जब तालिबान के गढ़ में गए अमिताभ बच्चन!

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तालिबान के गढ़ में खुदा गवाह की शूटिंग

बॉलिवुड (Bollywood) का अफगानिस्‍तान (Afghanistan) से लंबा रिश्‍ता रहा है क्‍योंकि वहां कई मशहूर फिल्‍मों की शूटिंग हुई है। इनमें से एक सबसे यादगार फिल्‍म अमिताभ बच्‍चन (Amitabh Bachchan) और श्रीदेवी (Sri Devi) स्‍टारर 'खुदा गवाह' (Khuda Gawah) है। फिल्म में 'बुज़काशी' (Buzkashi) नाम के एक खेल को मजार शरीफ (Mazar Shareef) के पास फिल्माया जाना था। ज़ाहिर है ये आसान नहीं था, मगर अमिताभ बच्चन की किस्मत देखिए कि उस वक्त के अफगानी राष्ट्रपति नजीबुल्लाह अहमदजई अमिताभ बच्चन के बड़े फैन निकलेl और उन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म की शूटिंग के दौरान देश की आधी एयर फोर्स उनकी सुरक्षा में लगा दी।

अफगानिस्तान में अमिताभ से मिलने कौन आया?

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साल 2013 में अमिताभ बच्चन ने फेसबुक पोस्ट पर इस बारे में खुलासा किया थाl बिग बी ने लिखा था, 'अफगानिस्तान से सोवियत जा चुके थे और पावर नजीबुल्लाह अहमदजई को सौंप दी गई थी जो कि हिंदी सिनेमा के प्रशंसक थेl वो मुझसे मिलना चाहते थे और उन्होंने मुझे इनवाइट किया और रॉयल ट्रीटमेंट दियाl हमें वीवीआइपी गेस्ट की तरह ट्रीट किया गयाl हमें सुरक्षाबलों के साथ में इस खूबसूरत देश का भ्रमण करवाया गयाl हमारा पारंपरिक स्वागत किया गयाl हम होटलों में नहीं रुके, हमारे लिए एक परिवार ने अपना घर खाली कर दिया थाl'

बाकी कलाकारों के साथ किया गया ऐसा सुलूक

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इस बारे में आगे बताते हुए अमिताभ बच्चन कहते है, 'वहां सुरक्षा की समस्या थीl वहां टैंक और जवान सड़कों पर थेl ये मेरे जीवन का सबसे अच्छा पल थाl हमें खाने पर बुलाया गया थाl तब मैं डैनी डेंजोंगपा, बिलू, मुकुल हम हेलीकॉप्टर में बैठकर गए थेl ये बहुत ही अच्छा थाl वहां पर एक रिवाज है कि मेहमानों के कदम जमीन पर नहीं पड़ने चाहिएl इसलिए हमें उठा लिया गया थाl इसके बाद हमें बुजकसी टूर्नामेंट में लेकर जाया गयाl वहां पर कई अच्छी चीजें बनाई गई थीl हमने वही रात बिताईl हमें बहुत सारे उपहार दिए गए थेl मुझे पता नहीं, जिन्होंने मेरा स्वागत किया अब वो कहां पर है, किन परिस्थिति में हैl'

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पोस्‍ट के आखिर में महानायक ने लिखा था, 'हम गिफ्ट्स दिए गए। भारत आने से एक दिन पहले रात में काबुल में नजीबुल्‍लाह ने हमें प्रेजिडेंट आवास पर बुलाया और हमें 'ऑर्डर ऑफ अफगानिस्‍तान' से सजाया गया। उस शाम, उनके अंकल ने हमारे लिए भारतीय राग गाया।'

क्या है पंजशीर का इतिहास, जिससे घबरा रहा है तालिबान?

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