बिना KBC में गए स्टोर कीपर बन गया करोड़पति, दौलत देखकर लोकायुक्त की टीम रह गई दंग
Bhopal Retired Store Keeper: भोपाल में लोकायुक्त में एक अस्पताल के रिटायर्ड स्टोर कीपर के घर पर छापा मारा तो वहां दौलत की गंगा बहती दिखी। 45 हजार की तनख्वाह वाला स्टोर कीपर करोड़ों का मालिक निकला
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Bhopal Retired Store Keeper: कहते हैं कि अगर आदमी अपने इमान का सौदा कर ले, तो दौलत का ढेर लगने में देर नहीं लगती। अब इसकी मिसाल देखनी है तो चलिए आपको लेकर चलते हैं एक बार फिर उसी मध्य प्रदेश में जिसका कुछ अरसा पहले एक ऐड आता था, एमपी अजब है। तो उसी एमपी में कुछ वक़्त पहले एक असिस्टेंट इंजीनियर को पकड़ा गया था, जिसके पास करोड़ों की दौलत निकली थी। अबकी बार एक स्टोर कीपर करोड़पति बना नज़र आया। उसने कौन बनेगा करोड़पति खेल में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन स्टोर की चौकीदारी करते करते न जाने कैसे उसकी तिजोरी भरने लगी और देखते ही देखते वो बन गए एक और करोड़पति।
45 हजार रुपये महीना तनख्वाह
मजे की बात ये है कि उस स्टोर कीपर ने जब अपनी नौकरी से रिटायरमेंट लिया था तो उसकी तनख्वाह थी सिर्फ 45 हजार रुपये महीना। और इतनी तनख्वाह को अगर कोई जिंदगी भर यानी चालीस साल तक जोड़कर रखे, एक भी रुपया खर्च न करे तो मुमकिन है कि वो दो करोड़ से ज़्यादा की रकम इकट्ठा कर सकता है। मगर इस वक़्त मध्य प्रदेश के जिन साहब की बात हो रही है, वो तो खा पी कर ही इतने दौलतमंद हुए हैं।
दस करोड़ की दौलत का अंदाजा
असल में मध्य प्रदेश के लोकायुक्त को आय से अधिक संपत्ति के बारे में एक शिकायत मिली थी। शिकायत पर अमल करते हुए जब लोकायुक्त की टीम ने तफ्तीश की तो जो कुछ सामने आया उसने पूरी टीम की आंख एक ही झटके में खोल दी। दरअसल लोकायुक्त की टीम एक रिटायर्ड स्टोर कीपर के यहां छापा मारने पहुँची तो वहां उस कर्मचारी की आलीशान कोठी देखकर ही लोकायुक्त टीम की हालत खराब हो गई। उसके बाद जब छापा पूरा हुआ तो पता चला कि वो रिटायर्ड कर्मचारी कम से कम 10 करोड़ की दौलत का आसामी है।
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स्टोर कीपर के तौर पर रिटायर्ड
लोकायुक्त एसपी मनु व्यास के मुताबिक जिस कर्मचारी के घर पर छापा मारा गया उसका नाम अशफाक अली है। लटेरी का रहने वाला बताया गया और राजगढ़ के जिला अस्पताल में वो स्टोर कीपर के तौर पर रिटायर्ड था।
परिवार के लोगों के नाम अचल संपत्ति
छानबीन में पता चला कि अशफाक के परिवार के लोगों के नाम से 16 से ज़्यादा अचल संपत्तियां थीं। जबकि अभी 50 से ज़्यादा अचल संपत्तियों को लेकर भोपाल, विदिशा और लटेरी में छानबीन चल ही रही है। लोकायुक्त के मुताबिक स्टोर कीपर अशफाक अली ने जब रिटायरमेंट लिया तब उसकी सैलरी 45 हजार रुपये महीना थी। इसके बाद टीम ने जब छापामारी की तो उसका घर और घर में रखे माल असबाब के साथ साथ तमाम चीजों की कीमत का अंदाजा लगाया गया तो वो करीब करीब 10 करोड़ के आस पास निकली।
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आलीशान घर देखकर टीम दंग रह गई
क्योंकि लटेरी में अशफाक अली का 14 हजार स्क्वायर फीट में एक शॉपिंग कॉम्प्लैक्स बनवा रहा था। इतना ही नहीं उसने एक तीन मंजिला बिल्डिंग में स्कूल खुलवा रखा था। जबकि घर में मॉड्यूलर किचन, लाखों रुपये का झूमर और आलीशान इंटीरियर को देखकर लोकायुक्त टीम की आंखें भेंगी हो गईं।
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नोट गिनने के लिए मशीन मंगाई
लोकायुक्त की टीम ने जब भोपाल के एयरपोर्ट रोड पर अशफाक अली के घर का दरवाजा खटखटाया तो अंदर पांव रखते ही टीम की हालत खराब हो गई। आलीशान इंटीरियर को देखकर टीम दंग थी। घर के अंदर मॉड्यूलर किचन के अलावा लाखों रुपये कीमत का झूमर, फ्रिज टीवी के अलावा कीमती सोफे, और शो केश नज़र आया। छापा मारा तो करीब 46 लाख के जेवर और 20 लाख रुपये नकद मिले। नकदी इतनी ज्यादा थी कि नोट गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी।
हेमा मीणा के घर पर भी मिली थी करोड़ों की संपत्ति
आपको याद होगा कि कुछ महीनों पहले इसी लोकायुक्त की टीम ने जब इंजीनियर साहिबा यानी हेमा मीणा के घर पर छापा मारा था तो वहां से 7 करोड़ रुपये की दौलत मिली थी। लोकायुक्त टीम की अगुवाई कर रहे डीएसपी संजय शुक्ला ने कहा कि हेमा मीणा हाउसिंग कॉर्पोरेशन भोपाल में प्रभारी सहायक इंजीनियर थीं, भले ही एडहॉक पर थीं। लेकिन जब छापा मारा गया तो वहां भी दौलत की गंगा बहती दिखी।
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