बिलकिस बानो के दोषियों को ही क्यों छोड़ा गया, गुजरात सरकार की मंशा पर 'सुप्रीम' सवाल

ADVERTISEMENT

बिलकिस बानो के दोषियों को ही क्यों छोड़ा गया, गुजरात सरकार की मंशा पर 'सुप्रीम' सवाल
सांकेतिक तस्वीर
social share
google news

संजय शर्मा की रिपोर्ट

Bilkis Bano Case : गुजरात में बिलकिस बानों का मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है खासतौर पर उस वक़्त इस मामले ने चर्चा की शक्ल अख्तियार कर ली जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ही गुजरात सरकार को ही सवालों के कठघरे में लाकर खड़ा किया। हालांकि बिलकिस बानों के मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होनी है। 

दोषियों की रिहाई पर उठे सवाल

जस्टिस बी वी नागरत्ना ने गुजरात सरकार से सवाल किया है कि जब इस मामले में गोधरा की अदालत में मुकदमा चला ही नहीं तो फिर उस ट्रायल कोर्ट से राय क्यों मांगी गई? देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में हुए बिलकिस बानो केस के सिलसिले में दोषियों की रिहाई को लेकर कई गंभीर सवाल उठा दिए हैं। 

ADVERTISEMENT

सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस में गुजरात सरकार की नीयत पर सवाल उठाए

ASG एम वी राजू की दलीलें

गौरतलब है कि बिलकिल बानो मामले में गुजरात सरकार की तरफ से ASG एम वी राजू दलीलें दे रहे हैं। और इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए गुजरात की सरकार की नीयत और मंशा के साथसाथ पूरी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात की सरकार से पूछा है कि दोषियों को सजा ए मौत से कम यानी उम्र कैद की सजा मिली थी तो फिर उन्हें 14 साल की सजा के बाद ही कैसे रिहा कर दिया गया?

रिहाई केवल उन्हीं कैदियों को क्यों?

अपनी दलील में एम वी राजू ने कहा कि दोषियों को गाइडलाइन के मुताबिक ही रिहाई मिली है। कोर्ट के पास इसलिए नहीं गए क्योंकि इस मामले में फैसला देने वाले जज भी रिटायर हो गए हैं। इस पर जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि जज अदालतों के होते हैं मुकदमें के नहीं।  बेंच ने सवाल किया कि 14 साल की सजा के बाद रिहाई की राहत सिर्फ इन्हीं कैदियों को क्यों मिली? बाकी कैदियों को ये राहत क्यों नहीं दी गई? ऐसे में इस मामले में दोषियों के साथ ये भेदभाव क्यों किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि इस पॉलिसी का फायदा अलग अलग क्यों दिया गया?

ADVERTISEMENT

सुधार का मौका सबको क्यों नहीं?

सर्वोच्च अदालत ने ये सवाल उठाया कि अगर जेलें कैदियों से भरी पड़ी हैं तो उन्हें सुधार का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि बिलकिस बानो के दोषियों के लिए जेल एडवाइजरी कमेटी किस आधार पर बनाई गई? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एडवाइजरी कमेटी का पूरा ब्योरा भी मांग लिया है।

ADVERTISEMENT

छूट की पॉलिसी केवल चुनिंदा लोगों के लिए?

जस्टिस बी वी नागरत्ना ने गुजरात सरकार से पूछा है कि आखिर छूट की पॉलिसी केवल चुनिंदा लोगों के लिए ही क्यों है? सुप्रीम कोर्ट ने ये भी सवाल किया है कि अगर सुधार का मौका कुछ कैदियों को दिया जाना तय हुआ तो फिर ये मौका बाकी कैदियों को क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।  एएसजी राजू ने अपनी दलील में कहा कि दोषी करार देते समय अदालत को भी पता था कि 14 साल के बाद छूट दी जा सकती है, क्योंकि उस वक्त ये नीति लागू थी इसके बावजूद अदालत ने कोई आदेश नहीं दिया कि सजा में छूट 30 साल से पहले या कोई छूट दी जा सकती है। 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    यह भी पढ़ें...

    ऐप खोलें ➜