महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े नहीं करना चाहता था मुक्ति, पर कुछ ऐसा हुआ, जिसकी वजह से वो बन गया 'हैवान'! अब पुलिस के पास मौजूद है एक सबूत और वो है 'कागज़ पर क़त्लनामा'

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महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े नहीं करना चाहता था मुक्ति, पर कुछ ऐसा हुआ, जिसकी वजह से वो बन गया 'हैवान'! अब पुलिस के पास मौजूद है एक सबूत और वो है 'कागज़ पर क़त्लनामा'
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Bengaluru News: महालक्ष्मी के ज़िंदगी में बेशक कई दोस्त हों, लेकिन उसके साथ काम करने वाला मुक्ति रंजन रॉय सिर्फ और सिर्फ़ उसे ही चाहता था। वो महालक्ष्मी को लेकर पूरी तरह कमिटेड था, मगर इस लव स्टोरी में सबसे अजीब और दर्दनाक ट्विस्ट तब आया, जब मुक्ति रंजय रॉय की नज़र एक रोज़ महालक्ष्मी के मोबाइल फोन पर पड़ गई।

आरोपी ने अपने भाई को बताई थी एक-एक बात, सुसाइड नोट से भी हुआ खुलासा

असल में महालक्ष्मी के मोबाइल में उसकी कई और लोगों के साथ तस्वीरें थीं। इन तस्वीरों को देख कर मुक्ति रंजन का दिमाग खराब हो गया। उसने इस मामले में महालक्ष्मी से बात की और यहीं से दोनों की लव स्टोरी में दरार पड़ गई। असल में मुक्ति रंजन महालक्ष्मी से शादी करना चाहता था, उसे इसके लिए राज़ी करने में लगा था, जबकि महालक्ष्मी लगातार उसे टाल रही थी। 3 सितंबर यानी क़त्ल वाली रात भी दोनों के बीच लड़ाई की शुरुआत कुछ इन्हीं वजह से हुई। मुक्ति रंजन महालक्ष्मी के घर में मौजूद था, उसे शादी के लिए मनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन महालक्ष्मी उसे मना कर रही थी। 

महालक्ष्मी पहले से शादीशुदा तो थी ही, उसके पति ने उसके खिलाफ थाने में एक रिपोर्ट भी लिखवा रखी थी, जिसमें उसने बताया था कि महालक्ष्मी के अशरफ नाम के एक लड़के के साथ भी रिश्ते हैं। महालक्ष्मी की जिंदगी में आने के बाद अब मुक्ति रंजन को भी उसका ये सच का पता चल चुका था और ऐसे में जब महालक्ष्मी उससे शादी के लिए इनकार कर रही थी, तो मुक्ति रंजन ने समझा कि शायद अलग-अलग लोगों से अफयेर के चलते वो उसे रिजेक्ट कर रही है, जबकि दूसरी तरफ मुक्ति रंजन ना सिर्फ महालक्ष्मी पर अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर रहा था, बल्कि उसे महंगे तोहफे भी दिया करता था और अब वो उसे लेकर महालक्ष्मी के इस रवैये को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। इसके अलावा सुसाइड नोट में भी खुलासा हुआ था कि वो महालक्ष्मी से प्यार करता था, लेकिन वो उसके प्यार को इग्नोर कर रही थी। यहां तक कि वो उसे केस में फंसाने की धमकी तक दे रही थी। 

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मुक्ति ने अपने भाई को सच बताया था

मामले की जांच कर रही बेंगलुरु पुलिस को मुक्तिरंजन के छोटे भाई स्मृति रंजन रॉय के हवाले से ये बातें पता चली हैं। दरअसल, महालक्ष्मी के क़त्ल से पहले मुक्ति रंजन ने अपने भाई से अपनी निजी ज़िंदगी में चल रही इस उथल-पुथल की स्टोरी शेयर की थी। महालक्ष्मी को जानने वाले लोगों ने पुलिस को बताया है कि वो बेहद गुस्सैल स्वभाव की थी और मन मुताबिक बात नहीं होने पर लड़ने-झगड़ने पर उतारू हो जाती थी। कई बार बात मारपीट तक भी पहुंच जाती थी और तो और महालक्ष्मी के खिलाफ पुलिस को दी गई एक शिकायत में उसके पति हेमंत दास ने भी कुछ ऐसी ही बातें बताई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक 3 और 4 सितंबर की दरम्यानी रात को अलग-अलग लोगों से महालक्ष्मी की दोस्ती, शादी, रुपये-पैसों की लेन-देन समेत कई मसलों को लेकर महालक्ष्मी और मुक्ति रंजन के बीच लड़ाई चल रही थी, लेकिन देखते ही देखते ये लड़ाई हाथपाई तक पहुंच गई। महालक्ष्मी ने मुक्ति रंजन पर हमला कर दिया, लेकिन शरीर से तगड़े मुक्ति रंजन ने जब महालक्ष्मी पर पलटवार किया, तो फिर उसे संभलने का मौका ही नहीं मिला। इसके बाद उसने गुस्से में महालक्ष्मी का गला घोंट दिया और उसकी जान ले ली। 

