गोलियों पर लिखे नाम, परिवार को बनाया बंधक और पूछने पर कहा ये मेरा पर्सनल मामला है
पश्चिम चंपारण में सनकी आशिक़ की करतूत, मास्टर के परिवार को बंधक बनाया, 5 गोलियों पर लिखे थे 5 नाम, Bettiah Family Hostage on gun point its one sided lover drama, Latest Crime News in Hindi
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Latest Crime News: एक शख्स ने पहले तो रिवॉल्वर की पांच गोलियों में पांच लोगों को नाम लिखे और फिर उसी बंदूक और उन्हीं गोलियो को दिखाते हुए पूरे एक परिवार को पूरी एक घड़ी तक बंधक बनाकर रखा। ये किसी फिल्म का सीन नहीं है और न ही किसी नाटक का चैप्टर, और न ही ये किसी उपन्यास का हिस्सा। ये एक ज़िंदा हक़ीक़त है जो बिहार के बेतिया से बाहर निकलकर सामने आई है।
असल में ये एक तरफा आशिक बने एक सिरफिरे ने एक पिस्तौल को नचाते हुए एक परिवार को ही धमकाते हुए बंधक बनाए रखा। और ये ड्रामा एक दो घंटा नहीं बल्कि पूरे छह घंटे तक चलता रहा। हालांकि इत्तेला मिलने के बाद भी पुलिस जबतक हरकत कर पाती तब तक उस परिवार की जान हलक में अटकी रही। बाद में इस नाटक का पर्दा तब गिरा जब पुलिस ने उस सनकी आशिक़ को क़ाबू में कर लिया।
Bihar Crime Story: ये क़िस्सा सोमवार यानी 23 मई का है। यहां पश्चिम चंपारण ज़िले के बेतिया में बावूछापर थाना इलाक़े में एक जगह है महेंद्र कॉलोनी। उस कॉलोनी में एक परिवार रहता है। परिवार के मुखिया का नाम अरुण कुमार है। और अरुण कुमार पेशे से एक शिक्षक हैं। सोमवार की सुबह सुबह एक कोरियर बॉय ने मास्टरसाहब के घर का दरवाजा खटखटाया और घर में घुस गया। और घर में आते ही उसने अपनी पिस्तौल बाहर निकाल ली। फिर उसी पिस्तौल के दम पर सबसे पहले उसने परिवार के सभी लोगों को एक कमरे में बंद कर दिया। ये कोरियर बॉय और कोई नहीं मोतिहारी के गोविंदगंज का रहने वाला एक शख्स सतीश था।
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बंधक बनने से पहले घर में चीख पुकार मच गई थी जिसकी वजह से पड़ोसियों को इस बात की भनक लग गई कि मास्टरसाहब के घर में कुछ गड़बड़ हो गई है। लिहाजा पड़ोसियों ने पुलिस को इत्तेला कर दी। एक परिवार को किसी ने घर में घुसकर बंधक बना लिया ये खबर मिलते ही पुलिस फौरन मौके पर जा पहुँची। और मास्टर साहब के मकान को चारो तरफ से घेर लिया। इसी बीच एक सादे लिबास में पुलिस का जवाब जैसे तैसे घर के भीतर घुस गया और उसने परिवार के लोगों को बंधक बनाए बैठे सतीश से बातचीत करनी शुरू कर दी।
Latest Bihar Crime: अब मास्टर अरुण कुमार के घर के बाहर पुलिसवालों के साथ साथ पूरे मोहल्ले के लोगों का मजमा जमा हो गया जबकि घर के भीतर एक कमरे में अरुण कुमार और उनके परिवार के तमाम लोग बंद। कमरे के बाहर रिवाल्वर ताने खड़ा सतीश और पुलिस का सादी वर्दी वाला जवान उसे बातों में उलझाने की कोशिश करने लगा।
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मामला संगीन था लिहाजा दारोगा राजीव रजक ने अपने आला पुलिस अफसरों को इत्तेला दी। मौके की नज़ाक़त को देखते हुए ज़िला कप्तान अपने पूरे अमले के साथ मौका-ए-वारदात पर जा पहुँचे। पुलिस कप्तान की सख़्त हिदायत ये थी कि बंधक परिवार को किसी भी सूरत में कुछ नहीं होना चाहिए। लेकिन ऐहतियात के तौर पर घर के आस पास स्नाइपर्स तैनात कर दिए गए थे। ताकि किसी तरह की ऐसी हरक़त होते ही बंधक बनाने वाले आरोपी को शूट किया जा सके। इसके बाद जब पुलिसवालों ने सतीश से उसकी डिमांड जाननी चाही तो उसे निजी बताकर वो टाल गया और बार बार खुद को गोली मारने की धमकी देने लगा।
