सुसाइड नोट में लिखी शर्त: मेरा बेवफा पति मेरी चिता को हाथ भी न लगाए..., पुलिस ने पूरी की अंतिम इच्छा

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सुसाइड नोट में लिखी शर्त: मेरा बेवफा पति मेरी चिता को हाथ भी न लगाए..., पुलिस ने पूरी की अंतिम इच्छ...
सांकेतिक तस्वीर
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BHOPAL SUICIDE: कहते हैं कि बीवी लाख दुख बर्दाश्त कर सकती है लेकिन कभी भी अपने पति की बेवफाई उसे बर्दाश्त नहीं होती और ऐसे में जब वो टूटती है तो फिर वो पूरी तरह से बिखर जाती है, फिर उसे समेटने वाला कोई नहीं होता। ऐसा ही एक किस्सा मध्य प्रदेश के भोपाल से सामने आया। यहां एक महिला ने फांसी लगाकर खुदकुशी की। लेकिन मरने से पहले अपने मरने की वजह को एक कागज में इबारत की शक्ल में उतार गई। और उस कागज पर महिला ने जो अपना दर्द लिखा है तो उसे पढ़कर तो तफ्तीश के लिए पहुँची पुलिस की आंखों से पानी टपक पड़ा। 
ये किस्सा भोपाल के हबीबगंज इलाके का है। 1100 क्वार्टर इलाके में रहने वाली एक महिला ने तमाम दुश्वारियों से लड़ते लड़ते थकने के बाद अपनी जान देदी। लेकिन जाते जाते वो जमाने में अपने उस पति को भी रुसवा कर गई जिसकी वजह से उसे जान देने को मजबूर होना पड़ा। महिला ने अपने पति को यहां तक जलील किया कि लोग अब उसके नाम पर थू थू कर रहे हैं। 
तीन पेज का सुसाइड नोट : पूरा मामला कुछ यूं हैं कि हबीबगंज के 1100 क्वार्टर इलाके में रहने वाली 29 साल की रेनू कुडोपा पिछले 15 दिनों से अपने मायके में आकर रह रही थी। साथ में उसका चार साल का बेटा भी था। साल 2016 में रानू की शादी टीटी नगर में रहने वाले रामगोपाल कुडोपा से हुई थी। लेकिन शादी के बाद से ही दोनों पति पत्नी में अच्छी निभ नहीं पा रही थी। और रेनू के लिखे तीन पेज के सुसाइड नोट की लिखी इबारत पर यकीन किया जाए तो उसका पति राम गोपाल अय्याश किस्म का था और शादी के बाद भी वो दूसरी महिलाओं के साथ संपर्क में रहता था। इसी बात को लेकर दोनों पति पत्नी में अक्सर झगड़ा रहता था। रेनू की लिखी चिट्ठी की गवाही है कि ये सब भी वो बर्दाश्त कर लेती अगर राम गोपाल घर की तमाम जिम्मेदारियों को कुछ हद तक भी अपने कंधे पर उठा लेता। उल्टे वो तो रेनू पर ही बोझ बन गया था और उसकी कमाई पर भी अक्सर डाका डाला करता था। यहां तक कि रेनू ने अपने बेटे की खातिर जो पैसे जमा किए उन्हें भी रामगोपाल ने शराब और दूसरी औरतों पर उड़ा दिए। हालांकि रामगोपाल पीएचई का कर्मचारी था और इन दिनों ग्वालियर में उसकी तैनाती थी। 
पति की बेवफाई: पति की बेवफाई और अपने पति की अय्याशियां जब रेनू से बर्दाश्त नहीं हुई तो उसने पति से दूर रहने का मन बनाया और मायके आकर रहने लगी लेकिन मायके आकर उसका दिल बैठ गया और उसने तीन पेज का सुसाइड नोट लिखकर खुद फांसी के फंदे से झूल गई। उसने सुसाइड नोट में साफ साफ लिखा है कि उसके पति ने उसे जो धोखा दिया उसकी वजह से वो बर्दाश्त नहीं कर सकी। लिहाजा वो अपनी जान दे रही है। लेकिन उसकी आखिरी इच्छा यही है कि उसके बच्चे की कस्टडी उसके पिता बाल सिंह को सौंपी जाएं जो एक मंत्री के ड्राइवर हैं। लेकिन उसके सुसाइड नोट की सबसे हैरान करने वाली लाइन यही थी कि उसके बेवफा पति को उसकी चिता को आग लगाने मत देना। उसका अंतिम संस्कार उसके पति को न करने दिया जाए। यहां तक कि उसकी मिट्टी को भी उसका पति हाथ न लगाए। उसने लिखा कि उसका शव उसके ससुरालवालों को न दिया जाए। मेरा अंतिम संस्कार मेरे पैतृक गांव में ही किया जाए। 
बहन ने देखी सबसे पहले लाश: रेनू की छोटी बहन प्रेमा के मुताबिक सोमवार की सुबह रेनू को उसने फांसी के फंदे से लटके हुए देखा था। उसने बताया कि सुबह करीब 4 बजे उसकी नींद खुली तो उसने देखा कि रेनू अपने बेटे के साथ सो रही है लेकिन जब सुबह सात बजे सो कर उठी तो उसने रेनू को फंदे से लटका हुआ देखा। प्रेमा ने रेनू के खुदकुशी करने की बात घरवालों को बताई और घरवालों ने शव को उतारकर अस्पताल ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुँची पुलिस ने जब कमरे की छानबीन की तो उन्हें कमरे से ही तीन पेज का सुसाइड नोट मिला। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद उसका शव उसके पिता बाल सिंह को सौंप दिया। बाल सिंह ने ही अपनी बेटी का अंतिम संस्कार नर्मदापुर में किया। 
 

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