकर पड़ोसियों ने ही पुलिस बुलवा ली थी। और घरेलू हिंसा के मामले में पति को गिरफ्तर कर लिया गया था। हालांकि पत्नी ने कहा कि उसने पुलिस से कभी शिकायत नहीं की थी बल्कि खुद पुलिस ने उसके चेहरे पर चोट के निशान देखे और पूरे मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए पति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। हालांकि बाद में भाई की जमानत पर उसे रिहायी दे दी गई थी मगर पति को काउंसलिंग से गुजरना पड़ा था।
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पति को इस शक की बीमारी
पति पत्नी में यूं भी बहुत अच्छे रिश्ते नहीं रह गए थे। लेकिन ये बात तब और भी ज्यादा बिगड़ गई जब साल 2000 में महिला के माता पिता अमेरिका गए थे। उसी समय महिला के पिता को दिल का दौरा पड़ा। मगर पति ने अपनी बीवी को उसके पिता के साथ नहीं रहने दिया। ये बात खून का घूंट पीकर वो सह गई। लेकिन जब वो लोग अमेरिका छोड़कर हिन्दुस्तान आ गए तब भी पति उस पर शक करने लगा था और बात बात में दूसरे पुरुषों के साथ नाजायज ताल्लुकात रखने का लांछन लगाने लगा। यहां तक कि उसने महिला के संबंध घर में सामान देने आने वाले दूसरे मर्दों के साथ लगाने शुरू कर दिए थे। पति की इस शक की बीमारी की वजह से महिला बहुत परेशान रही तब उसने एक मनोचिकित्सक से संपर्क किया। मनोचिकित्सक की जांच में ये बात भी सामने आई कि उसका पति भ्रमित है और उसे इस तरह के दौरे पड़ते रहते हैं। डॉक्टर ने जो दवा उसके पति को लिखी थी उसे लेने से उस अमेरिकी नागरिक ने इनकार कर दिया।
तकिये से दम घोंटकर मारने तक की कोशिश
महिला की याचिका के मुताबिक हिन्दुस्तान आने के बाद भी दोनों के बीच रिश्ते बहुत अच्छे नहीं रहे। बल्कि साल 2008 में महिला की शिकायत के मुताबिक पति ने तकिये से दम घोंटकर उसे मारने तक की कोशिश की। इसके बाद ही महिला अपनी मां के घर चली गईथी। इधर पति ने दूसरी महिला के साथ शादी कर ली।
तीन करोड़ रुपये देने का निर्देश
इस सिलसिले में पति के खिलाफ लगाए आरोपों पर कोर्ट में महिला की तरफ से उसकी मां, भाई और चाचा ने गवाही दी थी जबकि पति ने खुद भी कोर्ट में जिरह नहीं की। लंबी सुनवाई के दौरान 2023 में मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाया कि एक महिला घरेलू हिंसा का शिकार हुईथी। हालांकि ट्रायल कोर्ट ने पत्नी को मुंबई में इस दंपत्ति के संयुक्त स्वामित्व वाले फ्लैट का इस्तेमाल करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। लेकिन कोर्ट ने पति को आदेश दिया था कि पत्नी के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था करने या घर के किराए के लिए हर महीने 75000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही अदालत ने पति को साल 2017 से भरण पोषण के लिए पत्नी को 1, 50,000 रुपये महीना और दो महीने के भीतर मुआवजे के रुप में तीन करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया।
निचली अदालत का फैसला बरकरार
निचली अदालत के इस फैसले को पति ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन वहां उसकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में रिव्यू पेटिशन डाली। हाईकोर्ट ने बाकी मामलों में सुनवाई की इजाजत देने के बावजूद निचली अदालत के 3 करोड़ रुपये के मुआवजे देने के फैसले को जस का तस रखा।
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