गोलमाल है, सब गोलमाल है! फर्जी IPS अफसर बने मिथिलेश को क्यों दिए 2 लाख रुपए? कैसे उसके घरवालों ने इस बात पर विश्वास कर लिया कि बिना पढ़े, बिना एग्जाम दिए, कोई IPS बन सकता है?

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गोलमाल है, सब गोलमाल है! फर्जी IPS अफसर बने मिथिलेश को क्यों दिए 2 लाख रुपए? कैसे उसके घरवालों ने इस बात पर विश्वास कर लिया कि बिना पढ़े, बिना एग्जाम दिए, कोई IPS बन सकता है?
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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फर्जी आईपीएस बने मिथिलेश की कहानी में ट्विस्ट

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क्यों घरवालों ने दे दिए 2 लाख रुपए?

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पुलिस कर रही है मामले की जांच

Bihar News: बिहार में दो लाख रुपये देकर फर्जी आईपीएस (IPS) अधिकारी बने मिथिलेश कुमार के तमाम वीडियो और तस्वीरें वायरल है, लेकिन अब ये सवाल उठने लगा है कि आखिर 19 साल के लड़के के कहने पर क्यों उसके मामा ने उसे 2 लाख रुपए दे दिए? ऐसे में ये सवाल भी खड़ा हो गया है कि मिथिलेश के साथ-साथ उसके घरवाले क्यों उसका ध्यान नहीं रख पाए? मिथिलेश का ताजा बयान भी सामने आया है। मिथिलेश का कहना है कि अब वो डॉक्टर बनना चाहता है। पुलिस को ये बात समझ में नहीं आ रही है कि कैसे परिवार वाले को ये विश्वास हो गया कि 2 लाख रुपए में कोई आईपीएस बन सकता है?

मिथिलेश का कहना है कि वो डॉक्टर बनकर लोगों की जान बचाएगा। मिथिलेश ने कहा, 'अब वो पुलिस वाला नहीं बनेंगे। अब डॉक्टर बनेंगे। उ सब नहीं बनना है, हां डॉक्टर बनना है। डॉक्टर बनकर सबको बचाएंगे।'

आपको बता दें कि उसके खिलाफ खैरा पुलिस थाने में केस दर्ज किया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। मिथिलेश कुमार 10वीं पास हैं। 19 साल का मिथलेश कुमार लखीसराय जिला के हलसी थाना क्षेत्र के गोवर्धन बीघा गांव का रहना वाला है। खैरा इलाके के मनोज सिंह नाम के एक व्यक्ति ने उसे पुलिस में नौकरी लगाने का ऑफर दिया था और इसके लिए उससे दो लाख तीस हजार रुपये की मांग की गई थी। इसके लिए मिथलेश ने अपने मामा से दो लाख रुपये लेकर मनोज सिंह को दिए ताकि उसकी नौकरी पुलिस में लग जाए।

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अब ये बात समझ से परे हैं कि कोई बिना पढ़े, एग्जाम दिए, कैसे आईपीएस बन सकता है?

आरोपी मनोज सिंह कहां है?

इसके बाद मनोज सिंह ने उसके शरीर का नाप लिया और उसके दूसरे दिन बुलाकर उसे आईपीएस की वर्दी, आईपीएस का बैच और नकली पिस्टल दे दिया। मिथलेश वर्दी पहनकर आरोपी मनोज सिंह से मिलने निकला ही था कि इतने में सिकंदरा चौक के पास पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। 

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पुलिस के मुताबिक, मामले में सिकंदरा थाना के सब इंस्पेक्टर मोजम्मिल अंसारी की शिकायत के आधार पर मिथलेश कुमार और मनोज सिंह को आरोपी बनाया गया और मुकदमा दर्ज किया गया। मिथलेश कुमार से पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि मनोज सिंह ने उसे खैरा चौक पर वर्दी, लाइटर पिस्तौल और एक बैग देते हुए कहा कि उसकी आईपीएस में नौकरी लग गई है। वर्दी पहन कर हलसी थाना में अपना योगदान दे दे। मिथलेश ने पुलिस को बताया कि वह वर्दी पहनकर और कमर में लाइटर पिस्तौल रख कर अपनी बाइक से हलसी थाना जा रहा था,  मगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ये मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है, लेकिन एक बात जो कम लोग कर रहे हैं, वो ये है कि ये सब कुछ संभव हुआ है, उसके परिवार की शह पर। 

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