YEAR ENDER : 2021 में ऐसा क्या हुआ कि बदल गई दुनिया।
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तालिबान रिटर्न्स
अफ़ग़ानिस्तान के लिए साल 2021 इतिहास बदलने वाला साबित हुआ, अफ़ग़ानिस्तान में करीब 20 साल तालिबान की वापसी हुई। इस दौरान दुनिया ने ऐसी झकझोर देने वाली तस्वीरें देखीं जिनकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। साल 2020 में अमरीका ने तालिबान के साथ दोहा में एक समझौता किया था, इस समझौते के तहत अमरीकी सेना की वापसी का रास्ता तैयार हुआ। अमरीकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के साथ ही तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के शहरों पर क़ब्ज़ा करना शुरू कर दिया। साल 2001 में अमेरिका ने तालिबान के हाथ से सत्ता ली थी और 20 साल बाद तालिबान ने अमेरिका के हाथ से ही सत्ता वापस ले ली।
पाकिस्तान में श्रीलंकाई नागरिक को ज़िंदा जलाया
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पाकिस्तान में श्रीलंका के एक नागरिक को हिंसक भीड़ ने पीट-पीट कर जिंदा जला दिया, इस घटना की श्रीलंका की संसद ने काफी निंदा की। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने न्याय दिलाने का आश्वासन देते हुए कहा कि ये पाकिस्तान के लिए शर्म का दिन था। मरने वाले शख्स की पहचान प्रियंता कुमारा दियावदाना के तौर पर हुई, उनपर ईशनिंदा का आरोप लगाकर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। उनकी पत्नी ने पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों देशों की सरकार से न्याय की मांग की है, उन्होंने कहा कि उनके पति बेकसूर थे।
बांग्लादेश में हिंदुओं के गांव पर हमला
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एक बार फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले की घटनाएं सामने आईं। 18 अक्टूबर को अचानक देर रात हुए हमले में रामनाथपुर यूनियन में माझीपारा के जेलेपोली में कम से कम 20 घर पूरी तरह जला दिए गए हैं। वहीं, लोकल यूनियन के अध्यक्ष ने कहा है कि, हमलावरों ने 65 से ज्यादा घरों को पूरी तरह से जलाकर खाक कर दिया है। स्थानीय पुलिस ने कहा था कि, तनाव के दौरान एक फेसबुक पोस्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद स्थिति और गंभीर हो गई और भीड़ ने हिंदुओं के गांव को निशाना बनाना शुरू कर दिया था।
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म्यांमार में तख़्तापलट
म्यांमार में सेना ने देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को गिरफ़्तार करने के बाद सत्ता अपने हाथ में ले ली, सेना ने सू ची पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और सत्ता अपने हाथ में ले ली। इस गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ पूरे म्यांमार में मज़दूर देशव्यापी हड़ताल पर चले गए, आंग सान सू ची की रिहाई और देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए प्रदर्शन हुए। सेना ने एक साल के लिए म्यांमार में आपातकाल लगा दिया और सत्ता, कमांडर-इन-चीफ़ मिन ऑन्ग लिंग को सौंप दी। शुरुआत में आंग सान सू ची और उनकी पार्टी के नेताओं को उनके घरों में ही नज़रबंद कर दिया गया था लेकिन दिसम्बर में सू ची को सरकार के ख़िलाफ़ विरोध भड़काने के आरोप में चार साल की सज़ा सुनाई गई।
डेल्टा वेरियंट का कहर
साल 2021 में जब धीरे धीरे दुनिया पटरी पर लौट रही थी तभी कोरोना के डेल्टा वेरिएंट कई देशों में दिक्कत की वजह बन गया, इस वेरिएंट की पहचान सबसे पहले भारत में की गयी। बेहद ख़तरनाक ये वेरिएंट लगातार तेज़ी से म्यूटेट हो रहा है। अब तक करीब 100 देशों में ये फैल चुका है, ये सभी देशों में तेज़ी से फैल रहा है चाहे वहां टीकाकरण की दर कम हो या ज़्यादा। ब्रिटेन से लेकर अमरीका तक में सबसे ज़्यादा मामले डेल्टा वेरिएंट के ही मिले, इसका असर केवल मानव स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रहा, दुनिया का आर्थिक स्वास्थ्य भी इससे प्रभावित हुआ।
अमेरिका और ईरान के रिश्ते
अमेरिका में सत्ता बदलते ही ईरान का परमाणु कार्यक्रम और परमाणु समझौते को पटरी पर लौटने लगा। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2018 में ईरान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे, ईरान की आर्थिक स्थिति ख़राब होने लगी। ईरान ने भी परमाणु समझौते की शर्त तोड़ते हुए यूरेनियम संवर्धन की शुद्धता को तय सीमा से बढ़ाना शुरू कर दिया। साल 2021 की शुरुआत में जब जो बाइडन अमेरिका के नए राष्ट्रपति बने तो समझौता बहाल करने की कोशिशें की गयीं लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़मनेई की ओर से कहा गया कि अमेरिका को पहले सारे प्रतिबंध हटाने होंगे तभी समझौते में वापसी संभव हो सकेगी। इस समझौते को बहाल करवाने के लिए पहले पेरिस में बैठक हुई, फिर ऑस्ट्रिया के विएना में समझौते से जुड़े देशों ने मिलने का फ़ैसला किया। इस बीच साल 2021 ईरान की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन लेकर आया। ईरान में रूहानी युग ख़त्म हुआ और रईसी दौर की शुरुआत हुई।
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