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इसी बीच न जाने कैसे सतीश ने अपने साथ बात कर रहे जवान से ग्लूकोज़ मांगा। ये एक छोटा सा मौका था जब सतीश को काबू में किया जा सकता था। लिहाजा पुलिसवालों ने पूरी सावधानी के साथ अपनी अगली चाल चली और सबसे पहले सतीश से ही एक चम्मच लाने को कहा।
सतीश ने जैसे ही चम्मच देने की कोशिश की, उस जवान ने फुर्सी से सतीश का हाथ पकड़ लिया और इशारा मिलते ही बाहर चौकन्ने खड़े पुलिसवाले भी घर के भीतर घुस आए और सतीश को पूरी तरह से काबू में कर लिया।
Bihar Pistol : पुलिस ने जब 28 साल के हट्टेकट्टे सतीश को पूरी तरह से काबू में कर लिया तब उसकी तलाशी ली गई जिसमें उसके पास से एक पिस्तौल और पांच कारतूस मिले। पुलिस ये देखकर हैरान रह गई उस उन पांचों कारतूसों पर नाम लिखे थे। और ये नाम किसी और के नहीं, मास्टर अरुण कुमार के परिवार के चार लोगों के ही नाम थे। हालांकि परिवार में पांच लोग थे, जिसमें एक अरुण कुमार की माँ भी थी।
एक गोली पर मास्टर अरुण कुमार का जिस पर लिखा था उसका बाप, जबकि एक गोली पर मास्टर अरुण की पत्नी, एक गोली पर मास्टर अरुण की बड़ी बेटी, जिससे इश्क़ का दम भरा था सतीश ने, चौथी गोली पर मास्टर अरुण के बेटे का नाम लिखा। जबकि पांचवीं गोली पर उसने अपना नाम लिखा हुआ था। बकौल पुलिस पिस्तौल की गोलियों पर ये नाम काले स्केच पेन से लिखे गए थे, इसके अलावा पुलिस को सतीश के पास से दो बोतल पेट्रोल और एक रस्सी भी मिली।
जब पुलिस ने सतीश से खुलकर उससे पूरी बात समझी तो उसने जो बताया वो और भी ज्यादा चौंकाने वाला था। असल में सतीश को मास्टर अरुण कुमार की बेटी से इकतरफा मोहब्बत थी और वो इसी बात को मनवाने के लिए ही क़रीब 45 किलोमीटर का फासला तय करके बेतिया पहुँचा था। पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक सतीश का मास्टर अरुण कुमार की बड़ी बेटी के साथ प्रेम प्रसंग था। लेकिन मास्टर अरुण की बेटी सतीश को लगातार टाल रही थी। उसने पहली तो यही शर्त रखी कि सरकारी नौकरी करोगे तब हम बात आगे बढ़ाएंगे। इसी चक्कर में सतीश ने पीटी की परीक्षा पास कर ली थी।
इसी बीच जब बेटी की ये बात अरुण कुमार को पता चली तो उसने पढ़ाई के लिए बेटी को दिल्ली भेज दिया। लेकिन सतीश लगातार उस पर दबाव बनाता रहा लेकिन जब सतीश को लगा कि उसकी बात नहीं सुनी जा रही तो उसने गुनाह का ये रास्ता अख्तियार किया।
West Champaran Crime Story: उसने परिवार को लोंगों को धमकी दी थी कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई या पुलिस को इस मामले में बीच में लपेटा गया तो वो चार लोगों को गोली मारकर खुद को भी गोली मार लेगा। उसकी बात सुनकर उस वक़्त घर परिवार को लोग बुरी तरह से डर गए थे जब उसने नाम लिखी गोलियों को उन्हें दिखाया। इसके अलावा उसने पेट्रोल डालकर घर में आग लगाने की भी धमकी दे दी थी।
फिलहाल पुलिस ने उसे पकड़ लिया। और शुरूआती पूछताछ के बाद सतीश को जेल भी भिजवा दिया। लेकिन पुलिस ने इस मामले को और गहराई से छानने के लिए सतीश के घरवालों के साथ साथ मास्टर अरुण कुमार से भी सवाल जवाब करने का इरादा किया है। ताकि इस सच का पता चल सके कि आखिर इस सिलसिले की शुरूआत कब कहां और कैसे हुई, और ये बात आखिर जुर्म के इस रास्ते तक कैसे पहुँच गई।
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