सीसीटीवी में दिखा था आरोपी, आरोपी ने देखे थे श्रद्धा मर्डर केस के कुछ वीडियोज़ 

लेकिन इंसानियत की तमाम हदों से नीचे गिर कर महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े करने जैसा भयानक काम अभी बाकी था। 3 सितंबर की रात को महालक्ष्मी की हत्या करने के बाद मुक्ति रंजन पूरी रात उसकी लाश के साथ उसके मकान में ही बैठा रहा। वो सारी रात लाश को ठिकाने लगाने की तरकीब सोचता रहा। दिमाग दौड़ाता रहा और फिर 4 सितंबर की सुबह करीब 11 बजे वो महालक्ष्मी की लाश के टुकड़ने करने के लिए एक बड़ा सा चाकू खरीदने के इरादे से घर से निकला। 4 सितंबर को मुक्ति रंजन के घर से बाहर निकलने और फिर चाकू खरीद कर वापस लौटने की ये तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं। पुलिस को तफ्तीश में पता चला है कि क़त्ल के बाद 3 और 4 की रात को मुक्ति ने लाश ठिकाने लगाने का आइडिया तलाशने के लिए रात भर कई वीडियोज़ देखे और सूत्रों की मानें तो इसी कड़ी में श्रद्धा मर्डर केस के कुछ वीडियोज़ पर उसकी निगाहें गईं, जिनमें आरोपी आफताब पूनावाला को श्रद्धा की लाश के टुकड़े कर उन्हें किश्तों में ठिकाने लगाने के बारे में बताया गया था और बस यहीं से मुक्ति रंजन को भी महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े करने का ख्याल आया और वो अगले दिन सुबह बाज़ार से एक बड़ा सा चाकू खरीद कर लाया। लाश के टुकड़े करने से पहले वो उस चाकू के कवर को घर से बाहर फेंकता हुआ भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है।

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...जब आरोपी की हिम्मत जवाब दे गई

मुक्ति रंजन लाश के टुकड़े कर उन्हें महालक्ष्मी के घर में पड़े एक सूटकेस में डाल कर उसे ठिकाने लगाना चाहता था, लेकिन लाश के टुकड़ने करने के उसकी हिम्मत जवाब दे गई और फिर उसने अपना आगे का प्लान रद्द कर दिया। उसने लाश के टुकड़ों को फ्रिज में ठूंसा और महालक्ष्मी के घर से फरार हो गया। इस तरह महालक्ष्मी के कत्ल की भयानक वारदात को अंजाम देने के बाद उसने अपना मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ कर लिया और अंडरग्राउंड हो गया। उधर, बेंगलुरु में ही इलेक्ट्रॉनिक सिटी के पास रहने वाले मुक्ति रंजन का छोटा भाई स्मृति रंजन लगातार उससे बात करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसका फोन नहीं लग रहा था। बाद में जब मुक्ति रंजन ने अपने फोन ऑन किया, तो स्मृति ने उसे कॉल कर अपना फोन स्विच्ड ऑफ कर लेने की वजह पूछी और तभी मुक्ति रंजन ने अपने भाई को बताया कि उसने अपनी पार्टनर महालक्ष्मी का क़त्ल कर दिया है। मुक्ति ने अपने भाई से कहा कि वो भी फौरन अपना कमरा खाली कर कहीं और चला जाए, बाकी बातें वो बाद में उसे मिल कर बताएगा। उसने अपने भाई से ओडिशा भागने के प्लान के बारे में भी बताया था और अपनी फरारी काटने के लिए कुछ रुपये भी उधार मांगे थे, लेकिन जब क़त्ल का खुलासा हुआ, पुलिस की मुक्ति के भाई से बात हुई और मुक्ति की तलाश शुरू हुई, तो पुलिस को मुक्ति का पहला लोकेशन पश्चिम बंगाल का मिला। इसके बाद पुलिस पश्चिम बंगाल और ओडिशा में मुक्ति रंजन की तलाश कर रही थी, लेकिन इससे पहले कि पुलिस उसे पकड़ पाती, मुक्ति रंजन ने खुदकुशी कर ली।

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दोनों के बीच विवाद पुलिस तक पहुंचा था

पुलिस को अपनी जांच में पता चला है कि महालक्ष्मी और मुक्ति रंजन करीब छह महीने से रिलेशन में थे, लेकिन हाल के दिनों में दोनों के बीच अक्सर लड़ाइयां होने लगी थी। दोनों की कई बार व्यालीकवल के उस मकान में भी तीखी झड़प हुई, जहां महालक्ष्मी अकेली किराये पर रहती थी। बात इतनी बढ़ी कि आस-पास के लोगों को भी खबर हो गई और एक आध बार तो मामला पुलिस तक भी जा पहुंचा, लेकिन बाद में दोनों ने आपसी रजामंदी से अपने बीच हुए झगड़े को निपटा लिया था, लेकिन एक रोज़ यही झगड़ा महालक्ष्मी के क़त्ल और उसके पचास से ज्यादा टुकड़ों में बंट जाने की वजह बन जाएगा, ये किसी ने भी नहीं सोचा था। मुक्ति रंजन रॉय ने अपने सुसाइड में इन झगड़ों का जिक्र किया है, साथ ही ये भी बताया है कि किस तरह झगड़े के मामले में उसे पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद छूटने के लिए उन्हें रिश्वत तक देनी पड़ी। बेशक अब क़ातिल और मकतूल दोनों ही इस दुनिया से जा चुके हैं, लेकिन इस भयानक मर्डर मिस्ट्री की हैरान करने वाली कहानियां कुछ यूं ही रह-रह कर सामने आ रही हैं। 

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