बिजनौर में हिजाब पहन कर आई छात्राओं को कॉलेज से लौटाया, प्रिंसिपल पर आरोप, सरकार ने जांच बैठाई

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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हिजाब को लेकर फिर बवाल

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छात्राओं को झेलनी पड़ी प्रताड़ना

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शिक्षा विभाग ने दिये जांच के आदेश

ऋतिक राजपूत के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Bijnor: हिजाब को लेकर कभी किसी राज्य से विवाद की खबरें सामने आती है, तो कभी किसी से। अबकी बार मामला सामने आया है यूपी के बिजनौर से। जहां एक इंटर कॉलेज में हिजाब का विरोध खुद उस कॉलेज के प्रिंसिपल ने किया। इस मामले को लेकर अब आला अधिकारियों से शिकायत कर दी गई है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जांच शुरू की जा चुकी है।

क्या था पूरी घटना?

बिजनौर में एक इंटर कॉलेज में हिजाब पहन कर पहुंची छात्राओं को प्रताड़ना झेलनी पड़ी। इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल ने इन बच्चियों को वापस घर भेज दिया। प्रिंसिपल ने छात्राओं के परिजनों को स्कूल भी बुलाया। इसके बाद छात्राओं से कहा गया कि वो सफेद दुपट्टा और दो चोटी में स्कूल आएं। छात्राएं का कहना है कि उन्हें इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल हिजाब पहनकर आने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। आरोप है कि प्रिंसिपल ने छात्राओं को असेंबली के बाद स्कूल से बाहर निकाल दिया। छात्राएं प्रिंसिपल पर आरोप लगा रही हैं कि हिजाब की वजह से स्कूल के प्रिंसिपल ने हमें स्कूल से बाहर निकाला है। स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्राओं को कहा है कि वह हिजाब ना पहने और स्कूल में दो चोटी बनाकर आएं। इस पूरे मामले में जब क्राइम तक ने बिजनौर के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स से बात की तो उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला हमारे संज्ञान में है और हम इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।

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क्या है हिजाब-विवाद?

हिजाब का मामला इससे पहले कर्नाटक में सामने आया था। कर्नाटक के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की 6 लड़कियां संस्थान की वर्दी के साथ हिजाब पहनकर आई थीं। उन्हें जब इससे रोका गया तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके विरोध में हिंदू संगठनों ने छात्रों को भगवा-पटका पहनाना शुरू कर दिया। ये मामला कर्नाटक हाईकोर्ट तक पहुंचा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने उडुप्पी के सरकारी प्री यूनिवर्सिटी गर्ल कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने क्लास में हिजाब पहनने की इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को मुंबई के एक कॉलेज के उस नोटिस पर आंशिक रूप से रोक लगा दी है, जिसमें कॉलेज परिसर में हिजाब, बुर्का और नकाब पहनने पर पाबंदी लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही यह भी कहा कि छात्राओं को यह चुनने की आजादी होनी चाहिए कि वो क्या पहनना चाहती हैं? इस बीच तेलंगाना के सिकंदराबाद से भी खबर आई कि वहां दिव्यांगों को ट्रेनिंग देने वाले एक संस्थान ने ट्रेनिंग के लिये आने वाली महिलाओं को बुर्का पहनकर आने से रोका है। 

इन देशों में है बुर्के और हिजाब पर बैन

दुनिया के करीब 16 देशों ने बुर्का (Burqa) और हिजाब (Hijab) पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इनमें चीन, फ्रांस, श्रीलंका, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नीदलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम आदि प्रमुख हैं। ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशों को छोड़ दें तो सऊदी अरब में भी बुर्का और हिजाब पहनना महिलाओं के लिए अनिवार्य नहीं है। ताजिकिस्तान में भी इस पर पूर्ण प्रतिबंध है। अल्जीरिया जैसे मुस्लिम देश ने भी सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं के बुर्का-हिजाब पहनकर दफ्तरों में आने को प्रतिबंधित किया है। इसके लिए बाकायदा कानून पारित किया गया है। 
 

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