बेटी के लगाए घिनौने इल्जाम के साथ 12 साल जेल में जिंदा रहा एक बाप, अब हाईकोर्ट ने किया बाइज्जत बरी
Now Father Acquitted by The High Court: जिस पिता पर उसकी सगी बेटी ने घिनौना इल्जाम लगाया था उसी बाप को पूरे 12 साल के बाद हाईकोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया।
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Acquitted by The High Court : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद अब एक बार फिर रेप के इल्जाम को लेकर बहस तेज हो गई है। मध्यप्रदेश से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों को तार तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस मुकदमें में एक बेहद पाक रिश्ता बेमौत मार दिया गया। असल में एक प्रेमी के बहकावे में आकर एक बेटी ने ही अपने पिता के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया था। भोपाल की निचली अदालत ने आरोपी पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उस पिता के लिए सजा से भी ज़्यादा तकलीफदेय वो इल्जाम था जो न तो उसने किया बल्कि जिसकी वजह से वो जेल गया उसकी वजह से एक बेहद पाक रिश्ता एक बेटी के हाथों बेमौत मारा गया।
12 साल बाद बाइज्जत बरी
वो बाप पूरे 12 सालों तक जेल की सलाखों पर सिर पटक पटक कर उस घिनौने इल्जाम के साथ जीता रहा लेकिन आखिरकार उसकी गुहार सुनी गई। और अब जाकर हाईकोर्ट ने भोपाल जिला कोर्ट का फैसला निरस्त करते हुए पिता को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने बेटी की तरफ से लगाए गए दुष्कर्म के आरोप को झूठा पाया है।
बेटी को रंगे हाथों पकड़ा था प्रेमी के साथ
असल में जबलपुर हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एक पिता के किरदार और उसकी नीयति पर जो आरोप लगाए गए उन्हें न तो पूरी तरह से स्टैब्लिश किया जा सका और न ही मजबूत दलील दी जा सकी। उस आरोपी पिता के वकील विवेक अग्रवाल ने हाईकोर्ट में बताया कि पीड़िता ने खुद अपने एक बयान में यह कहा था कि उसके पिता ने उसे प्रेमी के साथ ऐसी हालत में देख लिया था जिसे कोई भी पिता नहीं देखना चाहेगा। तब उस पिता ने वही किया जो एक पिता को करना चाहिए। पिता ने प्रेमी को वहां से भगा दिया और बेटी को जमकर डांट लगाई और उसे सही गलत समझाया। लेकिन पिता की नसीहत उस लड़की को शायद रास नहीं आई और उसने अपने प्रेमी के बहकावे में आकर और उसी के साथ मिलकर पिता के खिलाफ ही रेप का केस दर्ज करवा दिया।ऐसे में हाईकोर्ट ने वकील की दलील और साक्ष्यों के आधार पर पहले तो फैसला पलटा।
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पूरा घटनाक्रम सिलसिलेवार-
पूरा घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है कि भोपाल के छोला मंदिर पुलिस थाने में 21 मार्च 2012 को पीड़िता ने अपने नाना के साथ जाकर पिता के खिलाफ रेप की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
उसने आरोप लगाया कि 18 मार्च 2012 को पिता ने दुष्कृत्य किया
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पुलिस ने जाँच के बाद चालान पेश किया और सेशन कोर्ट ने 15 फरवरी 2013 को आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
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हाई कोर्ट में पिता की ओर से दलील दी गई कि पीड़िता ने कई बार अपने बयान बदले
एमएलसी रिपोर्ट में भी जबरन ज्यादती की बात सामने नहीं आई
पीड़िता ने खुद अपने बयान में कहा कि उसके पिता ने उसे प्रेमी के साथ देखा था
सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपील स्वीकार कर भोपाल सेशन कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया
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